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समाज

क्या कोलोन जैसे रेप कांड से बचा सकेंगे नए जर्मन कानून?

२८ दिसम्बर २०१६

कोलोन में 2015 की आखिरी शाम को हुई सामूहिक यौन हिंसा ने देश में पुराने हो चुके यौन उत्पीड़न के कानूनों में सुधार की मांग को बल दिया था. अब संशोधित कानून महिलाओं को यौन हिंसा से बचाने में कितने प्रभावी साबित होंगे?

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Köln Übergriffe in der Silvesternacht
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Boehm

मिरियम अपने बैग में केमिकल स्प्रे रखे बिना अब कभी घर से नहीं निकलती. रात में सड़क पर चलते हुए बार बार मुड़ कर चारों ओर देखती रहती है. यह 19 साल की स्टूडेंट पहले इतनी डरी डरी नहीं रहती थी. लेकिन एक साल पहले की एक शाम ने उसके जीने का अंदाज ही बदल कर रख दिया. 31 दिसंबर 2015 की देर रात कोलोन कैथीड्रल के पास वो भी अपनी सहेली के साथ नए साल का जश्न मना रही थी. वहां सामूहिक यौन दुर्व्यवहार की शिकार बनने वाली महिलाओं में मिरियम भी एक थी.

कोलोन में नए साल की रात

दो पुरुषों ने मिरियम और उसकी सहेली पर पीछे से हमला कर उन्हें जमीन पर गिरा दिया. मिरियम कहती है, "जब आप ऐसी हिंसा का सामना करते हैं - असहायता की उस हालत से गुजरते हैं - तो वो आपको बदल कर रख देता है." मिरियम ने हमलावरों का मुकाबला किया और मदद के लिए चीखती भी रही. जब तक हमलावर भागे तब तक मिरियम के शरीर पर कई जख्म लग चुके थे और नाक से लगातार खून बह रहा था.

उस हिंसक रात को एक साल बीत चुका है, लेकिन उस रात को कोई नहीं भूल सका है. जब कई आदमियों ने कोलोन कैथीड्रल के पास इकट्ठे होकर महिलाओं के साथ यौन दुर्व्यवहार किया. प्रशासन ने इनमें से ज्यादातर को शरणार्थी या विदेशी मूल का बताया था. आने वाले दिनों में यौन हिंसा की सैकड़ों शिकायतें भी पुलिस में दर्ज कराई गईं. लेकिन इन हमलावरों की पहचान पता ना चलने और सबूतों की कमी के कारण दोषी पकड़े नहीं जा सके.

महिला सुरक्षा के कानूनों में सुधार की मांग

पहले से ही जर्मनी पहुंचे सीरियाई और दूसरे संकटग्रस्त देशों के शरणार्थियों की भरमार से परेशान हो रहे जर्मनों को इस घटना ने और चिंतित कर दिया. इसके कारण एक बार फिर महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने जर्मनी में महिलाओं के यौन दुर्व्यवहार से जु़ड़े पर्याप्त कानून नहीं होने का मुद्दा जोर शोर से उठाया.

जब कोलोन की घटना घटी तब देश के कानून के अनुसार रेप के पीड़ितों को यह साबित करना पड़ता था कि आरोपी ने शारीरिक हिंसा की या उन्हें ऐसी किसी जगह पर कैद किया जहां से वे बच कर भाग नहीं सकती थीं. केवल सेक्स के लिए मना करना काफी नहीं था. लेकिन जिस तरह भीड़ भाड़ वाली जगह पर पुरुषों ने जबर्दस्ती की, उस स्थिति में यह कानून काफी नहीं था.

कार्यकर्ताओं का मानना था कि यूरोपीय देशों में भी जर्मनी का महिला सुरक्षा कानून काफी कमजोर है. उन्होंने तर्क दिए कि इसी कारण से जर्मनी में बलात्कार के मामलों की शिकायत और दोषियों के सजा पाने की दर इतनी कम है. जर्मन न्याय मंत्रालय के ताजा आंकड़े दिखाते हैं कि हर 10 में से केवल एक रेप पीड़िता पुलिस में शिकायत दर्ज कराती है और केवल 8 फीसदी शिकायतों में किसी अपराधी को सजा मिलती है.

कई महीनों चली बहस के बाद जर्मन सरकार ने जुलाई में नया कानून बनाया. इसमें बड़े समूह के हमले और दुर्व्यवहार को भी जोड़ा गया और सेक्स अपराध करने के दोषी पाए गए आप्रवासियों को उनके देश वापस भेजने का प्रावधान भी लाया गया. इसके अलावा ग्रोपिंग यानि किसी के शरीर के अंग विशेष को छूने, टटोलने या दबोचने को भी सेक्स अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया. कानून में सुधार से कितने और आरोपियों को सजा मिलेगी, इस पर ग्रीन पार्टी की सांसद रेनाटे कुइनस्ट ने एक जर्मन अखबार में लिखा, "कानूनी ढांचे में सुधार से धरातल पर कैसा सीधा असर दिखेगा, यह तो देखना होगा."

आरपी/एमजे (डीपीए)