क्यों बिकती है इंडोनेशिया में जहरीली शराब?
११ अप्रैल २०१८इंडोनेशिया में जहरीली शराब पीने के चलते मरने वालों की संख्या 100 का आंकड़ा पार कर गई है. पुलिस के मुताबिक सबसे अधिक मौतें देश की राजधानी जकार्ता और पश्चिमी जावा प्रांत में दर्ज की गईं हैं. देश के बांडुंग शहर में 45 लोगों की मौत के चलते स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा कर दी गई है. जानकारों के मुताबिक देश में हर साल जहरीली शराब के चलते लोगों की जान जाने के मामले सामने आते हैं लेकिन इस बार इनकी संख्या काफी अधिक है.
पुलिस के मुताबिक आम लोगों द्वारा सस्ती शराब पीने के चलते ऐसे मामले सामने आए हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, "देश में शराब काफी महंगी है. यहां घरों में जो शराब बनती हैं, वहां लोगों के पास ऐसी तकनीक नहीं होती जिससे मिथेनॉल को अलग कर इसे सुरक्षित और पीने योग्य बना सके." मिथेनॉल जहरीला होता है.
यहां खराब शराब को सॉफ्ट ड्रिंक के साथ मिलाकर भी बेचे जाने के मामले सामने आएं हैं. पुलिस के मुताबिक इन हालिया मामलों में शराब को खांसी के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा और कीटों को भगाने वाली दवा के साथ मिलाया गया है. डॉक्टरों के मुताबिक प्रभावित लोगों में बेहोशी, आंखों की रोशनी कम होना, उल्टी, सांस मे तकलीफ होने जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं. इस मामले में पुलिस ने अब तक 11 लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस मान रही है कि यह सबके लिए चेतावनी की घंटी है.
कालाबाजारी की वजह
जहरीली शराब के चलते लोगों की जान जाने के मामले में यहां अकसर सामने आते हैं. ऐसे में शक शराब की बड़ी वितरण कंपनियों पर भी जताया जा रहा है. कई मौकों पर इंडोनेशिया आए विदेशी नागरिक भी इसका शिकार बने हैं. कई बार स्थानीय सरकार ने भी बाली और अन्य द्वीपों पर शराब सेवन को लेकर सतर्क रहने जैसी चेतावनी जारी की है.
दरअसल साल 2015 में कट्टर मुस्लिम संगठनों के चलते इंडोनेशिया में शराब के छोटे ठेकों और दुकानों को बंद कर दिया गया था. देश में शराब पीने से परहेज की बात की जाती है लेकिन नागरिक कानूनों में ऐसा करना अवैध नहीं है. परहेज के चलते यहां शराब पर काफी टैक्स लगाया गया है, जिसके चलते इसकी कालाबाजारी जोरों पर होती है और देश का गरीब तबका अवैध कारोबारियों से शराब खरीदता है. शराब की कालाबाजारी को लेकर लोगों में जमकर गुस्सा देखा जा रहा है. एक स्थानीय समाचार पत्र के मुताबिक इंडोनेशिया में जहरीली शराब के चलते पिछले साल 32 लोगों की जान गई.
एए/आईबी (एएफपी, डीपीए)