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क्या ई-सिगरेट भी खतरनाक है?

२९ अगस्त २०१८

सिगरेट की लत के शिकार लोगों से ई-सिगरेट आजमाने को कहा जाता है. लेकिन भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई-सिगरेट की बिक्री और आयात पर रोक लगाने को कहा है. आखिर क्यों?

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Raucher mit E-Zigarette
तस्वीर: Reuters/M. Blinch

फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल इंक जैसी बड़ी कंपनियां भारत में ई-सिगरेट बेचने की तैयारी कर रही हैं. लेकिन भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई-सिगरेट और इस तरह के उत्पादों को सेहत के लिए खतरनाक बता कर इन पर रोक लगाने को कहा है.

भारत सरकार के आंकड़े बताते हैं कि देश में तंबाकू के सेवन से हर साल लगभग नौ लाख लोग मारे जाते हैं. तंबाकू के इस्तेमाल को रोकने के लिए कड़े कानून भी बनाए गए हैं. लेकिन उन्हें सख्ती से अमल में नहीं लाया जाता. यही वजह है कि भारत में धूम्रपान करने वाले 10.6 करोड़ व्यस्क लोग हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक धूम्रपान करने वाले लोगों की संख्या के मामले में भारत सिर्फ चीन से पीछे है.

भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों को भेजी एक एडवायजरी में कहा है कि ई-सिगरेट जैसे उत्पाद स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा हैं और यह भी संभव है कि बच्चे और धूम्रपान ना करने वाले लोगों को अगर एक बार निकोटिन का चस्का लग गया तो वे फिर सिगरेट भी पीने लग जाएं.

ई सिगरेटः 9 जरूरी बातें

सरकार की यह एडवायजरी ऐसे समय में सामने आई है जब दिग्गज तंबाकू कंपनी फिलिप मॉरिस भारत में अपने स्मोकिंग डिवाइस आईक्यूओएस को उतारने की तैयारी कर रही है. फिलिप मॉरिस का कहना है कि उसका आईक्यूओएस तंबाकू को जलाता नहीं, बल्कि सिर्फ गर्म करता है और उससे निकोटिन वाली भाप निकलती है, ना कि धुआं. कंपनी के मुताबिक, इस तरह आईक्यूओएस सिगरेट के मुकाबले कम नुकसानदायक है. कंपनी का कहना है कि वह एक दिन खुद सिगरेट बेचना पूरी तरह बंद करना चाहती है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि ई-सिगरेट और निकोटिन को गर्म करने वाले इलेक्ट्रोनिक उत्पाद ना तो बेचे जाएं, ना तैयार किए जाएं और न ही उनका आयात किया जाए. इनके विज्ञापन पर भी रोक की बात एडवायजरी में कही गई है.

मंत्रालय का कहना है कि इस तरह के उत्पादन आम लोगों, खास तौर से बच्चों, किशोरों और गर्भवती महिलाओं की सेहत के लिए खतरा हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने जब इस बारे में फिलिप मॉरिस से बात करने की कोशिश की, तो कोई जवाब नहीं मिला. भारत में ई-सिगरेट बेचने वाली आईटीसी ने भी इस बारे में कुछ जवाब नहीं दिया.

पहला तंबाकू मुक्त देश कौन?

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार इस बारे में एक सख्त संदेश देने की कोशिश कर रही है कि इस तरह के उत्पाद आम जनता के लिए कितने नुकसानदेह हो सकते हैं. पिछले साल दिल्ली के एक निवासी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर ई-सिगरेट पर नियम बनाने की मांग की. पिछले हफ्ते अदालत ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से पूछा कि वह ई-सिगरेट को लेकर नियम बनाने से जुड़े कदमों का एलान कब करेगा.

हाल के सालों में भारत सरकार ने तंबाकू के इस्तेमाल को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसके तहत सिगरेट पर लगने वाला टैक्स बढ़ाया गया है. कंपनियों से सिगरेट पर पैकेट पर चेतावनी बड़े शब्दों में लिखने को कहा गया. साथ ही स्मोकिंग छोड़ने के लिए हेल्पलाइन भी बनाई गई हैं.

एके/आईबी (रॉयटर्स)

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