क्यों खास है न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न की प्रतिक्रिया
न्यूजीलैंड के 150 सालों के इतिहास में सबसे युवा महिला प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न का व्यक्तित्व और आतंकी हमले के बाद उनकी प्रतिक्रिया दुनिया भर के देशों के लिए मिसाल पेश कर रहा है.
क्राइस्टचर्च हमले पर अलग प्रतिक्रिया
न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में हुए हमलों में कुल पचास लोग मारे गए. प्रधानमंत्री आर्डर्न ने इस दौरान हमेशा कहा कि ऐसे आतंकी हमलों के पीड़ितों पर ध्यान दिया जाना चाहिए ना कि उसे अंजाम देने वाले पर. उन्होंने हमलावर का नाम ना लिए जाने की बात भी कही, ताकि उसका प्रसिद्धि पाने का मकसद कभी पूरा ना हो.
संवाद की एक्सपर्ट
सन 1980 में न्यूजीलैंड के हैमिल्टन में पैदा हुईं आर्डर्न का बचपन आर्थिक तंगी में बीता. हाई स्कूल खत्म करने के बाद, आर्डर्न ने संचार विज्ञान की पढ़ाई की. राजनीति में प्रवेश करने के लिए उन्होंने न्यूजीलैंड लेबर पार्टी को चुना. केवल 17 साल की उम्र में वे लेबर पार्टी की सदस्य बनीं.
अब तक का राजनीतिक सफर
ग्रेजुएशन करने के बाद आर्डर्न ने लेबर पार्टी के एक सांसद के लिए कुछ सालों तक रिसर्चर के तौर पर काम किया था. अगस्त 2017 में पार्टी की नेता चुनी गईं और अक्टूबर 2017 में देश की सबसे युवा प्रधानमंत्री के रूप में पद संभाला.
राजनीति में आदर्श कौन
आर्डर्न की आदर्श रहीं न्यूजीलैंड की 2008 तक प्रधानमंत्री रहीं हेलेन क्लार्क. उन्होंने क्लार्क सरकार में उनकी स्टाफ के रूप में काम भी किया. लेकिन कभी डिस्क जॉकी का काम कर चुकी आर्डर्न का व्यक्तित्व एक औसत नेता के व्यक्तित्व से कहीं ज्यादा बहुआयामी है.
फोर्ब्स की सबसे ताकतवर महिला सूची में
गे मैरिज, जलवायु परिवर्तन, गरीबी के शिकार बच्चों के मुद्दों की समर्थक रही आर्डर्न ने 2010 में 'फोर्ब्स पावर वुमन' सूची में भी जगह पाई. वे टाइम पत्रिका के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल हो चुकी हैं.
मां बनने वाली प्रधानमंत्री
विश्व के राजनीतिक इतिहास में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बाद पीएम रहते हुए मां बनने वाली वे दूसरी महिला थीं. आर्डर्न ने आम महिलाओं की तरह छह हफ्ते का अनिवार्य मातृअवकाश लिया. इस दौरान उनके पार्टनर ने भी पूरी तरह काम से छुट्टी लेकर बच्चे की देखभाल की. इसे आधुनिक परिवारों में लैंगिक बराबरी की एक अच्छी मिसाल माना गया.
संयुक्त राष्ट्र में बच्चे के साथ
ऐसा पहली बार हुआ कि कोई प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र की आमसभा में भाषण देने अपने बच्चे के साथ पहुंचे. जिस दौरान उन्होंने नेल्सन मंडेला शांति सम्मेलन में सभा को संबोधित किया, उनके पार्टनर बच्चे को संभाल रहे थे.
हिजाब से बैर नहीं
क्राइस्टचर्च हादसे के बाद मरने वालों के संबंधियों के बीच घिरी आर्डर्न उन्हें गले लगाती, सांत्वना देती दिखीं. ना केवल उन्होंने कई मौकों पर हिजाब पहनने वालों को गले लगाया है बल्कि खुद भी उनके पहनने ओढ़ने की आजादी का समर्थन करते हुए हिजाब पहना है.
संसद में अरबी भाषा
19 मार्च को प्रधानमंत्री आर्डर्न ने संसद में अपना भाषण शुरु करते ही सबसे पहले सभा को अरबी अभिवादन 'अस सलाम अलेकुम' कहा. फिर आतंकी हमले के पीड़ितों या हमलावर का नाम ना लेने की बात कह कर जता दिया कि वे कैसे दूसरे नेताओं से अलग हैं.