खास तस्वीर: वसंत के आगमन पर ठंड, बाढ़ और पाला
चमकती खिलखिलाती धूप लेकिन साथ कड़ाके की ठंड. इंसान तो छोड़िए यूरोप के मौसम ने इस समय पौधों को परेशान कर रखा है. कोपलें निकल रही हैं, लेकिन ठंड से कुम्भला भी रही हैं.
सुरक्षित रहे ऐतिहासिक मकान
जर्मनी के उत्तरी शहर विसमार में लोगों ने चैन की सांस ली. तूफान के बाद बाढ़ का अंदेशा था, लेकिन समुद्रतट पर बसा शहर बच गया. समय रहते लोगों ने रेत की बोरियां डालीं और जान माल का नुकसान होने से बचा लिया. समुद्र का पानी तालाबों में आया और उसने शहर को डुबो दिया.
मददगारों की जरूरत
यहां कोई वायरस के डर से प्लास्टिक के नीचे नहीं छुपा है. जानकार लोगों ने जान लिया होगा कि ये एसपेरेगस के खेत हैं, फसल कटने का समय आ गया. ऐसपरेगस आलू की तरह जमीन के नीचे होता है और उसे काटकर निकालना पड़ता है. कोरोना संकट के चलते इस समय फसल निकालने वाले नहीं मिल रहे हैं.
शाम की लालिमा में खेती
किसान भी जानते होंगे कि बीज बोने से पहले मिट्टी को बार बार जुताई कर हल्का किया जाता है. जर्मनी में यह काम मशीन से होता है. कोरोना ने किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. एक ओर पूर्वी यूरोप से खेती में मदद करने वाले मजदूर नहीं आ रहे तो दूसरी ओर कोरोना के बावजूद लोगों को खाना भी उपलब्ध कराना है.
शोक मनाते गुलाब
फूल स्नेह और खुशी का प्रदर्शन करते हैं, लेकिन केन्या के ब्लिस फ्लोरा फार्म के सफेद गुलाब बेचे जाने से पहले ही कचरे में फेंक दिए जाएंगे. कोरोना संकट के चलते यूरोप में फूलों का कोई खरीदार नहीं है. अफ्रीका से फूलों का ट्रांसपोर्ट नहीं हो रहा है. सामान्य दिनों में ब्लिस फ्लोरा फार्म में हर रोज यूरोप के बाजार के लिए 1,20,000 फूल छांटे जाते थे.
वसंत या शरद
पिछले दिनों तापमान 20 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, अब पारा नीचे आ गया है. सर्दियां फिर से वापस लौट गई लगती हैं. हालांकि सूरज अपनी पूरी छटा में चमकता है लेकिन रातें बर्फीली ठंड में डूबी होती हैं. फल उपजाने वाले किसान परेशान हैं. उनके पौधों को पाला बर्बाद कर सकता है.
शादी लेकिन मेहमान नहीं
इन दिनों जिसने अपनी शादी तय कर रखी थी, उसे वीसबाडेन के जस्टीन और यूल की तरह मेहमानों के बिना ही काम चलाना होगा. सारी योजनाएं धरी की धरी रह गई और इस जोड़े ने लगभग अकेले ही शादी की. जर्मनी के हेस्से प्रांत में कोरोना की वजह से सार्वजनिक जगह पर लोगों के इकट्ठा होने पर रोक है.
परेशान लोग परेशान शहर
कोरोना वायरस की वजह से लोग नूडल, डब्बाबंद खाने के सामान और टॉयलेट पेपर की जमाखोरी कर रहे हैं. कई जगहों पर सुपर मार्केट के रैक खाली हो जाते हैं. कई बार तो लोग इतने परेशान है कि टॉयलेट पेपर के आखिरी रोल के लिए झगड़ लेते हैं.
फीका रहा नया साल नवरोज
फारसी नववर्ष के मौके पर दरअसल वसंत का जश्न मनाने के लिए परिवार के लोग और रिश्तेदार और दोस्त इकट्ठा होते हैं. लेकिन इस साल कोरोना संकट के कारण ईरान में लोगों ने ये त्यौहार घर पर ही मनाया. जर्मनी में रहने वाले कई पीढ़ियों वाले परिवार भी इस साल कोरोना की वजह से साथ नहीं आ पाए.
सुनसान रेगिस्तान में
दुनिया के रोमांचक साइकिल रूटों में से एक को पार करने में साइकिल चालकों को डेढ़ से तीन घंटे लगते हैं. अमीरात का ये रेगिस्तानी रास्ता 50 किलोमीटर लंबा है. हालांकि अल कुद्रा साइकिल रूट ज्यादातर मैदानी इलाके से गुजरता है, लेकिन इलाके का नजारा अद्भुत है और सुबह की बयार अनोखी है.
