कासानोवा: प्रेमी, ठग, जासूस और लेखक
कासानोवा...एक शख्स जो किसी भी महिला को अपने प्यार में बांध देता था. दुनिया कासानोवा को इसी वजह से जानती है. लेकिन कासानोवा एक पुजारी, जासूस और लेखक भी था.
युवा जाकोमो
कासानोवा का पूरा नाम जाकोमो जिरोलामो कासानोवा था. दो अप्रैल 1725 को जन्मा कासानोवा बचपन में भौतिकशास्त्री बनना चाहता था. लेकिन बाद में दादी के पैसों को मदद से कासानोवा ने कानून और धर्मशास्त्र की पढ़ाई की. इसके बाद कुछ सालों तक कासानोवा एक पुजारी भी रहा.
रात में एक्टिव
इटली के शहर वेनिस की गलियां आज भी कासानोवा के किस्सों से गूंजती हैं. रात होते ही कासानोवा नाव के सहारे अपनी प्रेमिकाओं से मिलने निकल पड़ता था. वह अक्सर अपनी पहचान छुपाता था क्योंकि डर था कि शादीशुदा महिलाओं के पति उस पर हमला न कर दें.
प्रेमी
कासानोवा के प्यार में पूरे यूरोप की महिलाएं उलझी रहीं, चाहे वो शादीशुदा हो, अविवाहित हो या नोबेल घराने की महिलाएं. एक अनुमान के मुताबिक 200 महिलाएं वेनिस के कासानोवा से प्यार करती थीं.
मानोन बालेटी
17 साल की उम्र में मानोन बालेटी 30 साल के कासानोवा के प्यार में पड़ गईं. शादी की उम्मीद में मानोन ने कासानोवा को पैसे और जरूरी दस्तावेज भी दिए. युवती ने कासानोवा का 42 लव लेटर लिखे. कासानोवा को जेल से रिहा कराने के लिए उसने अपनी हीरे की अंगूठी तक बेचने तक की सोची. दोनों का प्रेम तीन साल तक चला, लेकिन इस दौरान कासानोवा कई और महिलाओं के संपर्क में भी था.
वेनिस छो़ड़ा
1756 में ईशनिंदा के आरोप में फंसने के बाद कासानोवा वेनिस से भाग गया. लेकिन इसके बाद उसने यूरोप के चर्चों और उच्च घरानों में पैठ बना ली. वह लोगों को ठगने में सफल होता गया.
कासानोवा म्यूजियम
वेनिस में अब कासानोवा का म्यूजियम है. इस म्यूजिम से पता चलता है कि कासानोवा वायलिन वादक, सैनिक, जासूस, कूटनीतिक, लेखक और फ्रेंच लॉटरी का संस्थापक भी था. कासानोवा को अमीर माना जाता था. हालांकि कर्जे के चक्कर में वह कई बार जेल भी गया लेकिन इससे उसकी साख पर असर नहीं पड़ा.
लेखक
60 साल की उम्र में कासानोवा ने अपने घर से दूर बोहेमिया में एक लाइब्रेरियन की नौकरी करनी शुरू कर दी. रंगीन जवानी बुढ़ापे तक आते आते अकेलेपन से भर गई. डॉक्टरों ने डिप्रेशन से लड़ने के लिए कासानोवा को लिखने की सलाह दी. कासानोवा ने "द स्टोरी ऑफ माय लाइफ नाम से 3,000 पन्ने भी लिखे. यह दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों में शुमार है.
कासानोवा स्मारक
वेनिस में हर साल डेढ़ से दो करोड़ पर्यटक आते हैं. कई कासानोवा के बारे में जानना चाहते हैं. यहीं से कार्लो पारोडी को कासानोवा म्यूजियम का आइडिया आया. दो अप्रैल 2018 को उन्होंने लोगों के लिए कासानोवा का म्यूजियम खोल दिया.