केरल की चुनौती, बाढ़ से लड़ें कि फेक न्यूज के उत्पात से
२२ अगस्त २०१८केरल की राज्य सरकार और भारत की सेना ने वायरल सोशल मीडिया संदेशों के खिलाफ कड़ी चेतावनी जारी की है. अधिकारी एक तरफ बाढ़ की परेशानियों से लोगों को बचाने में डटे हैं तो दूसरी तरफ फेक न्यूज का मायाजाल नित नई कहानियां गढ़ रहा है. बाढ़ की विभिषिका अब तक कम से कम 420 लोगों की जान ले चुकी है.
झूठी खबरों, वीडियो और दावों की बाढ़ ने असली बाढ़ को भी जब पीछे छोड़ दिया तो सरकार हरकत में आई है. भारत सरकार ने फेसबुक, व्हाट्सऐप और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को फेक न्यूज के खिलाफ कदम उठाने के लिए दबाव बनाया है. पिछले दो महीनों में फेक न्यूज देख कर भड़की भीड़ ने भारत में अब तक 20 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है. सच्चाई जांचने वाली वेबसाइट बूमलाइव डॉट इन ने यह दिखाया है कि कितने लोग हैं जिन्होंने रोनाल्डो की मदद का इस्तेमाल केंद्र सरकार के संकट से जूझने की कोशिशों की आलोचना करने में किया है.
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन को भी ट्विटर पर एक चेतावनी जारी करनी पड़ी क्योंकि गलत खबर दी जा रही थी कि केरल के इडुक्की जिले में मुलापेरियार बांध में दरार है. एक क्लिप में एक अनजान व्यक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दफ्तर में कार्यरत एक दोस्त का हवाला देकर कहता है कि तीन घंटे के भीतर आस पास के इलाके पानी में डूब जाएंगे. मुख्यमंत्री ने लिखा है, "मैं सबको बताना चाहता हूं कि राज्य सरकार अब लोगों की इस तरह की हरकतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी."
भारत की सेना ने भी एक वीडियो का पर्दाफाश किया है जिसमें सेना की वर्दी पहने एक शख्स राहत कार्रवाई के बारे में बात करते हुए केरल के मुख्यमंत्री को बुरा भला कह रहा है. सेना ने ट्वीट कर कहा है, "सेना की वर्दी पहन कर एक बहुरूपिया राहत और बचाव की कोशिशों के बारे में गलत जानकारी फैला रहा है. भारतीय सेना और सभी लोग इस मानवीय त्रासदी से उबरने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं." सेना ने लोगों से ऐसी खबरें फैलाने वालों की शिकायत करने को भी कहा है.
कहीं चुटकुलों के रूप में तो कहीं पुरानी तस्वीरों को ला कर बड़े पैमाने पर झूठ का कारोबार फैलाया जा रहा है. किसी जगह खबर छपी है कि लोगों ने भगवा रंग की लाइफजैकेट पहनने से इनकार कर दिया तो कहीं अगल अलग राज्यों की तरफ से केरल को दी जा रही मदद को लेकर झूठे आंकड़े दिए जा रहे हैं.
इन सब के बीच व्हाट्सऐप ने अपनी तरफ से फेक न्यूज को फैलने से रोकने के लिए भारत में कुछ और कदमों का एलान किया है. व्हाट्सऐप ने भारत सरकार को आश्वस्त किया है कि वह जल्दी ही ऐसे टूल बनाएगा जिनसे फेक न्यूज को रोका जा सकेगा. यह जानकारी भारत के सूचना तकनीक मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दी है. व्हाट्ऐप के सीईओ क्रिस डैनियल्स ने आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद से मंगलवार को मुलाकात की और उन्हें इसके समाधान का भरोसा दिया.
रविशंकर प्रसाद ने पत्रकारों को बताया, "किसी संदेश का पता लगाने के लिए किसी रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं है." इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वो कानून का पालन कराने वाली एजेंसियों के साथ मिल कर ऐसा तंत्र विकसित कराने पर काम कर रहे हैं. भारत व्हाट्सऐप का बहुत बड़ा बाजार है और फिलहाल यहां 20 करोड़ से ज्यादा लोग इसकी सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं.
एनआर/एमजे (एएफपी, रॉयटर्स)