कोरोना वायरस: भारत में अब भी बढ़ रहा है संक्रमण
६ अप्रैल २०२०भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के नए मामले आने की दर में अब भी वृद्धि ही देखने को मिल रही है. रविवार को 505 नए मामले सामने आये और कुल मामलों का आंकड़ा 4067 पर पहुंच गया. इनमें 292 ऐसे लोग भी शामिल हैं जो ठीक हो गए. मरने वालों की संख्या 100 पार कर 109 तक पहुंच चुकी है. राज्यों में, 690 कुल मामलों के साथ महाराष्ट्र में अभी भी सबसे आगे है. वहां मरने वालों की संख्या 45 है.
571 मामलों के साथ, तमिल नाडु दूसरे नंबर पर पहुंच चुका है. मरने वालों की संख्या पांच है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थिति चिंताजनक ढंग से बदली है और संक्रमण के कुल मामले अब बढ़कर 503 हो गए हैं. मरने वालों की संख्या सात है. मरने वालों की संख्या में महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर गुजरात है, जहां 11 मौतें दर्ज हुई हैं. गुजरात एक पहेली बना हुआ है क्योंकि वहां कुल मामलों की संख्या 122 है, जो कि तुलनात्मक रूप से कई राज्यों से कम है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकारी एजेंसियों ने पूरे देश के कुल मामलों में से 80 प्रतिशत मामले सिर्फ 62 जिलों में केंद्रित पाए हैं. भारत में कुल मिलाकर 700 से भी ज्यादा जिले हैं. इस मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगर 14 अप्रैल के बाद पूरे देश में तालाबंदी हटा भी दी जाएगी तो भी उसे इन 62 जिलों में जारी रखा जाएगा और इनमें भीलवाड़ा की तरह पूरी तरह से तालाबंदी कर एक एक व्यक्ति की जांच की जाएगी.
टेस्ट की संख्या बढ़ाई जा रही है
केंद्र सरकार ने कहा है कि जांच करने की दर बढ़ा दी गई है और आने वाले दिनों में और बढ़ाई जाएगी. पिछले दो दिनों में जांच की संख्या दुगुनी कर दी गई है. जहां दो अप्रैल को सिर्फ 5,800 टेस्ट हुए थे, वहीं चार अप्रैल को 10,034 टेस्ट हुए. अभी तक लगभग 90,000 सैंपलों की जांच हुई है. इसके अलावा सरकार तेजी से नतीजा देने वाले खून के सैंपल पर आधारित एंटीबॉडी टेस्ट को भी लागू करने की योजना बना रही है.
इसी बीच सरकार ने कोविड-19 के संक्रमण के हवा के जरिये भी फैलने की संभावना को नकार दिया है. आईसीएमआर ने कहा है कि अगर ऐसा होता तो संक्रमित लोगों के परिवार में हर सदस्य को और अस्पतालों में भी लगभग सभी को संक्रमण हो जाता, लेकिन भारत ही नहीं पूरे विश्व में ऐसा कहीं नहीं हुआ है.
32,000 मेगावॉट गिरी बिजली की खपत
रविवार पांच अप्रैल की रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पूरे देश में लोगों ने अपने अपने घरों में बत्तियां बुझा कर दीये या मोमबत्तियां जलाईं. कई लोगों ने पटाखे भी फोड़े. इस दौरान पूरे देश में बिजली की खपत में 32,000 मेगावॉट की गिरावट देखने को मिली लेकिन बिजली तंत्र के कर्मचारियों की कोशिशों की मदद से ग्रिड को बंद होने से बचा लिया गया.
ग्रिड को बंद होने से बचाने के लिए फ्रीक्वेंसी को पहले 49.9 हर्ट्ज की अनिवार्य रेंज से नीचे 49.73 हर्ट्ज तक गिराया गया और फिर धीरे धीरे 50.3 हर्ट्ज तक बढ़ाया गया.
इस से ग्रिड में संतुलन बिगड़ने से बचा लिया गया.
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