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खर्च करने में दिल्ली टॉप पर

६ अप्रैल २०१०

जब खर्च करने की बात आती है तो दिल्ली वाले पीछे नहीं, सबसे आगे पहले नंबर पर नज़र आएंगे. किराया, कपड़े या पढ़ाई नहीं, दूध पर खर्च करती है दिल्ली.

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सबसे खर्चीला शहरतस्वीर: AP

दिल्ली सरकार के द्वारा सोमवार को पेश की गई आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में हर महीने प्रति व्यक्ति 2,078 रुपए का खर्चा करता है. जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह ऑकड़ां सिर्फ 1472 रुपये है। केरल में प्रति व्यक्ति खर्च 1948 रुपए, हरियाणा में 1,628 रुपए, कर्नाटक में 1,668 रुपए, महाराष्ट्रामें 1,709 रुपए और बिहार में 1,080 रुपए है। 2007 में दिल्ली में हरमाह 1972 रुपए ही खर्च होते थे।

वित्त मंत्री ए के वालिया ने बताया कि यह ऑकड़े दिल्ली सरकार के आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय ने 2007 जुलाई से जून 2008 के दौरान राष्ट्रीय सर्वेक्षण के 64वें दौर के तहत किए गए सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की है।

दिल्ली वालों के महीने भर के खर्च पर एक बार नज़र डालें तो उनकी कमाई का लगभग 37 फीसदी खर्च तो खाने-पीने के सामान खरीदने में ही हो जाता है. जिसमें 10 प्रतिशत मिल्क प्रॉडक्ट्स में, 8 प्रतिशत अनाज और दालों पर, 2 प्रतिशत खाद्य तेलों पर, 4 प्रतिशत सब्जियों पर और 2 प्रतिशत फलों पर खर्च होता है। बाकी 63 फीसदी गैर खाद्य वस्तुओं पर लगता है।

सर्वे के मुताबिक, लगभग 7 प्रतिशत घरों की भाग-दौड़ महिलाओं ने सम्भाली हुई है, 45 प्रतिशत नियमित वेतन या तनख्वाह पाने वाले हैं और 43 प्रतिशत स्वतंत्र रोजगार में लगे हैं। दिल्ली की कुल 43 प्रतिशत महिलाएं अविवाहित हैं , 51 प्रतिशत विवाहित और लगभग 0.33 प्रतिशत तलाकशुदा या अलग रह-रही महिलाएं हैं।

डॉ. वालिया ने बताया कि दिल्ली के करीब 62 प्रतिशत लोग अपने घरों में रहते हैं, जबकि 35 प्रतिशत लोग किराये के घरों में . 74 प्रतिशत पारंपरिक मकानों में रहते हैं जबकि 15 प्रतिशत परिवार फ्लैटों में.

साक्षरता की बात करें तो रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली के शहरी क्षेत्रों में साक्षरता दर 85 प्रतिशत है. 18 प्रतिशत लोग प्राथमिक स्तर तक, 35 प्रतिशत माध्यमिक और सेकंडरी स्तर तक साक्षर हैं. 19 प्रतिशत ग्रैजुएट और इससे अधिक शिक्षित हैं।

वैसे तो दिल्ली खर्चे करने में सबसे आगे है, लेकिन सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि दिल्ली के लोग अपनी कमाई का सिर्फ 3 प्रतिशत इलाज पर खर्च करते हैं.

रिपोर्ट: श्रेया कथुरिया

संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य