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कोलोन जू में बाघ ने कीपर को मारा

२५ अगस्त २०१२

कोलोन के चिड़ियाघर में एक बाघ ने अपनी देखरेख करने वाली कर्मचारी पर हमला कर दिया. इसमें वह इतनी गंभीर रूप से घायल हुई कि अस्पताल में उसकी मौत हो गई.

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तस्वीर: dapd

कोलोन चिड़ियाघर के निदेशक थियो पागेल ने कहा, "बाघ वहीं था जहां उसे होना चाहिए." लेकिन पागेल के मुताबिक कर्मचारी को उस पिंजरे के अंदर तक नहीं जाना चाहिए था. चिड़ियाघर के निदेशक ने बाघ के हमला करने के बाद उसे गोली मारी. पागेल ने कहा कि इस पूरी घटना के दौरान किसी भी तरह से चिड़ियाघर में आने वाले लोगों को कोई खतरा नहीं था. निदेशक ने कहा, "आज का दिन मेरे जीवन का सबसे काला दिन था."

पुलिस ने जानकारी दी है कि शनिवार को बाघ ने महिला कर्मचारी पर पिंजरे में हमला कर दिया. इस हमले में महिला के गंभीर रूप से घायल हो जाने के कारण अस्पताल में उसकी मौत हो गई.
हमला करने के बाद बाघ खुले हुए सुरक्षा दरवाजे से बाहर निकल आया और पास की इमारत में चला गया, जहां खाने पीने का सामान रखा हुआ था. बाघ को रोकने के लिए चिड़ियाघर के निदेशक ने उस पर बड़ी बंदूक से गोली चलाई. बाघ के बाहर आ जाने के कारण कोलोन के चिड़ियाघर को थोड़ी देर बंद रखा गया.

पुलिस ने जू में आए लोगों और कर्मचारियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. चूंकि चिड़ियाघर के निदेशक ने शेर के और बाहर निकलने से पहले ही उसे गोली मार दी, इसलिए एक तरह से गंभीर दुर्घटना होने से बच गई. अगर शेर उस सीमा से भी बाहर निकल आता तो वह सीधे चिड़ियाघर के खुले रास्ते पर आ जाता जहां से बच्चे, परिवार आते जाते हैं.

शुरुआती रिपोर्टों में कहा गया कि देख रेख करने वाली कर्मचारी पिंजरे के अंदर काम करके बाहर निकली, लेकिन सुरक्षा के लिए बंद किया जाने वाला दरवाजा ठीक से बंद नहीं हुआ.

अक्तूबर 1985 में भी कोलोन के चिड़ियाघर में एक घटना हुई थी जिसमें दो चिंपाजी अपने पिंजरे से बाहर निकल आए और उसने तत्कालीन निदेशक गुंथर नॉगे पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया. इसके बाद नर और मादा चिंपाजी को पुलिस ने गोली मारी थी. उस समय भी पिंजरे का दरवाजा ठीक से बंद नहीं करने का मामला सामने आया था.

एएम/एमजे (डीपीए, एएफपी)