गांजा फूंकने में दुनिया में तीसरे नंबर पर है दिल्ली
जर्मनी की मार्केट रिसर्च फर्म एबीसीडी ने दुनिया के 120 देशों के 2018 के आंकड़ों के आधार पर सूची बनाई है. कैनाबिस प्राइस इंडेक्स के आधार पर बताया गया है कि कहां गांजा खरीदना वैध या अवैध है और कहां इसकी कितनी खपत होती है.
न्यूयॉर्क, अमेरिका
अमेरिका में कुछ राज्यों में इस पर बैन है तो कहीं कहीं यह वैध है. यहां एक ग्राम की कीमत है करीब 10.76 डॉलर और एक साल में करीब 77.44 मीट्रिक टन की खपत होती है.
कराची, पाकिस्तान
देश में इस पर प्रतिबंध है. फिर भी 5.32 डॉलर प्रति ग्राम की कीमत देकर इसे खरीदा जा सकता है. महानगर में सालाना करीब 41.95 मीट्रिक टन गांजे की खपत होती है.
नई दिल्ली, भारत
देश में भी इस पर आंशिक रूप से ही बैन है. खरीदने वालों को 4.38 डॉलर प्रति ग्राम के हिसाब से यह मिल जाता है और एक साल में खपत होती है करीब 38.26 मीट्रिक टन की.
लॉस एंजेलिस, अमेरिका
यहां गांजा खरीदना वैध है. और 8.14 डॉलर में एक ग्राम कैनाबिस खरीदा जा सकता है. साल भर में खपत होती है करीब 36.06 मीट्रिक टन की.
काहिरा, मिस्र
काहिरा में गांजे पर प्रतिबंध हैं. अवैध होने के कारण यहां एक ग्राम के लिए 16.15 डॉलर तक देने पड़ते हैं. तब भी सालाना 32.59 मीट्रिक टन की खपत होती है.
मुंबई, भारत
गांजा की खरीद और फरोख्त पर आंशिक तौर पर प्रतिबंध हैं. कीमत 4.57 डॉलर प्रति ग्राम के आसपास और वार्षिक खपत 32.38 मीट्रिक टन है.
लंदन, ब्रिटेन
यहां भी अवैध रूप से गांजे की बिक्री और खरीद होती है. दाम 9.2 डॉलर प्रति ग्राम और 2018 की सालाना खपत 31.4 मीट्रिक टन रही.
शिकागो, अमेरिका
आंशिक रूप से बैन होने के कारण एक ग्राम का दाम औसतन 11.46 डॉलर रहता है और साल भर में 24.54 मीट्रिक टन की खपत हुई.
मॉस्को, रूस
जगमगाती राजधानी में गांजे पर आंशिक रूप से प्रतिबंध हैं. दाम 11.84 डॉलर प्रति ग्राम और सालाना खपत 22.87 मीट्रिक टन रही.
टोरंटो, कनाडा
आंशिक रूप से लगे प्रतिबंधों के कारण एक ग्राम गांजा खरीदने के लिए औसतन 7.82 डॉलर देने पड़े और साल भर में करीब 22.75 मीट्रिक टन की खपत हुई.
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