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जर्मनी के हथियार निर्यात में बड़ी गिरावट

१७ जनवरी २०१९

वर्ष 2018 में जर्मनी के हथियारों के कारोबार में 23 प्रतिशत की गिरावट आई. हाल के सालों में यह सबसे बड़ी गिरावट है. इसकी एक बड़ी वजह सऊदी अरब को हथियार ना बेचने का फैसला माना जा रहा है.

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Rüstungsexporte Kampfpanzer Leopard
तस्वीर: picture-alliance/dpa/P. Steffen

जर्मन सरकार ने वर्ष 2017 के मुकाबले 2018 में 23 प्रतिशत कम हथियारों के निर्यात को मंजूरी दी. ग्रीन पार्टी के सांसद ओमिद नूरीपोर की तरफ से पूछे गए सवाल के जवाब में आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने यह जानकारी दी है.

वर्ष 2018 में कुल 4.82 अरब यूरो के हथियारों के निर्यात को मंजूरी दी गई जबकि इससे एक साल पहले 2017 में जर्मनी ने 6.24 अरब यूरो के हथियार निर्यात को हरी झंडी दिखाई थी. जर्मनी ने 2015 में रिकॉर्ड 7.86 अरब यूरो के हथियार बेचे थे. उसके बाद से यह निर्यात लगातार घटता गया है.

स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों में कहा गया है कि सरकार ने सऊदी सरकार के आलोचक और पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद सऊदी अरब को हथियारों का निर्यात पूरी तरह रोकने का फैसला किया. हालांकि जर्मन सरकार इससे पहले भी यमन में जारी बर्बर युद्ध में सऊदी अरब की भागीदारी के कारण उसे हथियार न बेचने के बारे में सोच रही थी.

इन देशों में हैं आम लोगों के पास सबसे ज्यादा हथियार

आर्थिक मामलों के मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, "फिलहाल सऊदी अरब को हथियार निर्यात का कोई परमिट नहीं जारी किया गया है." मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सऊदी अरब पर जारी प्रतिबंध मार्च तक वैध होगा. इसके बाद सरकार को तय करना है कि प्रतिबंध को जारी रखना है या नहीं. हालांकि जर्मनी की गठबंधन सरकार में शामिल जूनियर पार्टनर एसपीडी इसे जारी रखने के हक में है.

वर्ष 2018 में सऊदी अरब और तुर्की को हथियारों के निर्यात को कम मंजूरियां मिलीं, लेकिन उन्हें सप्लाई किए जाने वाले हथियार बढ़े हैं. इन हथियारों की आपूर्ति कई साल पहले हो चुके समझौतों के तहत हुईं.

हालांकि कुछ लोगों को सरकार की तरफ से मुहैया कराए गए पिछले सालों के आंकड़ों पर संदेह है. निरस्त्रीकरण नीति पर ग्रीन पार्टी की प्रवक्ता कात्या कोएल कहती हैं कि हल्के हथियारों की ब्रिक्री बढ़ी है, जो कई बार कहीं ज्यादा घातक साबित होते हैं. 

एके/आरपी (डीपीए, एएफपी, रॉयटर्स)

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