क्यों याद किए जाने चाहिए सरदार पटेल?
गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को तैयार किया गया है. इस प्रतिमा को दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति कहा जा रहा है. लेकिन अब सवाल है कि आखिर क्यों याद किए जाने चाहिए पटेल?
रियासतों का विलय
सरदार पटेल को भारत का लौह पुरुष कहा जाता है. स्वतंत्र भारत के गृहमंत्री बनने के बाद भारतीय रियासतों के विलय की जिम्मेदारी पटेल को ही सौंपी गई थी. उन्होंने छह सौ छोटी-बड़ी रियासतों का भारत में विलय कराया था.
कैसे बने लौह पुरुष
देसी रियासतों का विलय स्वतंत्र भारत की पहली उपलब्धि थी और निश्चित रूप से पटेल का इसमें विशेष योगदान था. पटेल की नीतिगत दृढ़ता की तारीफ करते हुए महात्मा गांधी ने उन्हें सरदार और लौह पुरुष की उपाधि दी थी.
जो साथ नहीं आए
15 अगस्त 1947 तक हैदराबाद, कश्मीर और जूनागढ़ को छोड़कर सभी भारतीय रियासतें भारत संघ में सम्मिलित हो चुकी थीं. जूनागढ़ के नवाब के विरुद्ध जब वहां की प्रजा ने विद्रोह कर दिया तो वह भाग गया. इसके बाद जूनागढ़ भी भारत में मिला लिया गया.
लक्षद्वीप पर आशंका
लक्षद्वीप के लोग भारत की मुख्यधारा से कटे हुए थे और उन्हें इसकी आजादी की जानकारी 15 अगस्त 1947 के कई दिनों बाद मिली. यह क्षेत्र पाकिस्तान के नजदीक नहीं था लेकिन पटेल को लगता था कि इस पर पाकिस्तान दावा कर सकता है. ऐसी स्थिति को टालने के लिए पटेल ने लक्षद्वीप में भारत का झंडा फहराने के लिए नौसेना का जहाज भेजा.
पटेल का परिवार
सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 में नाडियाड गुजरात में हुआ था. उनका जन्म एक जमींदार परिवार में हुआ था. वे अपने माता-पिता की चौथी संतान थे. पटेल पेशे से एक वकील थे.
आजादी में योगदान
वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के दौरान पटेल को तीन महीने की जेल हुई. मार्च 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची अधिवेशन की अध्यक्षता की. जनवरी 1932 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया. जुलाई 1934 में वे रिहा हुए और 1937 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के संगठन को व्यवस्थित किया.
बतौर गृहमंत्री
गृहमंत्री के रूप में वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने नागरिक सेवाओं (आईसीएस) को भारतीय प्रशासनिक सेवाओं (आईएएस) के रूप में तब्दील किया. 15 दिसंबर 1950 को पटेल का मुंबई में निधन हो गया था.
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
31 अक्टूबर 2013 को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 137वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार पटेल के स्मारक का शिलान्यास किया था. पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का 31 अक्टूबर 2018 में उद्घाटन किया गया. (आईएएनएस/एए)