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किलर सेल करेगी सारे फ्लू का खात्मा

२० फ़रवरी २०१९

कितना अच्छा हो अगर एक टीका लगवा लेने से आप सभी तरह के वायरल फ्लू से बच सकें. अब रिसर्चरों ने इसे सच कर दिखाने वाले ऐसे 'किलर' सेल का पता लगा लिया है.

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Grippeschutzimpfung
तस्वीर: picture alliance/dpa/J. Stratenschulte

वैज्ञानिकों का मानना है कि उन्हें शरीर में ही ऐसी प्रतिरोधी कोशिकाओं का पता लगा लिया है जो अब तक ज्ञात हर तरह के बुखार देने वाले वायरसों से बचा सकते है. इसी के साथ एक ऐसा टीका बनाने की उम्मीद भी जगी है जिसे लेकर इंसान हर तरह के वायरल फ्लू से छुटकारा पा जाए.

उदाहरण के तौर पर इंफ्लुएंजा का वायरस. हर साल एक खास मौसम में इसके वायरस खूब फैलते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल ऐसे गंभीर इंफ्लुएंजा संक्रमण लाखों लोगों की जान ले लेते हैं. इसके वायरस में रूप बदलने यानि म्यूटेशन का गुण होता है, जिसके कारण उसकी कुछ किस्मों के खिलाफ टीके होने के बावजूद दुनिया भर के सभी इलाकों में हर मरीज को इस बीमारी से बचाया नहीं जा सकता.

ऑस्ट्रेलिया में रिसर्चरों ने बताया है कि दुनिया की आधी से भी अधिक आबादी के शरीर में पाई जाने वाली "किलर टी कोशिकाएं" इसका तोड़ दे सकती हैं. इन कोशिकाओं पर परीक्षण करने से पता चला है कि ये अब तक ज्ञात सभी कॉमन फ्लू संक्रमणों से लड़ सकती हैं.

Spanische Grippe Virus
इंफ्लुएंजा वायरस की एक स्ट्रेन तस्वीर: picture-alliance/BSIP

इसका अर्थ यह हुआ कि किलर टी सेल्स से अगर ऐसे यूनिवर्सल फ्लू वैक्सीन बनाए जाएं, तो वह दुनिया की बड़ी आबादी को तमाम तरह के फ्लू से बचा सकती है. इसका एक और फायदा यह भी है कि ऐसे टीके का एक शॉट ही काफी होगा और हर साल इसे बदलने की जरूरत भी नहीं होगी. इसके अलावा यह उन लोगों में भी असरदार होगा जिनके शरीर में यह प्राकृतिक रूप से नहीं पाए जाते.

टी सेल्स एक तरह की सफेद रक्त कोशिकाएं होती हैं जो शरीर में घूमकर किसी तरह के संक्रमण और गड़बड़ियों को पकड़ती हैं. बैक्टीरिया और वायरस से होने वाली कई बीमारियों के लिए प्रतिरोधी क्षमता देने में इनकी अहम भूमिका होती है. "किलर" टी सेल इनसे इस मायने में खास हैं कि यह संक्रमित कोशिकाओं पर सीधे निशाना साध कर उन्हें नष्ट कर सकती हैं.

मेलबर्न यूनिवर्सिटी के डोअर्टी इंस्टीट्यूट के रिसर्चर मारिओस कूटसाकोस और उनके सहयोगियों ने मास स्पेक्ट्रोमेट्री नामक स्कैनिंग तकनीक का इस्तेमाल कर अणुओं को उनके भार के आधार पर अलग किया. इस तरह उन्होंने वायरस के उन हिस्सों की पहचान कर ली, जो फ्लू की सभी किस्मों में समान थे. इस तरह उन्होंने साबित किया कि किलर टी कोशिकाएं इंफ्लुएंजा ए, बी या सी सभी से लड़ सकती है. यह फ्लू बच्चों, बूढ़ों और कमजोर प्रतिरोधी क्षमता वाले लोगों में खास तौर पर खतरनाक होता है. किलर टी सेल की खोज करने वाली रिसर्चरों की टीम ने इस खोज को पेटेंट करवा लिया है और उम्मीद कर रहे हैं कि इससे यूनिवर्सल फ्लू वैक्सीन बन पाएगी.

आरपी/आईबी (एएफपी)

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