कासिम सुलेमानी की बरसी और अमेरिकी युद्धपोत की वापसी
१ जनवरी २०२१अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने युद्धपोत वापस बुलाने का एलान गुरुवार को किया. कार्यवाहक रक्षा मंत्री क्रिस्टोफर मिलर ने इसकी घोषणा की. इसके एक दिन पहले ही अमेरिकी एयर फोर्स के बी-52 बॉम्बर विमानों ने अमेरिका से फारस की खाड़ी तक बिना रुके उड़ान भरी थी. इस ताकत प्रदर्शन का मकसद ईरान को अमेरिकी सेनाओं और हितों पर हमले के खिलाफ चेतावनी देना था.
विमानवाहक युद्धपोत यूएसएस निमित्ज को अमेरिका के वेस्ट कोस्ट भेजने का फैसला इस वक्त हैरान करने वाला है. ट्रंप सरकार के आखिरी दिनों में ईरान के हमले की आशंका बढ़ी हुई और तब इस तरह का फैसला रक्षा मंत्रालय में अंदरूनी मतभेद की तरफ इशारा कर रहा है. निमित्ज को घर भेजने का एलान करते वक्त मिलर ने ईरान का कोई जिक्र नहीं किया.
ईरानी हमले की आशंका
इस हफ्ते की शुरुआत में स्थिति पर नजर रख रहे एक अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने पत्रकारों से कहा था कि अमेरिका को ईरान की तरफ से मध्यपूर्व में इराक या कहीं और सहयोगियों के ठिकाने पर हमले की तैयारी के संकेत मिले हैं. यही वजह थी कि बी-52 बॉम्बर विमानों को अमेरिका ने बुधवार को इलाके में गश्त करने के लिए भेजा था. इस अधिकारी ने जानकारी देने के लिए नाम नहीं जाहिर करने की शर्त रखी थी.
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में एक "गपशप" का हवाला देकर हमलों होने की आशंका जताई थी. 20 दिसंबर को बगदाद के अमेरिकी दूतावास परिसर पर ईरान समर्थित एक शिया मिलिशिया गुट ने 20 रॉकेट दागे. इसके बाद 23 दिसंबर को ट्रंप ने ट्वीट किया, "ईरान की सेहत के लिए कुछ दोस्ताना सुझाव: अगर एक भी अमेरिकी मारा गया तो मैं इसके लिए ईरान को जिम्मेदार मानूंगा. इस बारे में सोचना." इसके साथ ही ट्रंप ने यह भी लिखा, "हमने इराक में कुछ अमेरिकियों के खिलाफ और हमले के बारे में गपशप सुनी है."
अमेरिका की चिंता ईरान के शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत की बरसी को लेकर है. बीते साल 3 जनवरी को बगदाद के एयरपोर्ट पर अमेरिका के एक ड्रोन हमले में उनकी हत्या कर दी गई. ईरान ने इसका जवाब इराक में अमेरिका के एक सैन्य ठिकाने पर बैलिस्टिक मिसाइल के हमले से दिया हालांकि इसमें किसी अमेरिकी सैनिक की मौत नहीं हुई. अमेरिकी अधिकारियों को आशंका है कि ईरान जवाबी कार्रवाई की योजना बना रहा है.
मामले के बिगड़ने से एक बड़ी लड़ाई की आशंका थी इसलिए अमेरिका ने ईरान को और हमले करने के खिलाफ चेतावनी दी. हालांकि जो बाइडेन की जीत के बाद दोनों तरफ से रणनीतिक जोड़ घटाव थोड़ा जटिल हो गया है. माना जा रहा है कि बाइडन प्रशासन ईरान के साथ नए तरीके से संबंधों को आगे बढ़ाएगा. उम्मीद तो यह भी की जा रही है कि अमेरिका 2015 में अंतरराष्ट्रीय ताकतों और ईरान के बीच हुए परमाणु करार में वापसी करेगा. इस करार में ईरान अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने के बदले परमाणु कार्यक्रम सीमित करने पर रजामंद हुआ था.
अमेरिका ने मई 2019 के बाद से लगातार फारस की खाड़ी में विमानवाहक युद्धपोत की तैनाती कर रखी है. उस वक्त इलाके में अमेरिकी हितों के ठिकानों पर ईरान के हमले की योजना बनाने की आशंका को देखते हुए यूएसएस अब्राहम लिंकन की तैनाती के साथ यह सिलसिला शुरू हुआ. बाद में अमेरिका ने जमीन से हमला करने वाले विमान भी भेजे और सऊदी अरब में फिर से सैनिकों की तैनाती कर दी.
कासिम सुलेमानी की बरसी
इस बीच ईरान में कासिम सुलेमानी के मौत की पहली बरसी पर कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है. ईरान के न्याय विभाग के प्रमुख ने शुक्रवार को कहा कि कासिम सुलेमानी के हत्यारे "पृथ्वी पर कहीं भी सुरक्षित नहीं रहेंगे." तेहरान में सुलेमानी को श्रद्धांजलि देने के एक कार्यक्रम में इब्राहिम रइसी ने कहा, यहां तक कि हमले का आदेश देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भी "न्याय से बच नहीं पाएंगे." तेहरान यूनिवर्सिटी में हुए इस कार्यक्रम में कई ईरानी अधिकारियों ने हिस्सा लिया. इसके साथ ही ईरान के क्षेत्रीय सहयोगियों सीरिया, इराक, लेबनान और यमन के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे. ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातोल्लाह खमेनेई और दूसरे अधिकारी भी कहते रहे हैं कि सुलेमानी की हत्या में शामिल लोगों को इसका अंजाम भुगतना होगा. सुलेमानी के बाद उनकी जिम्मेदारी संभालने वाले एसमानई कानी ने शुक्रवार के कार्यक्रम में चेतावनी दी कि बदले की कार्रवाई कहीं से भी हो सकती है. उन्होंने कहा, "यह भी संभव है कि तुम्हारे (अमेरिका के) लोग ही तुम्हारे अपराध का जवाब दें."
निमित्ज को अमेरिका ने अप्रैल में भेजा था और इसे साल के आखिर में वापस जाना था. दिसंबर की शुरुआत में इसकी वापसी को टाल दिया गया और इसके पीछे भी ईरान से हमले की आशंका ही एक बड़ी वजह थी. इसके बाद हाल ही मेंइसे सोमालिया के तटों से अमेरिकी सेनाओं की वतन वापसी में सहयोग करने का हुक्म मिला.
एनआर/एके(एपी)
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