क्रिकेट: ऐसा इलेवन, वैसा इलेवन
२५ अक्टूबर २०१०कुछ लोग क्रिकेट की बारीकियों पर नजर डालते हैं, तो कुछ उसकी खूबसूरती पर, और अधिकतर लोग उसके नतीजे पर. और इनके आधार पर अब तक के सभी खिलाड़ियों के बीच में से एक टीम बनाने की कोशिश की जा सकती है. मिसाल के तौर पर डेविड फ्रिथ ने एक ऐसी टीम बनाई है, जो हार से बचने के लिए है. हां सचिन और ब्रैडमैन इस टीम में हैं, लेकिन सहवाग या विव रिचर्डस नहीं, बल्कि बॉयकॉट और चंद्रपाल जैसे खिलाड़ी. और तेज गेंदबाज के तौर पर ग्रैहम ओनियंस और डैनी मॉरिसन. आप आश्वस्त होंगे, लेकिन बोर भी.
सुरेश मेनन ने एक टीम का सुझाव दिया है, जिसकी खूबसूरती की कोई सानी नहीं है. इसमें विक्टर ट्रंपर हैं, रणजीत सिंह हैं, फ्रैंक ओरेल और गुंडप्पा विश्वनाथ भी 11 खिलाड़ियों में शुमार है. तेज गेंदबाज के तौर पर होल्डिंग के साथ लिंडवाल हैं, और स्पिन की जिम्मेदारी सौपी गई है एक मैच में 19 विकेट लेने वाले जिम लेकर और बिशन सिंह बेदी को.
बेदी को खब्बू खिलाड़ियों की टीम में भी शामिल किया गया है. माइक सेलवी की ऐसी एक टीम में बांए हाथ के ओपनर हेडेन और लांगर के अलावा ग्रेम पोलॉक, लारा, सोबर्स, गिलक्रिस्ट और वसीम अकरम हैं. कप्तान हैं क्लाइव लॉयड.
मशहूर क्रिकेट लेखक रामचंद्र गुहा ने सज्जन खिलाड़ियों की एक टीम बनाई है. काफी संतुलित टीम है, जिसमें ओपनर हैं जैक हॉब्स और विक्टर ट्रंपर. इसके बाद काले ब्रैडमैन कहे जाने वाले जॉर्ज हेडली हैं. भारत से विजय हजारे हैं. इस टीम में दो ऑलराउंडर हैं, कीथ मिलर और हर मायने में हरफनमौला गैरी सोबर्स. विकेट कीपर हैं गिलक्रिस्ट. भारत से दूसरे खिलाड़ी हैं अनिल कुंबले. इस टीम में और दो स्पिनर हैं, डेरेक अंडरवूड और लैंस गिब्स. इसके अलावा अकेले तेज गेंदबाज कर्टली एम्ब्रोस, क्योंकि मिलर और सोबर्स तेज गेंदबाजी में किसी से कम नहीं हैं.
लेकिन टीम की टीम तो वह होगी, जिसमें तूफानी बल्लेबाज और गेंदबाज हों. और ऐसी टीम की कप्तानी सोबर्स ही कर सकते हैं, उसका सुझाव इयन चैपेल ही दे सकते हैं. उनकी टीम में सहवाग के साथ रॉय फ्रेडेरिक्स सलामी बल्लेबाज हैं, वन डाउन विव रिचर्डस, टू डाउन ब्रायन लारा. फिर ब्रैडमैन या सचिन के लिए जगह कहां? इसके बाद आते हैं चैपल के साथ खेलने वाले ऑस्ट्रेलिया के डोग वाल्टर्स, फिर कप्तान सोबर्स और उसके बाद विकेट कीपर गिलक्रिस्ट. तेज गेंदबाजी डेनिस लिली और वेस हॉल को सौंपी गई है. स्पिन में शेन वार्न और बिल ओरेली हैं. चार गेंदबाज और एक ऑलराउंडर, लेकिन बल्लेबाजी इतनी तगड़ी कि विपक्षी टीम को दहला दे.
किसी भी वक्त किसी भी देश में टीम का चयन आसान नहीं होता है. किसी पोस्ट पर खिलाड़ियों का अभाव होता है, तो कहीं बहुतायत. अब तक के सभी खिलाड़ियों में से चुनना हो, तो अभाव की समस्या नहीं रहती. लेकिन टीमों को देखने से पता चलता है कि चयनकर्ता का काम इससे आसान नहीं हो जाता है.
रिपोर्ट: उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: ओ सिंह