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यौनकर्मियों को घर

२३ दिसम्बर २०१३

कोलकाता के सोनागाछी इलाके की पूर्व यौनकर्मियों को बहुत जल्द नया घर नसीब होगा. उम्र बढ़ने के साथ इन्हें आमतौर पर तंगी और बदहाली की जिंदगी जीनी पड़ती है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

पश्चिम बंगाल सरकार के पुनर्वास कार्यक्रम के अंतर्गत विकलांगों, बीमारों और बूढ़े हो गए यौन कर्मियों के लिए दो इमारतों में रहने की व्यवस्था की जाएगी. इनमें उनके रहने के अलावा खाने, कपड़ों और इलाज का बंदोबस्त भी होगा.

महिला एवं समाज कल्याण विभाग की संसदीय सचिव शशि पांजा ने कहा, "इसके पीछे मकसद यह है कि वे अपना बाकी बचा जीवन आत्मसम्मान और आराम के साथ बिता सकें." सोनागाछी एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट इलाकों में से एक है.

राज्य की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी ने सोनागाछी के इस इलाके का दौरा किया. उन्होंने यहां की करीब 750 बूढ़ी हो गई यौनकर्मियों को रहने और दूसरी जरूरतों का इंतजाम का आदेश दिया. यहां रह रही इन महिलाओं के पास फिलहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं. इनमें काफी बड़ी संख्या में एचआईवी संक्रमित हैं.

पांजा ने बताया, "इनमें से कई बहुत बूढ़ी हो गई हैं और उनके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है. कुछ भीख मांगने को मजबूर हैं. उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. इस कार्यक्रम के तहत हम उन्हें मुफ्त चिकित्सा सुविधा, हेल्थ कार्ड और मुफ्त या सस्ती दरों पर राशन देंगे."

राज्य मंत्रिमंडल इस प्रस्ताव को पहले ही अपना समर्थन दे चुका है जिसके अंतर्गत 200 यौनकर्मियों के लिए रहने का बंदोबस्त किया जा रहा है. इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी राज्य समाज कल्याण विभाग के पास है.

एसएफ/एमजे (पीटीआई)

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