खद्र के अपराध युद्ध अपराध नहीं
२७ अक्टूबर २०१०आतंकवाद निरोध और मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र जानकार मार्टिन शेने ने कहा कि यह पूरा मामला अमेरिका के लिए शर्मनाक है. "उमर ने जितने भी गुनाहों को कबूल किया, उनमें से कोई भी युद्ध अपराध नहीं कहा जा सकता." उन्होंने कहा कि "सिस्टम खद्र के खिलाफ है क्योंकि अमेरिकी सैनिक खद्र के खिलाफ कार्रवाई कर सकते थे लेकिन खद्र उनके खिलाफ कुछ नहीं कर सकता था." उन्होंने कहा कि खद्र के खिलाफ सारे आरोप अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक युद्ध अपराध नहीं माने जा सकते.
खद्र से बढ़ा खतरा
अदालत के सामने गवाह के रूप में आए डॉ. माइकल वेलनर ने कहा कि खद्र एक अल कायदा के एक वरिष्ठ नेता का सबसे पसंदीदा बेटा है. अमेरीकी सैनिक को मारने के बाद अल कायदा में लोग उसका और सम्मान करने लगे. वेलनर ने कहा कि कैदियों के साथ बंद खद्र और कट्टरपंथी हो गया है. उनके शब्दों में उसे "कट्टरपंथी जिहाद में पूरी तरह लपेटा गया." खद्र ने वहां कुरान याद कर ली, और खतरनाक बन गया और प्रार्थना के लिए कैदियों में लोकप्रिय हो गया. वेलनर ने कहा, वे ग्वांतानामो में 'रॉक स्टार हैं.'
दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार किसी के खिलाफ नाबालिग उम्र में किए गए अपराधों के लिए कार्रवाई हो रही है. उसके वकीलों ने कहा कि वह एक बाल सैनिक था जिसे सजा नहीं मिलनी चाहिए बल्कि समाज में दोबारा शामिल करने के लिए उसका इलाज होना चाहिए. खद्र की तरफ से अपील में उसकी सजा को आठ साल तक सीमित करने की मांग की गई है. जजों का फैसला अभी आना बाकी है लेकिन अगर वे इसे कम सज़ा देते हैं तो उसे आठ साल से कम कैद होगी.
सजा में कमी मुमकिन
अमेरिका में युद्ध अपराधों को जांच रही अदालत में कनाडा के उमर खद्र ने सोमवार को अपने जुर्म कबूल किए. इनमें अल कायदा के साथ आतंकवादी हमलों की साजिश और एक अमेरिकी सैनिक को ग्रेनेड से मारना शामिल है. खद्र अब 24 साल का है. उसे 15 साल की उम्र में पकड़कर ग्वांतानामो में कैद किया गया था. आठ साल से ज्यादा समय के लिए खद्र ने अपनी उम्र से कहीं ज्यादा बड़े कैदियों के साथ वक्त गुजारा.
खद्र ने अपना गुनाह कबूल किया है जिससे उसकी सजा में कमी की जा सकती है. उसके वकीलों का मानना है कि अगर उसके बचपन में अलग अलग प्रभावों का असर उसकी मानसिकता पर साबित किया जा सकता है तो अदालत सख्ती में कमी ला सकती है. एफबीआई के एक एजेंट ने अदालत के सामने यह बात मानी की खद्र ने अफगानिस्तान में सैन्य काफिले को उड़ाने के लिए बम लगाए लेकिन सही समय पर जानकारी मिलने से बमों को हटाया जा सका. खद्र ने यह भी माना कि उसे अमेरिकी सैनिकों पर गुस्सा आया था जब वे उसे अफगानिस्तान के बगराम हवाई अड्डे पर कैद करने ले गए थे. लेकिन उसके मुताबिक, मारे गए अमेरिकी सैनिक की यादों ने उसे जिंदा रखा.
अल कायदा का सैनिक
खद्र ने अपने बयान में कहा कि वह अपने आप को एक प्रशिक्षित अल कायदा सैनिक मानता है जिसने गुट के लक्ष्यों को समझा और अमेरिकी और यहूदी लोगों का "पैसा छीनने" के लिए काम किया. उसने बताया कि उसे अपने पिता के बारे में पता था. वे अल कायदा में वरिष्ठ नेता थे और ट्रेनिंग कैंपों के लिए पैसा आयोजित करते थे. उसके पिता ने खद्र को ट्रेनिंग करवाई और फिर बम बनाने का प्रशिक्षण लेने अफगानिस्तान भेज दिया. खद्र ग्वांतानामो के दो कैदियों में से है जिन्होंने अपना गुनाह कबूल किया है.
रिपोर्टःएजेंसियां/एमजी
संपादनःआभा एम