क्या लद गए मैर्केल के अच्छे दिन?
५ जनवरी २०१८जर्मनी के अखबार डी वेल्ट और सरकारी प्रसारक एआरडी का हालिया सर्वे देश की चांसलर अंगेला मैर्केल की पार्टी सीडीयू के कान खड़े कर सकता है. सर्वे में शामिल दो-तिहाई लोगों का मानना है कि चांसलर मैर्केल के अच्छे दिन अब बीत चुके हैं. वहीं 67 फीसदी जर्मन मानते हैं कि मैर्केल अब वैसी नेता नहीं रहीं जैसे वह एक वक्त पर हुआ करती थीं. लेकिन अब भी बड़ा तबका अपनी नेता पर विश्वास जता रहा है.
सर्वे में शामिल 65 फीसदी लोग अब भी ये मानते हैं कि मैर्केल अब भी एक अच्छी चांसलर हैं. वहीं एक अलग सवाल में 75 फीसदी लोगों ने माना कि अब सीडीयू से किसी नए नेता के निकलने का समय आ गया है. लोगों को यह भी महसूस हो रहा है कि 12 साल के लंबे समय बाद भी मैर्केल के समकालीन, पार्टी में अन्य कोई दूसरा नजर नहीं आता.
बिना सरकार के चलता शासन
सर्वे की मानें तो आम लोगों में देश के भीतर सरकार न बनने को लेकर भी नाराजगी है. देश में चुनाव हुए 100 दिन से भी अधिक वक्त गुजर चुका है. लेकिन जर्मन संसद में जाने वाले राजनीतिक दलों के बीच सरकार को लेकर अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है. हालांकि सीडीयू अपनी सहोदर पार्टी सीएसयू के साथ 32.9 फीसदी वोट पाने में सफल रही थी. इसके बावजूद सरकार बनाने के लिए पार्टी को गठबंधन सहयोगियों की जरूरत है.
कारोबारियों की पार्टी माने जाने वाली एफडीपी और पर्यावरण प्रेमी ग्रीन पार्टी के साथ गठबंधन वार्ता असफल होने के बाद सीडीयू ने एक बार फिर अपनी पुरानी सहयोगी और धुर विरोधी सोशल डेमोक्रेट्स (एसडीपी) का रुख किया है. लेकिन गठबंधन होगा कि नहीं इस पर अब तक ठोस कुछ भी निकल कर नहीं आया है.
देश में अल्पमत वाली सरकार बनाने के अस्थिर विकल्प की बजाय सीडीयू-एसडीपी गठबंधन को बेहतर माना जा रहा है. हालांकि जर्मन इसे लेकर खासे उत्साहित नजर नहीं आ रहे हैं. सर्वे में शामिल 45 फीसदी लोगों ने ही सीडीयू-एसपीडी के इस संभावित गठबंधन को सहयोग देने की बात कही है. वहीं 52 फीसदी लोग इस मसले पर कुछ बहुत नहीं सोच रहे हैं और वह इस पर कुछ कहना नहीं चाहते.
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एलिजाबेथ शूमाखर/ एए