किसानों ने मुंबई में जमाया डेरा
१२ मार्च २०१८कर्ज माफी, फसल का उचित मूल्य और भूमि पर अपने अधिकारों को लेकर किसान लंबे समय से मांग कर रहे हैं. अब तक सरकार की ओर से इस दिशा में कोई ठोस काम नहीं किया गया. किसानों ने एलान किया था कि वे 12 मार्च को मुंबई में राज्य विधानसभा का घेराव करेंगे. मुंबई के आजाद मैदान पर इकट्ठा इन किसानों ने अपने इस आंदोलन को अब तक बेहद ही शांतिपूर्ण रखा है. अधिकारियों के मुताबिक इस प्रदर्शन में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
मुंबई नगर निगम के प्रवक्ता तानाजी कांबले ने बताया, "हम ने किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है. पीने के पानी से लेकर मेडिकल सुविधा तक के सभी इंतजाम किए गए हैं." एनडीटीवी के मुताबिक, 40 किसानों का दल राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बातचीत कर रहा है ताकि इस समस्या का समाधान निकाला जा सके.
महाराष्ट्र के एक बड़े हिस्से में कृषि होती है. वहीं देश की तकरीबन आधी आबादी कृषि पर निर्भर करती है लेकिन देश की अर्थव्यवस्था में इसका योगदान महज 15 फीसदी का है. इसके अतिरिक्त अब भी एक बड़े क्षेत्र में कृषि वर्षा पर निर्भर है. सूखे और बेमौसमी बरसात के अलावा सरकारी नीतियों की उदासीनता ने इन किसानों की हालत खराब दी है.
पिछले साल महाराष्ट्र में तकरीबन 2400 किसानों ने आत्महत्या कर ली थी. किसानों का यह आंदोलन सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है. आम जनता से लेकर बड़ी हस्तियां तक किसानों का साथ दे रहीं हैं. देर रात से ही #फॉरमर्समार्चटूमुंबई टि्वटर पर ट्रेंड कर रहा है.
क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले ने ट्वीट कर कहा, अगर यह वास्तव में हकीकत है कि किसानों का मार्च शांत है ताकि अगली सुबह परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों को परेशान न किया जाए तो यह ऐसा करने का बढ़िया तरीका है.
एक ट्वीट में कहा गया है कि कल तक वे अपनी आत्महत्या के चलते खबरों में आ रहे थे लेकिन अब वे अपने संघर्ष का इतिहास बना रहे हैं.
एए/एनआर (डीपीए, एएफपी)