कश्मीर में केसर की खेती
नवंबर में कश्मीर में केसर की फसल होने लगती है. इसे दुनिया जाफरान के नाम से भी जानती है. खेती का मुख्य इलाका पुलवामा जिले में पंपोर है. पत्रकार गुलजार बट ने केसर के फूल चुनते किसानों को तस्वीरों में कैद किया है.
मसालों का राजा
जाफरान यानि केसर को मसालों का राजा माना जाता है. हालांकि कश्मीर में केसर की खेती तीन इलाकों में होती है लेकिन घाटी के पंपोर इलाके में सबसे ज्यादा फसल के कारण इसे कश्मीर का केसर टाउन कहा जाता है.
क्वालिटी केसर
पुलवामा जिले में सालाना 60-80 क्विंटल उच्च क्वालिटी के केसर की खेती होती है. किसानों के अनुसार अच्छी क्वालिटी के एक ग्राम केसर के लिए बाजार में 250 से 300 रुपये तक मिलता है.
परिवार की मदद
केसर के पौधों में जब फूल लग जाते हैं तो उन्हें तोड़ने के लिए खेतों में पूरा परिवार पहुंचता है और फूलों को इकट्ठा किया जाता है. बाद में इन्हीं फूलों से केसर के तार निकाले जाते हैं.
सूखे की मार
इस साल उत्पादन कम हुआ है. इसकी वजह बरसात का कम होना है. किसानों का कहना है कि फसल कम होने की मुख्य वजह लंबे वक्त तक मौसम का सूखा रहना है.
ड्रिपिंग सिंचाई का फायदा नहीं
यूं तो इस इलाके में केसर के खेतों की सिंचाई के लिए सरकार ने ड्रिपिंग तकनीक शुरू की है. लेकिन किसानों का कहना है कि यह सुविधा बहुत देर से आई और इस साल उसका उतना फायदा नहीं हुआ.
जीआई टैग
इस साल से कश्मीर के केसर को जीआई टैग भी मिला है जो उसे दूसरे उत्पादों से अलग करता है और दार्जिलिंग चाय की तरह खास बनाता है. लेकिन बहुत से छोटे किसानों का इसका फायदा मालूम नहीं.
होगा फायदा
अक्सर कश्मीरी केसर के नाम पर कम क्वालिटी वाले केसर भी लोगों को बेच दिए जाते हैं. इसकी वजह से कश्मीरी केसर बदनाम हो रहा था. अब जीआई टैग मिल जाने से किसानों को माल बेचने में आसानी होगी.
खेतों की सैर
अभी पंपोर का माहौल देश के दूसरे हिस्सों जैसा ही है जहां परिवार की लड़कियां भी फसल कटाने जाती हैं. ये कश्मीरी लड़कियां केसर के फूल जमा कर लौट रही हैं.
काम के बाद आराम
केसर के फूलों को चुनने का काम आसान नहीं. क्रोकस के छोटे फूलों को झुककर खोंटने में कमर दुख जाती है. काम के बाद खेतों पर ही थोड़ा आराम अच्छा ही लगता है.
केसर वाले इलाके
कश्मीर के जिन दूसरे इलाकों में केसर होता है, वे हैं बड़गाम, श्रीनगर और डोडा. इस बार पंपोर के केसर पार्क में केसर की टेस्टिंग और पैकेजिंग होगी. अच्छी क्वालिटी के केसर को विदेशों में बेचने का लक्ष्य है.
सबसे महंगा मसाला
जाफरान दुनिया का सबसे महंगा मसाला है. इसकी वजह ये भी है कि यह कठोर परिश्रम से तैयार किया जाता है. पांच ग्राम जाफरान पाने में केसर के 800 फूलों की जरूरत होती है.
स्पेन में जाफरान
करीब 1000 साल से स्पेन में भी केसर की खेती होती है. ला मांचा के पठार में उपजाए जाने वाले स्पेनी केसर को अजाफरान दे ला मांचा कहते हैं. कंसुएगरा शहर में अक्तूबर के अंत में जाफरान महोत्सव मनाया जाता है.
ईरान में केसर
कहते हैं भारत में केसर ईरानी लोग लेकर आए थे. इसका श्रेय ईरान के सूफी संतों का जाता है. ईरान अभी भी केसर का मुख्य उत्पादक है जहां दुनिया के 90 फीसदी से ज्यादा केसर का उत्पादन होता है.
और ये है केसर
और ये हैं केसर के धागे जो हम बाजार से खरीद कर लाते हैं. फूलों से ये धागे हाथ से एक एक कर निकाले जाते हैं. तभी तो इतना महंगा होता है जाफरान.