कोरोना के आतंक से जेल में हिंसा, एक कैदी की मौत कई घायल
२१ मार्च २०२०कैदियों ने जेल कर्मचारियों के साथ मारपीट की और उन पर पथराव किया. इस हिंसा के दौरान कम से एक कैदी की मौत हो गई जबकि जेलर समेत 20 लोग घायल हो गए. घायलों में कुछ लोगों की हालत गंभीर होने की वजह से मृतकों की तादाद बढ़ने का अंदेशा है. रिहाई की मांग कर रहे इन कैदियों ने जेल परिसर के भीतर आग भी लगा दी. उत्तेजित कैदियों पर काबू पाने के लिए पुलिस वालों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. फायर ब्रिगेड के तीन इंजनों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. यह देश में पहला मौका है जब कोरोना के आतंक की वजह से किसी जेल में कैदियों ने हिंसा और हंगामा किया हो. सरकार ने खुफिया विभाग को इस घटना की जांच सौंप दी है.
हिंसा में घायल कई लोगों को सरकारी आरजी कर अस्पताल में दाखिल कराया गया है. फिलहाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं. जेल परिसर में भारी तादाद में पुलिस वालों को तैनात कर दिया गया है. प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि जेल के भीतर फायरिंग भी हुई और कम से कम चार कैदियों की मौत हो गई है. लेकिन जेल विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक पीयूष पांडे ने फायरिंग का खंडन किया है. उन्होंने कहा, "कैदियों के दो गुटों के बीच हिंसक झड़पों में एक की मौत हो गई है. इस हिंसा में कई लोग घायल भी हुए हैं.”
कोरोना के डर से नाराज कैदी
जेल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना के आतंक की वजह से महानगर की तमाम अदालतों के बंद होने के कारण जमानत नहीं मिलने और घरवालों से मुलाकात पर 31 मार्च तक पाबंदी लगाए जाने की वजह से कैदियों में भारी नाराजगी है. इसके अलावा उनको मास्क और सैनिटाइजर भी मुहैया नहीं कराया जा रहा है. इससे कैदियों में आतंक है कि कहीं वह भी कोरोना की चपेट में न आ जाएं. फिलहाल किसी कैदी के परिवार का कोई सदस्य जेल अधिकारियों से सिर्फ फोन पर ही अपने परिजनों के स्वास्थ्य की जानकारी ले सकता है.
जेल मंत्री उज्ज्वल विश्वास ने बताया, "कोरोना की वजह से अदालतें 31 मार्च तक बंद हैं. कलकत्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी 31 मार्च तक काम नहीं करने का फैसला किया है. इससे जमानत याचिकाओं पर सुनवाई नहीं हो रही है. ऐहतियात के तौर पर परिजनों को मुलाकात के लिए जेल परिसर के भीतर नहीं जाने दिया जा रहा है.” उन्होंने बताया कि कैदी खुद को रिहा किए जाने की मांग कर रहे थे. इस मामले की जांच की जा रही है. मंत्री ने बताया कि सुबह कुछ कैदियों ने तुरंत पैरोल पर रिहा किए जाने की मांग उठाई. उसके बाद वह लोग अचानक हिंसक हो उठे और उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर हमला कर दिया.
जेल के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि आज सुबह कुछ कैदियों ने जोर देकर कहा कि उन्हें पैरोल पर रिहा किया जाए, लेकिन जब अधिकारियों ने उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया तो उन्होंने हिंसा शुरू कर दी. रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) और पुलिस के जवानों ने कुछ देर बाद हालात पर काबू पा लिया. कैदियों से बातचीत कर उनको शांत किया गया.
दबाव में प्रशासन
एक अन्य अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, "सरकार कोरोना के खतरे के चलते आजीवन कारावास की सजा काट रहे कुछ कैदियों को 15 दिनों के विशेष पैरोल पर रिहा करने पर विचार कर रही है. इससे बाकी कैदियों में भारी नाराजगी है.” जेल में हिंसा व आगजनी की खबर मिलते ही पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी जेल परिसर में पहुंच गई. पुलिस और जेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा फायर ब्रिगेड मंत्री सुजीत बोस भी मौके पर पहुंचे.
जेल के मुख्यद्वार के बाहर चाय की दुकान चलाने वाले स्वपन साहा ने बताया, "दोपहर लगभग साढ़े बारह बजे अचानक जेल से धुंआ निकलता नजर आया. उसके बाद अफऱा-तफरी मच गई. कुछ देर बाद ही भारी तादाद में पुलिस और रैफ के जवान मौके पर पहुंच गए.” बंगाल सरकार ने शनिवार को कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 31 मार्च तक सभी रेस्तरां, बार, पब, नाइटक्लब, मनोरंजन पार्क, संग्रहालय और चिड़ियाघर बंद रखने का आदेश दिया है. यह आदेश मसाज पार्लर और हुक्का बार पर भी लागू होगा.
राज्य में चार लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. इनमें से तीन हाल में ब्रिटेन से लौटे थे. इस बीच कोलकाता पुलिस ने विदेश में रहने वाले भारतीयों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. विदेश में रहने वाले लोग इस पर भारत में रहने वाले अपने परिजनों और बुजुर्ग माता-पिता के बारे में सूचना दे सकते हैं. दूसरी ओर, सरकार ने रेलवे को पत्र लिख कर 31 मार्च तक किसी दूसरे राज्य से यहां ट्रेनों की आवाजाही बंद करने का अनुरोध किया है.
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