ब्रिटेन के भूरे सील
ब्रिटेन में भूरे सील के लिए शुरू किया गया संरक्षण कार्यक्रम कामयाब रहा है. पिछली सदी में उसकी आबादी गिरकर कुछ सौ रह गई थी, इस बीच ब्रिटेन के तटों पर वह बढ़कर 130,000 से ज्यादा हो गया है. उनमें से कुछ मार्च में होर्सी बीच पर आकर अपने पुराने बाल छोड़ते हैं ताकि उनकी जगह नए निकल सकें.
वसंत की बहार
जर्मनी में पिछले दिनों तापमान बढ़ा तो फूलों की बहार आ गई. समय से पहले ही चेरी के फूल निकल आए. श्वेत्सिंगेन के पैलेस गार्डन में दूर दूर तक सफेद और गुलाबी फूलों की बहार दिख रही थी. फूल खिलते हैं तो दूर दूर से पर्यटक भी ये नजारा देखने पहुंचते हैं. लेकिन कोरोना ने ये समां ज्यादा दिनों तक रहने नहीं दिया.
घर में ही रहो
जर्मनी में स्कूल और किंडरगार्टन बंद हैं. सीमाएं बंद हैं, शहर और कस्बे बंद हैं. कोरोना वायरस को रोकने के लिए लोगों को अपने घरों में रहना पड़ रहा है और आजादी को सीमाओं में बांधना पड़ रहा है. वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी लोगों से घरों में रहने की अपील कर रहे हैं.
कोरोना के खिलाफ संगीत
भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ रहे नायकों के समर्थन में ताली और थाली बजाए जाने से पहले ही इस इटैलियन महिला ने बर्तन के दो ढक्कनों के साथ पड़ोसियों के साथ कोरोना विरोधी कंसर्ट में हिस्सा लिया. लोग बाल्कनी में खड़े होकर डर, अकेलापन और बोरियत मिटाने के लिए साथ में गीत गाते हैं.
कोरोना से डर नहीं
कोरोना वायरस बड़े छोटे, अमीर गरीब, नेता और लोगों के बीच कोई भेद नहीं कर रहा है. उत्तर कोरिया में भी सैनिकों ने कोरोना से बचाव के लिए मुंह और नाक को मास्क से ढक रखा है. सिर्फ एक को कोरोना का कोई भय नहीं, वह हैं उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन.
न्यूयॉर्क का गगनचुंबी प्लेटफॉर्म
न्यूयॉर्क में ऑब्जर्वेशन प्लेटफॉर्म द एज गगनचुंबी इमारत 30 हडसन यार्ड के 100वें माले पर किसी चोंच की तरह बाहर निकलता दिखता है. ये पश्चिमी दुनिया का सबसे ऊंचा प्लेटफॉर्म है जहां से शहर को देखा जा सकता है. और पिछले हफ्ते से लोग यहां जा सकते हैं और न्यूयॉर्क का नजारा देख सकते हैं.
नियोजित वापसी
चीन ने कोरोना पर लगभग काबू पा लिया लगता है. जब कोरोना के हॉट स्पॉट वुहान में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए एक अस्थायी अस्पताल को बंद किया गया तो कर्मचारियों ने जश्न मनाया. यहां वे अलग अलग रंग के ड्रेस में अस्पताल को बंदे किए जाने के मौके पर दिखाई दे रहे हैं.
वसंत की दस्तक
जर्मनी में सर्दियों के बाद जब वसंत दस्तक देता है तो नजारा कुछ ऐसा होता है. जंगलों और बगीचों में सफेद, पीले और बैंगनी रंग के केसर के पौधे खिल आते हैं. रंगों का अद्भुत समां होता है. पत्रहीन नग्न पेड़ों के नीचे रंगों की खूबसूरती ट्रेकिंग के शौकीनों को जंगलों की ओर खींच ले जाती है.
विरोध का ये तरीका
विरोध का ये तरीका इस तस्वीरों के साथ रोमानिया की राजधानी में महिला संगठन डेक्लिक की कार्यकर्ताओं ने संसद से हिंसक अपराधियों की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी का कानून पास करने की मांग की. रोमानिया में हिंसा का शिकार होने वाले महिलाओं की संख्या यूरोपीय औसत से बहुत ज्यादा है.
कोरोना काल में परंपराएं
दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में गायओंगबोकगुंग महल के सामने खड़ा पहरेदार सिर्फ परंपरागत ड्रेस ही नहीं पहनता, ड्रेस में अब मास्क भी शामिल हो गया है. दक्षिण कोरिया भी कोरोना वायरस का शिकार होने वाले शुरुआती देशों में था, लेकिन अब उसने वायरस पर बहुत हद तक काबू पा लिया है.