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क्या वापस लौटती हिंसा की दस्तक है कोलंबिया का आतंकी हमला

१८ जनवरी २०१९

राजधानी बोगोटा की पुलिस अकादमी के बाहर एक कार बम से हुए आतंकी हमले के बाद देश में तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा हो गई है. इसमें 21 लोगों की जाने और 68 के घायल होने की खबर है.

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Kolumbien Mutmaßlicher Bombenanschlag in Polizeiakademie
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/J. Wilson Vizcaino

राजधानी बोगोटा की पुलिस अकादमी के बाहर एक कार बम से हुए आतंकी हमले के बाद देश में तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा हो गई है. इसमें 21 लोगों की जाने और 68 के घायल होने की खबर है.

कोलंबिया के किसी शहर में इतना बड़ा हमला करीब 16 साल बाद हुआ है. आशंका इस बात की है कि सालों साल की कोशिश के बाद इतनी मशक्कतों से हासिल की गई शांति फिर से भंग ना हो जाए.

प्रशासन ने हमलावर की पहचान कर ली है. वह बोगोटा के उस हिस्से का रहने वाला था, जो अब भी मार्क्सवादी गुरिल्ला समूह ईएलएन का गढ़ माना जाता है. हालांकि हमलावर के इस समूह या किसी और गुट से जुड़े होने के कोई सबूत अब तक नहीं मिले हैं. किसी आतंकी समूह ने भी अब तक इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.

रक्षा मंत्रालय ने इस हमले को एक "आतंकी हमला" बताते हुए कहा कि कार में 80 किलो विस्फोटक भरे थे.

Kolumbien Mutmaßlicher Bombenanschlag in Polizeiakademie
तस्वीर: picture-alliance/dpa/colprensa

राष्ट्रपति इवान डुके ने ट्वीट कर कहा, "सभी कोलंबियाई लोग आतंकवाद की भर्त्सना करते हैं और एकजुट होकर इससे लड़ेंगे." पुलिस अकादमी में हमले के समय मौजूद इक्वाडोर और पनामा के भी कुछ नागरिक हिंसा की चपेट में आए हैं.

दक्षिणपंथी नेता डुके विद्रोहियों और ड्रग तस्करी के खिलाफ अपने सख्त रवैये के लिए जाने जाते हैं. कोलंबिया विश्व का सबसे बड़ा कोकेन उत्पादक देश है.

2018 में राष्ट्रपति पद संभालने वाले डुके ने अपने चुनाव अभियानों में कोलंबियाई लोगों से वादा किया था कि वह फार्क विद्रोहियों के साथ हुए 2016 के शांति समझौते में संशोधन करेंगे.

Kolumbien Bombenanschlag auf Polizeischule in Bogota
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Y. Rincon

पहले देश में होने वाले ऐसे कई हमले ईएलएन गुरिल्ला ही अंजाम देते थे. पुलिस पर भी कई बार हो चुके हमलों की जिम्मेदारी इसी गुरिल्ला समूह ने ली थी. पद संभालने के बाद से डुके ने शांति वार्ता फिर से शुरू नहीं की है. वार्ता शुरू करने से पहले उन्होंने गुरिल्ला समूह के सामने सभी बंधकों को रिहा करने जैसी कई मांगें रखी हैं, जिसे ईएलएन नहीं मानता.

शांति समझौते के बाद पूर्व विद्रोही अब एक राजनीतिक दल के रूप में देश की राजनीति का हिस्सा बन चुके हैं. करीब 50 साल तक हिंसा में लिप्त रहने वाले ईएलएन गुट ने एक साल पहले एक पुलिस स्टेशन पर हमला कर छह पुलिसकर्मियों की जान ले ली थी और 40 लोग घायल हुए थे.

उसके पहले भी फरवरी 2017 में ईएलएन ने बोगोटा के ही एक इलाके में गश्ती कर रहे पुलिस पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें एक पुलिसकर्मी मारा गया और कई गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

आरपी/एके (एएफपी, डीपीए)

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