कौन थी वह महिला जिसने चांसलर को थप्पड़ मारा था
१३ फ़रवरी २०१९1968 में छात्र आंदोलन के दिन थे. 7 नवम्बर को कट्टर नाजी विरोधी बेआटे क्लार्सफेल्ड ने तत्कालीन चांसलर कुर्ट गियॉर्ग कीजिंगर को थप्पड़ मारा था, उनके नाजी अतीत की ओर लोगों का ध्यान दिलाने के लिए. उसके बाद के साल उन्होंने और उनके यहूदी पति सैर्ज क्लार्सफेल्ड ने अपनी जिंदगी नाजी अतीत वाले बड़े लोगों के राज खोलने में लगा दिए. एक बार तो उन्होंने जर्मन राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ा. मजे की बात है उस चुनाव में राष्ट्रपति बने योआखिम गाउक ने ही उन्हें पहला जर्मन राजकीय सम्मान बुंडेसफर्डिंस्टक्रॉयत्स भी दिया. आज वे 80 साल की हो गईं.
अब चांसलर पर उस हमले के बारे में बेआटे क्लार्सफेल्ड कहती हैं, "जर्मन जनमत का ध्यान आकर्षित करने के लिए थप्पड़ जैसे असाधारण कदम की जरूरत थी." जर्मनी में चांसलर बन चुके कीजिंगर के नाजी अतीत के बारे में किसी की दिलचस्पी नहीं थे. वे 1933 में हिटलर के सत्ता में आने के साल नाजी पार्टी एनएसडीएपी के सदस्य बने थे और द्वितीय विश्वयुगद्ध के दौरान विदेश मंत्रालय में प्रमुख पद पर थे.
बेआटे क्लार्सफेल्ड ने एक फ्रांसीसी अखबार में कीजिंगर के बारे में एक लेख भी लिखा जिसकी वजह से 1967 में उनकी नौकरी चली गई थी. फिर उन्होंने देश के प्रमुख नेता पर थप्पड़ चलाने का फैसला किया. इसके लिए उन्हें अदालत ने एक साल की सजा दी. बाद में इस सजा को घटाकर चार महीने के निलंबित कैद में बदल दिया गया था. बहुत से जर्मन उन्हें अपने लोगों का बदनाम करने वाला समझते थे जबकि उनका कहना है कि वे एक संकेत देना चाहती थी, "जर्मन युवा ने नाजी को पीटा."
बेआटे के पति सैर्ज के पिता की नाजी यातना कैंप में हत्या कर दी गई थी. अब वे उस बात को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे कि नाजी अपराधी लोकतांत्रिक समाज की राजनीति और अर्थव्यवस्था में करियर बनाएं. अपनी इसी धुन के चलते उन्होंने 1971 में कोलोन में पेरिस के गेस्टापो प्रमुख कुर्ट लिस्का को ढूंढ़ निकाला. इसके अलावा उन्होंने बोलिविया में रह रहे लियोन के गेस्टापो प्रमुख क्लाउस बार्बी को खोजा, जिसे 1987 में फ्रांस में उम्रकैद की सजा मिली.
क्लार्सफेल्ड दम्पति को नाजी अपराधियों को खोजने और होलोकॉस्ट की याद बनाए रखने में उनके योगदान के लिए फ्रांस, इस्राएल और अमेरिका में बड़े बड़े सम्मान मिले. इस्राएल ने तो उन्हें 2016 में नागरिकता भी दे दी. हालांकि जर्मनी में लंबे समय तक मान्यता नहीं मिली. 2012 में वामपंथी पार्टी द्वारा राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने को उन्होंने अपना सम्मान माना, हालांकि कई पार्टियों के साझा उम्मीदवार योआखिम गाउक के खिलाफ जीत की कोई संभावना नहीं थी.
गाउक ने क्लार्सफेल्ड दम्पति को 2015 में ही बुंडेसफर्डिंस्टक्रॉयत्स देने का फैसला किया. ये सम्मान उन्हें हिटलर पर विफल हमले की 71वीं वर्षगांठ पर पेरिस में जर्मन राजदूत ने दिया. अब उनकी 80वीं वर्षगांठ पर राषट्रपति फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने उन्हें बधाई दी है और उन्हें "आदर्श बताया है ताकि हम अन्याय का दृढ़ता से सामना करें, ताकि हम कभी न भूलें कि तानाशाही, नस्लवाद और श्रेष्ठता का भ्रम कहां ले जाता है."
एमजे/एनआर (एएफपी)