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क्या यूरोपीय संघ के नेता उच्च पदों पर कोई फैसला कर पाएंगे

२ जुलाई २०१९

यूरोपीय संघ की अलग-अलग संस्थाओं के नए प्रमुखों को चुनने पर अभी सहमति नहीं बन पाई है. कई मैराथन मीटिंगों के बाद भी कोई फैसला नहीं हो सका है.

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Brüssel EU Gipfel Angela Merkel
तस्वीर: AFP/Getty Images/G. Van der Hasselt

2 जुलाई को ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के नेता लगातार तीसरे दिन मुलाकात कर रहे हैं. इन मुलाकातों का उद्देश्य पैदा हुए नए शक्ति संघर्षों को कम करना है जिससे उच्चस्तरीय पदों की रिक्तियों को भरा जा सके. यूरोपीय संघ में मई में हुए चुनावों के बाद पैदा हुए नए परिदृश्यों के बाद ये मीटिंग हो रही है. इन चुनावों में बड़ी राजनीतिक शक्तियों को थोड़ा नुकसान हुआ है.

सोमवार को बिना किसी नतीजे के खत्म हुई 18 घंटे लंबी बैठक के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस मुलाकात के बाद कोई रास्ता निकालकर एक समझौता किया जा सकेगा, "हमें इसके लिए और गंभीर होना होगा."

Brüssel EU Gipfel Emmanuel Macron
तस्वीर: AFP/Getty Images/G. Van der Hasselt

रविवार को शुरू हुई इस बातचीत की शुरुआत से अब तक बात कुछ आगे तो बढ़ी है लेकिन नेताओं में एक मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है. फ्रांस और जर्मनी के बीच समझौते के बावजूद तय नहीं हो पा रहा है कि संघ की कार्यकारी संस्था यूरोपीय आयोग का अध्यक्ष कौन बनेगा.

माक्रों ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लेकर उदार लोकतंत्र की चुनौतियों के बीच यूरोपीय संघ को अपने आप में बदलाव लाने होंगे. संघ को फैसला लेना तेज करना होगा और किसी भी राजनीतिक समूह के सामने झुकना बंद करना होगा. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा कि वे आशा करती हैं कि जल्दी ही किसी समझौते पर पहुंचा जा सकेगा.

मैर्केल और माक्रों ने शनिवार को जापान में हुए जी-20 सम्मेलन में मुलाकात के बाद जर्मनी के कंजरवेटिव उम्मीदवार मानफ्रेड वेबर की जगह डच सोशल डेमोक्रेट्स पार्टी के फ्रांस टिमेरमानस से मुलाकात कर उनसे आयोग का अध्यक्ष बनने के लिए बात की. वेबर को इसकी जगह यूरोपीय संसद के अध्यक्ष के चुनाव में उतारा जाएगा जहां उनकी पार्टी सबसे बड़ी है. एक उदारवादी उम्मीदवार डॉनल्ड टस्क की जगह यूरोपीय नेताओं की परिषद की अध्यक्षता करेगा.

जब मैर्केल ने इसके बारे में अपने यूरोपीय पीपुल्स पार्टी के साथी नेताओं को इसकी जानकारी दी तो कुछ लोग बागी हो गए और यह पूरी बातचीत अधर में अटक गई. इस संकट को दूर करने के लिए इन नेताओं से अलग से बातचीत की जा रही है.

यूरोपीय पीपुप्ल्स पार्टी यूरोपीय संसद में सबसे बड़ा समूह है लेकिन इन चुनावों के बाद वह पहले जितना ताकतवर नहीं रह गया है. उदारवादी लोग जिनमें माक्रों के समर्थक भी शामिल हैं, उच्च पदों को लेकर बहुत मुखर हैं. इन चुनावों में ग्रीन पार्टी के साथ उन्हें भी बड़ा फायदा मिला है.

Brüssel EU Gipfel Emmanuel Macron
तस्वीर: picture-alliance/AA/D. Aydemir

सोशल डेमोक्रैट समूह की ताकत भी कम हुई है लेकिन यह समझौता तब भी हो गया है कि यूरोपीय आयोग के उपाध्यक्ष टिमेरमानस इसके नए अध्यक्ष बनेंगे. कयासों के मुताबिक एक नई योजना के तहत वे आयोग के अध्यक्ष बनेंगे और बुल्गारिया की क्रिस्टिलीना जियोर्जिएवा जो ईपीपी की सदस्य हैं और अभी वर्ल्ड बैंक की सीईओ हैं, उन्हें यूरोपीय परिषद का अध्यक्ष बनाया जाएगा. हालांकि बुल्गारिया के प्रधानमंत्री ने अपने देश की मीडिया से कहा कि उदारवादी धड़ा जियोर्जिएवा को परिषद का अध्यक्ष नहीं बनने दे रहा है.

इस बीच खबर है कि उदारवादी लोग वर्तमान कूटनीतिक प्रमुख इटली की फेडेरिका मोगेरिनी को भी बदल सकते हैं. इस पद पर बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स मिशेल या डेनमार्क के नेता मारर्गेठ वेस्टागर को लाया जा सकता है. संसद के स्पीकर के लिए वेबर ढाई साल का एक कार्यकाल पूरा करेंगे और फिर बेल्जियम के पूर्व प्रधानमंत्री गाय वेरहोफस्टाट जो संसद में उदारवादी समूह से आते हैं, अगले कार्यकाल के लिए अध्यक्ष बनाए जाएंगे.

20 और 21 जून को हुए यूरोपीय संघ सम्मेलन में भी इसका फैसला नहीं हो सका था. किसी भी उम्मीदवार को जीतने के लिए 28 में से 21 देशों का समर्थन चाहिए होता है. यह यूरोपीय संघ की जनसंख्या का लगभग 65 प्रतिशत हिस्सा है. मंगलवार को शुरू हो रहे यूरोपीय संसद के सत्र में उम्मीदवारों के चयन को लेकर बहस की जाएगी.

आरएस/आईबी (एएफपी)