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समाज

क्या "नस्लवादी" है ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रगान?

१२ सितम्बर २०१८

ब्रिटेन की सेना 17वीं शताब्दी के अंत में ऑस्ट्रेलिया पहुंचीं. उसने मूल निवासियों का बड़े पैमाने पर कत्लेआम किया. अब नौ साल की एक स्कूली बच्ची देश के सामने पश्चाताप की खिड़की खोल रही है.

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Australien Demo gegen Rassismus
तस्वीर: Getty Images/D. Traynor

नौ साल की हार्पर नील्सन इस वक्त पूरे ऑस्ट्रेलिया में बहस का केंद्र है. ऑस्ट्रेलिया में मौजूद संस्थागत नस्लवाद का विरोध करते हुए हार्पर ने राष्ट्रगान गाने से मना कर दिया. राष्ट्रगान के दौरान नौ साल की बच्ची खड़ी नहीं हुई. इसके लिए उसे सजा भी दी गई.

ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रगान का नाम "एडवांस ऑस्ट्रेलिया फेयर" है. हार्पर को इस पर ऐतराज है. वह कहती हैं कि राष्ट्रगान ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को नजरअंदाज करता है. ऑस्ट्रेलिया के नेशनल ब्रॉ़डकास्टर एबीसी से बात करते हुए हार्पर नील्सन ने कहा, "जब इसे असली में लिखा गया तब एडवांस ऑस्ट्रेलिया फेयर का मतलब था, ऑस्ट्रेलिया की श्वेत जनता. इसी में जब यह कहा जाता है कि 'हम युवा हैं' तब भी हमसे पहले यहां रहने वाले ऑस्ट्रेलियाई मूल निवासियों की उपेक्षा की जाती है."

एडवांस ऑस्ट्रेलिया फेयर गीत पहली बार 1878 में ऑस्ट्रेलिया में बसे स्कॉटिश मूल के कंपोजर पीटर डोड्स मैककॉर्मिक ने गाया था. 1984 में इसे ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रगान बना दिया गया.

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के हजारों साल से एबोरिजनल समुदाय रह रहा है. इतिहासकार और वैज्ञानिक एबोरिजनल समुदाय को ऑस्ट्रेलिया का मूल निवासी मानते हैं. लेकिन 17वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटेन की साम्राज्यवादी ताकतें ऑस्ट्रेलिया पहुंचीं. और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में एबोरिजनल समुदाय का जीना दूभर हो गया. 1788 से 1930 तक बड़े पैमाने पर उनका कत्लेआम हुआ. वैज्ञानिकों के मुताबिक अब तक ऑस्ट्रेलिया में ऐसी 500 जगहों का पता चला है, जहां ये जनसंहार हुए. जान बचाने के लिए एबोरिजनल समुदाय जंगलों की तरफ भाग गया. आज ऑस्ट्रेलिया में एबोरिजनल समुदाय भारी गरीबी में रहता है. वह सिस्टम पर नस्लभेद का आरोप भी लगाता है.

17वीं और 18वीं सदी के दौरान साम्राज्यवादी शक्ति के विस्तार के साथ ऑस्ट्रेलिया ब्रिटेन का उपनिवेश बन गया और फिर पूरी तरह एक श्वेत राष्ट्र में बदल गया. नील्सन हार्पर के मुताबिक इसकी मानसिकता आज भी ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रगान "एडवांस ऑस्ट्रेलिया फेयर" में झलकती है. हार्पर नील्सन के पिता को अपनी बिटिया पर गर्व है, "अपने विश्वास पर अडिग रहने के लिए उसने जबरदस्त साहस दिखाया है. वह संस्थागत नस्लवाद के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम कर रही है और वो लोग कैसा महसूस करते होंगे जिन पर यह गुजरी है."

Australia Canberra - Pauline Hanson One Nation Senatorin
पॉलीन हैनसन के बयान की आलोचनातस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. McGuirk

क्वींसलैंड प्रांत के शिक्षा विभाग के मुताबिक हार्पर नील्सन के मामले में स्कूल और परिवार से बात की जा रही है. शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने कहा, "स्कूल छात्रा की इच्छा का सम्मान कर रहा है और उसने राष्ट्रगान के दौरान हॉल से बाहर रहने या उसे न गाने जैसे विकल्प मुहैया कराए हैं." शिक्षा विभाग ने हार्पर नील्सन को निलंबित या बर्खास्त करने की रिपोर्टों को खारिज किया है.

वहीं नस्लवादी राजनीति कर नेता बनीं पॉलीन हैनसन ने हार्पर को एक "बिगड़ैल बच्ची" करार दिया है. हार्पर के माता पिता पर निशाना साधते हुए 64 साल की नेता ने कहा, "यहां हमारे सामने एक ऐसा बच्चा है जिसका ब्रेनवॉश किया गया है और मैं आपको बताऊं कि, मैं उसके पिछवाड़े में एक लात लगाती." 

फेसबुक पर यह वीडियो पोस्ट करने के बाद पॉलीन हैनसन की भी आलोचना हो रही है. पॉलीन हैनसन जैसे नेता नौ साल बच्ची से हारते दिख रहे हैं.

ओंकार सिंह जनौटी (एएफपी)