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कौन बनेगा यूरोपीय आयोग का नया अध्यक्ष

१ जुलाई २०१९

यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के नेता यूरोपीय आयोग के नए अध्यक्ष के नाम पर अभी तक सहमत नहीं हुए हैं. यूरोपीय संसद के चुनावों के बाद नए आयोग का गठन होना है.

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EU-Sondergipfel in Brüssel - Jean-Claude Juncker
तस्वीर: picture-alliance/dpa/AP/O. Matthys

यूरोपीय संघ के विशेष सम्मेलन में सदस्य देशों के नेता रात भर सलाह मशविरा करते रहे लेकिन मौजूदा अध्यक्ष जाँ क्लोद युंकर के उत्तराधिकारी के नाम पर सहमति नहीं बन सकी है. अब वे फिर से मंगलवार सुबह नए सिरे से राय मशविरे के लिए मिलेंगे. रविवार शाम को शिखर भेंट के बाद यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनल्ड टुस्क ने राज्य व सरकार प्रमुखों से अलग अलग बात की और सोमवार सुबह साढ़े चार बजे अलग अलग गुटों के साथ बातचीत शुरू हुई. लेकिन शुरुआती संकेतों के बावजूद सोशलिस्ट फ्रांस टिम्मरमंस के लिए सहमति नहीं बन सकी.

जाँ क्लोद युंकर के उत्तराधिकारी पद पर पहले अनुदारवादी संसदीय दल के नेता जर्मनी के मानफ्रेड वेबर ने दावा किया था. वे अपने पार्टी समूह की ओर से चुनाव में पार्टी के प्रमुख उम्मीदवार के रूप में उतरे भी थे. अनुदारवादी पार्टी चुनावों में यूरोपीय संसद में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन उसे पर्याप्त बहुमत नहीं है. उन्हें राज्य व सरकार प्रमुखों की परिषद में भी पर्याप्त समर्थन नहीं मिला है.

इसके बाद जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने ओसाका में जी-20 सम्मेलन के दौरान फ्रांस, स्पेन और नीदरलैंड्स के साथ सोशल डेमोक्रैटिक संसदीय दल के नेता फ्रांस टिम्मरमंस को आयोग के प्रमुख के रूप में प्रस्तावित करने पर सहमति जताई. वेबर को इसके बदले संसद का अध्यक्ष चुना जाएगा और लिबरल पार्टी समूह को यूरोपीय परिषद की अध्यक्षता मिलेगी.

Frans Timmermans
फ्रांस टिम्मरमंसतस्वीर: picture-alliance/XinHua

लेकिन इस सहमति का अनुदार दल समूह ईवीपी ने विरोध किया है क्योंकि जीत के बावजूद उन्हें न तो आयोग की अध्यक्षता मिलेगी और न ही परिषद के अध्यक्ष का पद. टिम्मरमंस की उम्मीदवारी का पूर्वी यूरोप के कई देश भी विरोध कर रहे हैं. यूरोपीय नेताओं के साथ अलग अलग बातचीत में टुस्क ने वैकल्पिक उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की है.

चुनाव नतीजों को देखते हुए सहमति आसान नहीं है. ईयू के नेताओं पर संसद का दबाब भी है. वह 3 जुलाई को योजनानुसार अपने नेतृत्व का चुनाव करेगा. सहमति में मुश्किल इसलिए भी हो रही है कि राष्ट्रीय सरकारों की तरह आयोग के अध्यक्ष पद के लिए प्रस्ताव राज्य और सरकार प्रमुखों की परिषद से आता है जबकि संसद में उस नाम का अनुमोदन किया जाता है. इसलिए किसी भी उम्मीदवार के लिए परिषद के समर्थन के बाद संसद का समर्थन भी जरूरी होगा.

यूरोपीय संसद अपने बहुमत के नेता को आयोग का अध्यक्ष चुने जाने के अधिकार पर जोर दे रही है. यही वजह है कि संसद की प्रमुख पार्टियों अनुदारवादी समूह और समाजवादी समूह ने एक प्रमुख उम्मीदवार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था. लेकिन अलग अलग देशों में पार्टियों के बिखराव ने शक्ति संतुलन बिगाड़ दिया है और फैसले में ग्रीन और अनुदारवादी समूहों को शामिल करना जरूरी हो गया है.

एमजे/एके (एएफपी)

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