किन लोगों पर है श्रीलंका में हमले का शक?
श्रीलंका सरकार के मुताबिक उन्हें 'नेशनल तौहीद जमात' नाम के एक कट्टरपंथी संगठन पर ईस्टर हमले को अंजाम देने का शक है. सरकारी प्रवक्ता ने जिस इस्लामी गुट का नाम लिया है, उसके बारे में जानते हैं कुछ बातें.
जिस पर है हमले का शक
श्रीलंका सरकार के प्रवक्ता रजिथा सेनारत्ने ने बताया कि जांचकर्ताओं के शक की सुई 'नेशनल तौहीद जमात' (एनटीजे) नामक इस्लामी कट्टरपंथी गुट की ओर है. अभी पता लगाया जा रहा है कि क्या उन्हें ईस्टर पर हमले के लिए कोई "विदेशी मदद" मिली थी.
कहां से चला योजना का पता
एनटीजे श्रीलंका का एक स्थानीय चरमपंथी गुट है, जिसके बारे में अब तक बहुत ज्यादा पता नहीं था. 11 अप्रैल को पुलिस प्रमुख ने एक चेतावनी जारी करते हुए उसमें लिखा था, कि एक "विदेशी खुफिया एजेंसी" की रिपोर्ट के अनुसार यह गुट चर्चों और भारतीय उच्चायोग पर हमले की योजना बना रहा है.
पहले भी कीं कुछ वारदातें
इस गुट का नाम इसके पहले तब चर्चा में आया था जब श्रीलंका में ही कुछ बौद्ध मूर्तियों के साथ तोड़ फोड़ की घटना हुई थी. अब जांच चल रही है कि उन्हें विदेशी मदद कहां से मिली, कैसे उन्होंने यहां बम बनाए और कैसे आत्मघाती हमलावर तैयार किए.
विदेशी हाथ किसका
सोमवार रात से देश में "आतंकवाद रोधी गतिविधियों" से संबंधित ऐसा आपातकाल लागू होगा जिसमें "पुलिस और तीनों सेनाएं (जल, थल और वायु) सार्वजनिक सुरक्षा से संबंधित कार्रवाई" को अंजाम दे पाएंगी. जांच में विदेशी मदद के लिए राष्ट्रपति सिरिसेना कोलंबो में डिप्लोमैट्स से मुलाकात करेंगे.
खूनी अतीत की झलक
देश की सात फीसदी ईसाई आबादी को निशाना बनाने वाले ईस्टर के इस हमले में कम से कम 37 विदेशी पर्यटक भी मारे गए. तमिल विद्रोहियों के साथ करीब तीन दशकों तक जातीय और धार्मिक हिंसा से जूझने वाले श्रीलंका में दस साल पुरानी बुरी यादें ताजा हो गई हैं. तब बम हमले एक आम बात थी.
खूफिया संस्थाओं का निशाना
हाल के सालों में देश के सिंहली समुदाय के बौद्ध बहुसंख्यकों और मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बीच झड़पें बढ़ी हैं. ईस्टर हमले के बाद दो प्रमुख मुस्लिम समूहों ने बयान जारी कर हमलों की कड़े शब्दों निंदा की है. लेकिन इस नए इस्लामी चरमपंथी गुट एनटीजे के बारे में और जानकारी पाने की कोशिशें जारी हैं.