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समाज

हांगकांग ने किया विवादित प्रत्यर्पण कानून वापस लेने का एलान

४ सितम्बर २०१९

हांगकांग की प्रमुख ने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि उस प्रत्यर्पण कानून को स्थायी तौर पर रद्द कर दिया जाएगा जिसे लेकर बीते तीन महीने से लोकतंत्र-समर्थक आंदोलन चल रहा है.

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Hongkong | Fernsehübertragung einer Pressekonferenz von Carrie Lam auf einem Bildschirm in Hongkong
तस्वीर: Reuters/K. Pfaffenbach

मुख्य कार्यकारी कैरी लाम ने कुछ बीजिंग-समर्थक सांसदों के एक समूह के समक्ष ये घोषणा की है कि वे इस बिल को वापस लेने जा रही हैं. इस कानून को वापस लेना प्रदर्शनकारियों की पांच प्रमुख मांगों में से एक है. आंदोलनकारी लाखों की तादाद में हांगकांग की सड़कों पर प्रदर्शन करते आ रहे हैं जिससे वहां बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया. सन 1997 में ब्रिटेन से चीन को सौंपे जाने के बाद से हांगकांग के सामने आया ये सबसे बड़ा संकट है.

स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों में उम्मीद जताई जा रही थी कि अगर इस विवादित कानून को वापस ले लिया जाता है तो संकट खत्म किया जा सकेगा. इसे वापस लिए जाने की पहली खबरें आते ही हांगकांग के शेयर बाजार में करीब चार फीसदी का उछाल देखा गया. लेकिन जल्द ही इसमें कमी आई, जब प्रो-डेमोक्रेसी एक्टिविस्टों ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए तब तक आंदोलन जारी रखने की बात कही, जब तक उनकी सारी मांगें पूरी नहीं होतीं. प्रमुख एक्टिविस्ट जोशुआ वॉन्ग वे कहा, "यह बहुत कम है और बहुत देर से आया है." वॉन्ग को आंदोलन के सिलसिले में बीते सप्ताह गिरफ्तार किया गया था. वॉन्ग ने कहा, "हम पूरे विश्व से निवेदन करते हैं कि हांगकांग और चीन की इस चाल में से भ्रमित न हों. उन्होंने कोई हार नहीं मानी है और जल्दी ही वे बहुत बड़े स्तर पर कार्रवाई करेंगे."

Hongkong Freilassung der Aktivisten Joshua Wong und Agnes Chow
तस्वीर: picture-alliance/dpa/MAXPPP/Kyodo

विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत लाम के प्रशासन की तरफ से इस बिल को पेश करने के साथ ही हुई थी. इस बिल में व्यवस्था थी कि आपराधिक मामलों के आरोपियों को चीन की भुख्यभूमि में प्रत्यर्पित किया जा सकेगा. इसके खिलाफ लाखों लोग सड़कों पर उतरे और नतीजतन लाम प्रशासन ने बिल को पास कराने के प्रयासों को स्थगित कर दिया. इसके बाद भी बिल को औपचारिक तौर पर वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी रहे.

धीरे धीरे विरोध प्रदर्शन ऐसे आंदोलन में तब्दील हो गए जिसमें प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध पुलिस की कथित क्रूरता की स्वतंत्र जांच कराने और गिरफ्तार हुए लोगों को क्षमादान देने की मांगें जुड़ गईं. बताया जा रहा है कि एक हजार से भी अधिक प्रदर्शनकारी हिरासत में हैं. इसके अलावा आंदोलनकारी हांगकांग में अपना नेता सीधे तौर पर चुने जाने की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं, जिसे लेकर चीन परेशान है. चीन ने  "एक देश, दो सिस्टम" मॉडल के तहत हांगकांग को केवल कुछ हद तक स्वायत्तता दी हुई है.

आरपी/एके (एएफपी, रॉयटर्स)