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क्यों इतना अहम है नोत्रे दाम

१६ अप्रैल २०१९

यूरोप में पुर्नजागरण काल, नेपोलियन के उदय व पतन और दो विश्वयुद्धों के गवाह रहे नोत्रे दाम कैथीड्रल को लपटों में देखना, इतिहास को राख होते देखने जैसा है.

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Kathedrale Notre-Dame in Paris brennt
तस्वीर: Getty Images/H. Hitier

इतिहासकारों के मुताबिक 1163 में पेरिस के बिल्कुल बीच में नोत्रे दाम कैथीड्रल की नींव रखी गई. इसका नक्शा पूरी तरह गोथिक वास्तुकला पर आधारित था. कैथीड्रल बनाने के लिए बलुआ पत्थर (सैंडस्टोन) का इस्तेमाल किया गया. निर्माण करीब 200 साल तक चला. कैथीड्रल की दीवारों में पत्थरों को बारीकी से तराश कर मूर्तियां बनाई गईं. नक्काशी कर डिजायन बनाए गए. रंगीन कलाकृतियों वाला कांच फिट किया गया. सन 1345 में पेरिस में पश्चिमी यूरोप का एक भव्यतम कैथीड्रल खड़ा हो गया था.

लेकिन 15 अप्रैल 2019 की शाम नोत्रे दाम को लपटों में घिरा देख लोगों के भीतर कई तरह की भावनाएं पिघल रही थीं. फ्रांस की पहचान को आग में घिरा देख राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने कहा, "हमारा इतिहास, हमारा साहित्य, हमारी कल्पना, वो जगह जहां हमने अद्भुत लम्हे महसूस किए."

माक्रों ने कैथीड्रल के पुर्ननिर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय फंड बनाया है. फ्रांस के अरबपति फ्रांको हेनरी पिनॉ ने इस फंड में तुरंत 10 करोड़ डॉलर दान भी कर दिए.

मध्यकालीन इतिहास के विशेषज्ञ क्लोद गॉव कहते हैं, नोत्रे दाम "पेरिस की पहचान है, शांति, साथ और मैत्री की ऐसी पहचान जो शहर के केंद्र में है." कैथीड्रल के सामने बने प्लाजा से फ्रांस का जीरो किलोमीटर शुरू होता है. यहीं से सारे हाईवे की दूरी मापी गई है.

Frankreich, Paris: Architektur der Kathedrale Notre Dame
12वीं शताब्दी की ऐसी मूर्तियों से सजा था नोत्रे दामतस्वीर: Getty Images/B. Bennett

धर्म और पंथनिरपेक्षता का प्रतीक

फ्रांस के इतिहास की शुरुआत करीबन नोत्रे दाम के साथ ही शुरू होती है. यह कैथीड्रल फ्रांस के कैथोलिक समुदाय की प्रिय जगह है. फ्रांस के ज्यादातर सम्राट जब जब गद्दी पर बैठे, तब सबसे पहले उनका सिर नोत्रे दाम के कैथीड्रल के भीतर झुका. उसके बाद ही उनके सिर पर ताज सजा.

1789 में शुरू हुई फ्रांसीसी क्रांति के दौरान राजशाही और गिरजाघरों को निशाना बनाया गया. कैथोलिक ईसाईयों के घरों और उपासना स्थलों पर हमले हुए. उसी दौरान पहली बार नोत्रेदाम का स्पायर (मीनार) ढहा दिया गया. कैथीड्रल के खजाने को लूट लिया गया. कैथीड्रल में प्रवेश कराने वाले बड़े आंगन की मूर्तियां तोड़ दी गईं.

Frankreich, Paris: Brand in der Kathedrale Notre Dame
1860 में लगाया गया यही स्पायर आग में ढह गयातस्वीर: Getty Images/AFP/G. van der Hasselt

फ्रांस के महान शासक कहे जाने वाले नेपोलियन बोनापार्ट ने 1804 में नोत्रे दाम में ही ताज पहना. वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने वाले नेपोलियन ने क्षतिग्रस्त कैथीड्रल में ताज पहन कर चर्च को साफ संदेश दे दिया कि अब राज काज में उसका दखल नहीं चलेगा. उस लम्हे को फ्रांस और यूरोप के इतिहास का नया दौर कहा जाता है. 1860 में कैथीड्रल की छत पर फिर से नया स्पायर लगाया गया.

विश्वयुद्ध में नोत्रे दाम

1939 में शुरू हुए दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान साल भर के भीतर अडोल्फ हिटलर की नाजी सेना ने पेरिस समेत करीब पूरे फ्रांस के बड़े इलाके पर कब्जा कर लिया. लेकिन तब तक नोत्रे दाम विरासत के रूप में विख्यात हो चुकी थी. इसे नुकसान नहीं पहुंचाया गया. 24 अगस्त 1944 को नाजियों के नियंत्रण से पेरिस के आजाद होने की गवाही नोत्रे दाम की घंटियों ने दी. नाजियों के खिलाफ फ्रांस के संघर्ष को जिंदा रखने वाले चार्ल्स दे गॉल की शोक सभा इसी कैथीड्रल में आयोजित की गई.

Kathedrale Notre-Dame in Paris
आग से पहले ऐसा दिखता था नोत्रे दामतस्वीर: picture-alliance/F. Walter

सेन नदी के किनारे इले दे ला सिते द्वीप पर बने नोत्रे दाम कैथीड्रल ने बीती आठ सदियों में फ्रांस, यूरोप और इंसानियत को बदलते हुए देखा है.

ओएसजे/एनआर (एएफपी, एपी, रॉयटर्स)