कितनी मजबूत है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
182 की ऊंचाई के साथ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कितनी मबजूत है या फिर इसे किसने डिजाइन किया, चलिए जानते हैं.
कहां है प्रतिमा?
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गुजरात में सरदार सरोवर बांध के पास नर्मदा नदी में स्थित एक द्वीप साधु बेट पर बनाई गई है. सितारे के आकार वाली प्रतिमा का आधार लगभग पूरे द्वीप पर फैला है.
कितनी ऊंची है?
सरदार पटेल की यह प्रतिमा कुल 182 मीटर ऊंची है. इस तरह यह न्यूयॉर्क में स्थित अमेरिका की मशहूर स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से ऊंचाई में दोगुनी है.
मूर्तिकार कौन है?
इस प्रतिमा का डिजाइन माने माने मूर्तिकार राम वंजी सूतर से तैयार किया है जबकि इसका निर्माण इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टूब्रो ने सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के साथ मिल कर किया है.
कांसे और स्टील के सरदार
सरदार पटेल भारत के लौहपुरूष माने जाते हैं जिन्होंने आजादी के समय सैकड़ों रियासतों में बंटे भारत को एकजुट किया. लेकिन उनकी प्रतिमा स्टील, कांसे और कंक्रीट की बनी है.
कितना समय लगा?
इस प्रतिमा को बनाने में 2.1 लाख घन मीटर सीमेंट, 25 हजार टन स्टील और 1700 टन कांसा लगा है. लार्सन एंड टूब्रो कंपनी का कहना है कि इसे बनाने में 33 महीने का समय लगा.
कितनी मजबूत है प्रतिमा?
यह प्रतिमा 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं को आसानी से झेल सकती है. इसके अलावा 12 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 6.5 तीव्रता के भूकंप से इसका कुछ नहीं बिगड़ेगा.
ऊपर से नजारा
प्रतिमा में छाती तक की ऊंचाई पर ऐसी खास गैलरी बनाई गई है जहां से एक समय में 200 लोग खड़े होकर नर्मदा नदी घाटी और आसपास की पहाड़ियों को देख सकते हैं.
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर
प्रतिमा के आसपास बने परिसर में एक होटल, एक म्यूजियम और एक स्मृति उपवन भी है. इसके अलावा वहां पर एक कॉन्फ्रेंस सेंटर भी बनाया गया है.
कितनी लागत?
इस प्रतिमा को बनाने में लगभग तीस अरब रुपये की लागत आई है. सरदार पटेल की 143वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रतिमा का अनावरण किया.