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क्या रूस एक बार फिर अमेरिका के चुनाव में दखल दे रहा है?

२१ फ़रवरी २०२०

अमेरिका के इंटेलिजेंस अधिकारियों ने अमेरिकी सांसदों को बंद कमरे में दी गई एक ब्रीफिंग में बताया है कि रूस एक बार फिर राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को निर्वाचित करवाने के लिए अमेरिका के चुनाव अभियान में छेड़ छड़ कर रहा है.

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Japan Osaka | G20 Gipfeltreffen - Donald Trump und Vladimir Putin
तस्वीर: pictura-alliance/dpa/Tass/M. Metzel

अमेरिका के खुफिया विभाग के अधिकारियों ने अमेरिकी सांसदों को बताया है कि रूस एक बार फिर राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को निर्वाचित करवाने के लिए अमेरिका के चुनावी अभियान में छेड़छाड़ कर रहा है. ये बात सांसदों को दी गई ब्रीफिंग की जानकारी रखने वाले तीन अधिकारियों ने बताई. 

इस चेतावनी से चुनावी अभियान की विश्वसनीयत पर सवाल उठते हैं. यह सवाल भी उठता है कि 2016 के चुनावों में जो छेड़छाड़ की बात सामने आई थी, उसे दोबारा होने से रोकने के लिए क्या ट्रंप प्रशासन पुख्ता कदम उठा रहा है?

जानकारी देने वाले अधिकारियों ने उनका नाम ना लिए जाने का अनुरोध किया. उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते हुई ब्रीफिंग 2020 के चुनावों को प्रभावित करने की और अमेरिकी मतदाताओं के बीच मतभेद पैदा करने की रूस की कोशिशों पर केंद्रित थी.  

USA Aussage des Ex-Sonderermittler Mueller vor dem US-Kongress
तस्वीर: Reuters/J. Ernst

 

इस चेतावनी के बारे में पहले द न्यू यॉर्क टाइम्स और द वॉशिंगटन पोस्ट में खबर छपी. प्रशासन में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस खबर से ट्रंप क्रोधित हो गए और कहा कि अब डेमोक्रैट सांसद इस जानकारी का इस्तेमाल उनके खिलाफ करेंगे. 

अपने पूरे कार्यकाल के दौरान, ट्रंप ने 2016 के चुनावों में रूस के दखल के बारे में इंटेलिजेंस एजेंसियों के इस आकलन को साजिश बताया. ट्रंप का मानना है कि इससे उनकी जीत कमजोर हुई. 

13 फरवरी को हाउस इंटेलिजेंस समिति को दी गई ब्रीफिंग के एक दिन बाद, ट्रंप ने राष्ट्रीय इंटेलिजेंस के निदेशक जोसफ मैग्वायर को फटकार लगाई थी. इस हफ्ते उन्होंने घोषणा कर दी कि मैग्वायर की जगह लेंगे रिचर्ड ग्रेनेल लेंगे. ग्रेनेल को ट्रंप का विश्वासपात्र माना जाता है. 

US-Botschafter Grenell
तस्वीर: picture-alliance/dpa/K. Nietfeld

ग्रेनेल जर्मनी में अमेरिका के राजदूत हैं. उनकी पृष्ठभूमि मुख्य रूप से राजनीति और मीडिया में रही है. उनके पास मैग्वायर जैसा राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य सेवा का तजुर्बा नहीं है. 

अमेरिका की इंटेलिजेंस एजेंसियों का कहना है कि रूस ने 2016 के चुनावों में सोशल मीडिया अभियान और डेमोक्रेटिक ईमेल खातों से ईमेल को चुराया. इसके बाद इसे खूब प्रसारित किया गया. उनका कहना है कि रूस ट्रंप के अभियान को बढ़ावा देने और अमेरिका की राजनीतिक प्रक्रिया में उथल पुथल बढ़ाने की कोशिश कर रहा था. विशेष काउंसल रोबर्ट म्युलर इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि रूस की तरफ से छेड़ छाड़ "व्यापक और सुनियोजित" थी, लेकिन उन्हें रूस और ट्रंप के बीच कोई आपराधिक षड़यंत्र की कड़ी नहीं मिली. 

वो रिपब्लिकन सांसद जो पिछले हफ्ते डीएनआई के मुख्य चुनाव अधिकारी, शेल्बी पियर्सन, की ब्रीफिंग में थे, उन्होंने विरोध करने की कोशिश में कहा कि ट्रंप का रूस के प्रति रुख सख्त रहा है.  

USA Wahlkampf Präsidentschaftskandidat Donald Trump in Tampa
तस्वीर: Getty Images/J. Raedle

 

द टाइम्स के अनुसार ट्रंप इस बात पर नाराज थे कि ब्रीफिंग समिति के अध्यक्ष एडम शिफ्फ के समक्ष हुई जिन्होंने उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाई का नेतृत्व किया था. 

सीके/ एनआर (एपी) 

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