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गगनचुंबी इमारतों में ग्रीनहाउस

११ नवम्बर २०१०

बड़े शहरों में भी गगनचुंबी इमारतों में ग्रीन हाउस बनाकर खेती की जा रही है. क्या यह विश्व की खाद्य समस्या मिटाने का एक नया नुस्खा होने जा रहा है?

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अब ऐसे दृश्य इमारतों मेंतस्वीर: Regina Peeters

आज भी दुनियाभर में खेती बाड़ी ही मनुष्य के जीने का आधार है. संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक सन 2050 में दुनिया की आबादी 11 अरब हो जाएगी. यानी आज से करीब 4 अरब ज्यादा. लेकिन इतने सारे लोगों को खिलाना मुश्किल है. यदि किसान अपने खेतों का क्षेत्र बढ़ाते हैं, तो वन और कम होंगे. जमीन की उरवरा शक्ति भी घट रही है जिससे रेगिस्तान बढ़ने का खतरा रहता है. लेकिन न्यूयॉर्क की मशहूर कोलंबिया यूनिवर्सिटी के जीव विज्ञानी दिकसन देपोमिये का मानना है कि बड़े शहरों में भी पौधों को बड़े पैमाने पर लगाया जा सकता है. उदाहरण के लिए गगनचुंबी इमारतों में. देपोमिये बताते हैं.

दरअसल मुझे ऐसा लगता है कि गगनचुंबी इमारतों में पौधे और खेत लगाना कोई नया खयाल नहीं है. कई लेखकों ने इस खयाल को अपनी किताबों में बहुत पहले प्रकट किया है. लेकिन औद्योगिक तरीके से ऐसा करना नया होगा. दुनियाभर में आपको कोई कई मंजिला ग्रीनहाउस नहीं मिलेगा, क्योंकि जहां पर भी ग्रीनहाउस लगाए जाते हैं, वहीं पर जमीन बहुत सस्ती है. अमेरिका में तो रेगिस्तान में 128 हेक्टेयर बड़ा ग्रीनहाउस बनाया गया है. - दिकसन देपोमिये

ग्रीनहाउस का मतलब है कि पौधों के लिए एक विशेष तरह का घर बनाना. उसकी खिड़कियां पारदर्शी होती हैं ताकि सूरज की किरणों की वजह से ग्रीनहाउस अंदर से हमेशा गर्म रहे और पौधे साल भर उग सके. इसका एक फायदा यह भी होता है कि पौधे सुरक्षित रहते हैं. 70 साल के अमेरिकी वैज्ञानिक दिकसन देपोमिये इस बात पर जोर देते हैं कि खासकर एशिया और अफ्रीका में हर दिन वनों को खेत बनाने के लिए नष्ट किया जा रहा है जिसकी वजह से कई प्रजातियां भी विलुप्त होने के कगार पर हैं. शहरों के अंदर 30 मंजिला ग्रीनहाउस बनाने के लिए सिर्फ कई चीज़ों का ध्यान देना पड़ेगा. दिक्सन देपोनिये बताते हैं.

सबसे जरूरी है कि एक मंजिल के बीज, दूसरे मंजिल के बीजों के साथ मिल न जाएं यानी उदाहरण के लिए मक्का वहां नहीं उगने लगे जहां गेहूं उगाया जा रहा है, वगैरा वगैरा. एक ऐसे ग्रीन हाउस में काम करने वाले लोगों को साफ सफाई का बहुत ध्यान रखना पडेगा, ताकि वह पौधों के लिए खतरनाक बीमारियों को एक मंजिल से दूसरी मंजिल में पहुंचाए. इसके अलावा यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि ग्रीनहाउस के अंदर हवा का दबाव बाहर से ज्यादा है और बाहर की हवा अंदर न आए. - दिकसन देपोमिये

Fotomontage Shanghai Tower
आज के शहर - शंघाईतस्वीर: picture-alliance/ dpa

वैज्ञानिक देपोमिये इसके अलावा गगनचुंबी इमारतों में कई और फायदों के बारे में भी बताते हैं. बाहर यानी साधारण तरीके से खेती बाड़ी करने के साथ समस्या यह है कि किसानों को कितनी फसल मिलती है, वह सब प्रकृति के हाथों में है. साथ ही जब किसी बीमारी की वजह से फसल खराब हो जाती है तब किसान एक साल बाद ही नए बीज उगा सकता है. लेकिन वैज्ञानिक देपोमिये के ग्रीनहाउस में ऐसी स्थिति में किसान एक दिन बाद ही नए बीज जमीन में डाल सकते हैं.

वैज्ञानिक देपोमिये एक कदम और आगे भी सोचते हैं. वो बताते हैं कि शहरों में पौधे पानी को साफ करने के लिए भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं. इसी तरह एशिया, लैतिन अमेरिका या अफ्रीका के उन शहरों के लिए लोगों के लिए साफ पानी उपलब्ध करवाया जा सकता है जहां करोड़ों लोग रहते हैं और हमेशा पानी की कमी रहती है.

रिपोर्ट प्रिया एसेलबोर्न

संपादन उज्ज्वल भट्टाचार्य