गायों के चलते ऑस्ट्रिया में बदल रहे हैं कानून
१२ मार्च २०१९ऑस्ट्रिया अब किसानों की सुरक्षा के लिए नई नीतियों पर विचार कर रहा है. 2014 में एक किसान की गाय ने ऑस्ट्रिया के आल्प पहाड़ों को घूमने आई एक जर्मन सैलानी को मार दिया था, जिसके बाद अदालत ने किसान को मृत जर्मन महिला के परिवार को मुआवजा देने का आदेश दिया था.
अदालत के इस निर्णय से किसानों में अंसतुष्टि थी. मामला इतना बढ़ा कि अब सरकार को भी कहना पड़ा है कि आल्प देखने वाले हाइकर्स को "कोड ऑफ कंडक्ट" मतलब तय दिशानिर्देशों का पालन करना होगा. ऑस्ट्रिया के चांसलर कुर्त्स सेबास्टियान ने मीडिया से बातचीत में कहा, "इन दिशानिर्देशों में स्पष्ट रूप से बताया जाएगा कि हम उन लोगों से क्या उम्मीद करते हैं जो पहाड़ी चरागाहों का इस्तेमाल करते हैं."
टायरॉल शहर की इस घटना में पहाड़ी चरागाह में रहने वाली एक गाय ने वहां घूमने आई जर्मन महिला पर उसके कुत्ते से डर कर हमला कर दिया था. इस हमले में महिला की जान चली गई थी. अदालत ने इस मामले में गाय मालिक किसान को उसे बाड़ के अंदर न रखने का दोषी पाया था.
मादा गाय को डर रहता है कि कहीं कुत्ते उसके बछड़ों पर हमला न कर दें, इसलिए वह कुत्ते से अपने बच्चों को बचोने की कोशिश में रहती है. ऑस्ट्रिया की पर्यटन मंत्री एलिजाबेथ कोएस्टिंगर ने कहा, "हम नहीं चाहते कि पहाड़ों के चरागाह बंद किए जाएं. इसलिए हमें यहां आने वाले लोगों को जंगली और खेतों में रहने वाले जानवरों के व्यवहार के बारे में बताना होगा." आमतौर पर पहाड़ों में टहलने आने वालों को अपने कुत्ते छोड़ने की सलाह दी जाती है. जर्मन महिला के मामले में कुत्ता उसकी कमर से कसकर बंधा था.
वहीं ऑस्ट्रियाई चांसलर ने अब तक यह तो नहीं बताया है कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाएगी. हालांकि ये जरूर कहा है कि नई नीतियों में हाइकर्स और उनके साथ आने वाले कुत्तों पर भी विचार किया जाएगा. कुर्त्स ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि अगर लोग तय दिशानिर्देशों का पालन करेंगे तो ऐसी कोई भी घटना नहीं होगी. वहीं अगर कोई नियमों का पालन नहीं करता और तब कोई दुर्घटना होती है, वह किसी भी तरह का दावा नहीं कर सकेगा."
एए/आईबी (डीपीए, रॉयटर्स)