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गिलाद शालित की घर वापसी हुई

१८ अक्टूबर २०११

पांच साल तक चरमपंथी संगठन हमास की कैद में रहने के बाद इस्राएली सैनिक गिलाद शालित की घर वापसी हो गई है. इसके बदले इस्राएल को सैकड़ों फलीस्तीनियों की रिहाई के लिए राजी होना पड़ा है. दोनों तरफ जश्न का माहौल है.

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तस्वीर: AP

अपने देश जाने से पहले शालित ने मिस्र के एक चैनल से बताचीत में कहा, "मुझे अपने परिवार की बहुत याद आई." उन्हें गजा पट्टी से पहले मिस्र और वहां से इस्राएल भेजा गया. शालित ने उम्मीद जताई कि हमास और इस्राएल के बीच कैदियों की अदला बदली के हुए डील से दोनों पक्षों के बीच शांति कायम होगी.

इससे पहले 25 साल के शालित को गजा पट्टी से मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप पर ले जाया गया और मिस्र के अधिकारियों के हवाले कर दिया गया. शालित को बाद में इस्राएल ले जाया जाएगा.

उधर फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और पश्चिमी तट में हमास के सर्वोच्च नेता हसन यूसुफ ने मंगलवार को रिहा किए गए 133 फलीस्तियों का स्वागत किया. फतह और हमास के बीच इस तरह की एकजुटता कम ही देखने को मिलती है. कुछ महीनों पहले तक दोनों के बीच गुट राजनीतिक मतभेदों थे. इससे पहले उनके बीच सशस्त्र संघर्ष भी चलता रहा है.

मंगलवार को इस्राएल 477 कैदियों को गिलाद शालित के बदले रिहा करने वाला है. इनमें से कुछ को सिनाई ले जाया जाएगा और फिर वहां मिस्र के अधिकारियों के जरिए गजा भेजा जाएगा. करीब 40 कैदियों को तुर्की, कतर और सीरिया में निर्वासित किया जाएगा और बाकी 550 फलीस्तीनियों को दूसरी बार में रिहा किया जाएगा. मिस्र की मध्यस्थता से हुए समझौते के हिसाब से दो महीने में बाकी फलीस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाना है.

###Nicht für Flash-Galerien verwenden!### Palestinian prisoners stand in line as they wait for their release from the Ofer Prison near the West Bank town of Ramallah, Monday, Dec. 15, 2008. Israel says it is releasing 227 Palestinian prisoners in a gesture aimed at bolstering the moderate Palestinian government. Israeli prison service spokesman Yaron Zamir says the release will take place around midday Monday. (AP Photo/Sebastian Scheiner)
तस्वीर: AP

खुशी का माहौल       

गिलाद शालित की रिहाई से इस्राएल में खुशी का माहौल है क्योंकि शालित को सभी का बेटा कहा जाता है और लोग उन्हें काफी पसंद करते हैं. सर्वेक्षण बताते हैं कि इस्राएली जनता 'हजारों के बदले एक' डील के समर्थन में थी. हालांकि जिन कैदियों को शालित के बदले रिहा किया जा रहा है उनमें से अधिकतर को जानलेवा हमलों के मामले में दोषी करार दिया गया था. वहीं फलीस्तीनी भी इस डील से खुश हैं और हमास इसे अपनी जीत बता रहा है. कैदियों का स्वागत धूमधाम से किया जाएगा.

सोमवार देर शाम इस्राएल के सुप्रीम कोर्ट ने कैदियों की अदला बदली को स्वीकृति दी और जनहित याचिका को खारिज किया जिसमें लोगों ने बहुत सारे कैदियों को रिहा करने के खिलाफ अपील की थी.    

गिलाद शालित को जून 2006 में अगवा किया गया था. तब से वह हमास की कैद में ही थे.

ऊंची कीमत

फलीस्तीनी कैदियों को रिहा करना इस्राएल के लिए हमेशा से एक बड़ा भावनात्मक मुद्दा रहा है. कई जानकारों का मानना है कि शालित के लिए इस्राएल ने जो कीमत चुकाई है वह बहुत ज्यादा है. नेतन्याहू ने अपने एक पत्र में लिखा था, "मैं समझ सकता हूं कि आपको कितनी मुश्किल हो रही होगी कि आपके अपने प्यारों के खिलाफ क्रूर अपराध करने वाले लोगों को पूरी सजा नहीं भुगतनी पड़ेगी."

फलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास कोशिश में है कि इस्राएल के साथ बातचीत और समझौते के बगैर ही संयुक्त राष्ट्र फलीस्तीन को एक स्वतंत्र देश का दर्जा दे दे. पश्चिमी तट पर विवाद और मतभेद के कारण इस्राएल और फलीस्तीनियों के बीच 13 महीने पहले बातचीत रुक गई थी.

रिपोर्टः रॉयटर्स, एएफपी/आभा एम

संपादनः ए कुमार

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