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कार्टून और तस्वीरों से पीछे नहीं हटेगा फ्रांस

२२ अक्टूबर २०२०

पैगंबर का कार्टून दिखाने के बाद मारे गए टीचर को फ्रांस ने श्रद्धांजलि दी है. इस बीच पुलिस ने स्कूल के दो छात्रों और एक अभिभावक पर हत्या में शामिल होने का शुरूआती आरोप लगाया है.

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Frankreich | Paris | Macron bei der Gedenkzeremonie für den Lehrer Samuel Paty 21.10.2020
तस्वीर: Francois Mori/Reuters

पेरिस के सोबोन यूनवर्सिटी में ताबूत के सामने खड़े राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने कहा कि पैटी सैमुएल, "गणराज्य का चेहरा" बन गए हैं और साथ ही फ्रांस की, "आतंकवादियों को परास्त करने की प्रतिबद्धता." सैमुएल पैटी को मरणोपरांत फ्रांस के सबसे बड़े नागरिक सम्मान लेजन द ऑनर से सम्मानित किया गया है. शोक सभा के दौरान उनका मेडल उनकी ताबूत पर रखा गया था.

सैमुएल पैटी इतिहास और समाजशास्त्र के टीचर थे और उन्होंने अपनी दो कक्षाओं में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चर्चा के दौरान पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था. हालांकि उन्होंने छात्रों से कहा था कि वो चाहें तो नजर फेर सकते हैं या फिर थोड़ी देर के लिए क्लास से बाहर भी जा सकते हैं. स्कूल से थोड़ी दूर पर शुक्रवार को उनकी हत्या कर दी गई और हमलावर पुलिस की कार्रवाई में मारा गया. इस हत्या से पूरा फ्रांस हैरान है. राष्ट्रपति ने राजनीतिक इस्लाम और फिरकापरस्ती को रोकने के खिलाफ पहले से चल रही योजना और कार्रवाई को तेज कर दिया है.

Frankreich | Paris | Macron bei der Gedenkzeremonie für den Lehrer Samuel Paty 21.10.2020
तस्वीर: Gonzalo Fuentes/Reuters

छात्रों और अभिभावकों की जांच

इस बीच मामले की जांच में जुटे अधिकारियों ने स्कूल के कुछ छात्रों पर आरोप लगाया है. मुख्य आतंकवाद विरोधी अभियोजक जाँ फ्रांसोआ रिकार्ड ने कहा है कि पैटी के स्कूल के दो छात्रों ने हत्यारे को उनकी पहचान बताई थी और इसके बदले उन्हें पैसे दिए गए. हत्यारे ने कहा था कि वह पैटी को पीटेगा और उन्हें पैगंबर का कार्टून दिखाने के लिए माफी मांगने पर विवश करेगा.

रिकार्ड ने यह बातें प्रेस कांफ्रेंस में कही और अभी जज की तरफ से इन आरोपों को मंजूरी नहीं मिली है. इस बीच दोनों छात्रों के खिलाफ आतंकवादी हत्या की जांच में शामिल होने के लिए औपचारिक रूप से जांच शुरू हो गई है. उन दोनों को फिलहाल जमानत पर रिहा किया गया है. इसी स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा के अभिभावक के खिलाफ भी इन्हीं आरोपों में औपचारिक जांच शुरू की गई है. हालांकि अब तक उनसे पूछताछ नहीं की गई है. रिकार्ड का कहना है कि अभिभावक ने एक वीडियो संदेश में पैटी की "टीचर की गुंडागर्दी" कह कर आलोचना की और उन्हें नौकरी से हटाने की मांग की.

इस शख्स ने हिंसा की इच्छा रखने से इंकार किया है हालांकि रिकार्ड का कहना है कि उसके संदेश ने हत्यारे को प्रेरित किया और उसने उससे संपर्क भी किया था. एक इस्लामी कार्यकर्ता इस शख्स के ऑनलाइन कैम्पेन से जुड़ा था और उसके खिलाफ भी जांच की जा रही है. इसके अलावा हत्यारे के दो दोस्तों पर हत्या में शामिल होने और तीसरे दोस्त पर आतंकवादी साजिश में शामिल होने की जांच चल रही है. कार्यकर्ता और हत्यारे के दोस्तों को हिरासत में लिया गया है.

Frankreich Paris | nach Mord in Conflans-Sainte-Honorine | Trauer & Protest
तस्वीर: Charles Platiau/Reuters

कार्टून बनाना नहीं छोड़ेंगे

सोबोन यूनिवर्सिटी में शोक सभा के दौरान राष्ट्रपति ने पैटी के रिश्तेदारों, दूसरे टीचरों और सरकारी अधिकारियों से कहा कि टीचर की हत्या इसलिए हुई, "क्योंकि इस्लामवादी हमसे हमारा भविष्य लूटना चाहते हैं, हम हर स्कूल में टीचरों को प्रजातंत्रवादी बनाने के लिए ताकत देंगे. हम उस आजादी की रक्षा करेंगे जो आपने सिखाई है और धर्मनिरपेक्षता के झंडे को ऊंचा रखेंगे. दूसरे लोग अगर छोड़ दें तब भी हम कार्टून और चित्र बनाना नहीं छोड़ेंगे."

सैमुएल पैटी की हत्या ऐसे वक्त में हुई है जब 2015 में शार्ली एब्दो पत्रिका के दफ्तर पर हमले के संदिग्ध लोगों को खिलाफ मुकदमा चल रहा है. इस हत्याकांड में 12 लोगों मारे गए थे. इस बीच सरकार के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि जिस इस्लामी कार्यकर्ता के खिलाफ जांच चल रही है उसके नेतृत्व में चल रहे अनौपचारिक संगठन को भंग कर दिया गया है. इसके अलावा पेरिस के उपनगर में मौजूद एक बड़ी मस्जिद को भी बंद कर दिया गया है.

राष्ट्रपति माक्रों इससे पहले चेतावनी दे चुके हैं कि इस्लामवादी पूरे फ्रांस में समुदायों के इर्द गिर्द काम कर रहे हैं और वो एक "समानांतर व्यवस्था" बनाने की कोशिश में हैं और फिर समाज पर "पूरा नियंत्रण कर लेना" चाहते हैं. इसके साथ ही राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि इस्लामवाद के खिलाफ जंग का फ्रांस के आम मुसलमानों पर असर नहीं होना चाहिए. हालांकि कुछ मुसलमान कार्यकर्ताओं की दलील है कि इस मुद्दे पर राष्ट्रपति, रुढ़िवादियों और धुर दक्षिणपंथी विपक्षी पार्टियों के ध्यान देने का असर उन पर हो रहा है. इस बीच कई शहरों में मस्जिदों और दूसरी इमारतों की विशेष सुरक्षा के आदेश भी दिए गए हैं.

एनआर/एमजे(डीपीए)

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