कर्नाटक पुलिस ने 32 लोगों को गिरफ्तार किया
१६ जुलाई २०१८भारत में मई से अब तक अफवाहों और उसके बाद भीड़ के हमले में 20 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. सरकार अब तक फेक न्यूज को काबू में करने में नाकाम साबित हुई है. जुलाई के दूसरे हफ्ते में अखबारों पर फेक न्यूज को लेकर एक विज्ञापन जरूर दिया गया, लेकिन तमाम राज्यों की साइबर सेल को इस नई चुनौती से कैसे निपटना चाहिए, इसे लेकर अब तक कोई ठोस प्लान सामने नहीं आया है.
सोशल मीडिया और मैंसेजर सर्विसों पर फैलती झूठी खबरों या अफवाहों के चलते जान गंवाने वालों में शुक्रवार को मोहम्मद आजम का नाम भी जुड़ गया. व्हट्सऐप पर बच्चों के अपहरण की अफवाह के चलते शुक्रवार को कर्नाटक के बिदर जिले में 2000 लोगों की भीड़ ने आजम समेत तीन युवकों पर हमला कर दिया. भीड़ के हमले में गूगल के इंजीनियर आजम की मौत हो गई. आजम का एक दोस्त और कतर का एक नागरिक भी बुरी तरह जख्मी हुआ है.
बिदर के डीसीपी वीएन पाटिल के मुताबिक, "उनमें से एक कतर से चॉकलेट लाया था, उसने स्नेह के चलते बच्चों को चॉकलेट पेश की." लेकिन इसी दौरान एक बच्चा रोने लगा. बच्चे के रोते ही आस पास मौजूद लोग जमा हो गए. सोशल मीडिया पर फैली बच्चों के अपहरण की खबरों को सच मानते हुए लोगों ने तीनों युवकों को पीटना शुरू कर दिया. तीनों युवक कई किलोमीटर दूर तक भागे लेकिन पीछा करने वाली भीड़ बढ़ती गई. व्हट्सऐप पर लोगों ने पास के गांव वालों को युवकों के भागने की खबर दी. इसके बाद ग्रामीणों ने तीनों युवकों को गाड़ी से बाहर खिंचा और पत्थरों व लाठी डंडों से पीटा. पुलिसकर्मियों ने तीनों युवकों को बचाने की कोशिश भी लेकिन भीड़ उन्हें भी पीटने लगी.
इस वारदात के आरोप में कर्नाटक पुलिस ने 32 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपियों में व्हट्सऐप ग्रुप का एडिमिनिस्ट्रेटर भी शामिल है. पुलिस ने वीडियो में दिखाई पड़ रहे कुछ लोगों को भी गिरफ्तार किया है.
इससे पहले एक जुलाई को महाराष्ट्र में भी भीड़ ने बच्चा चोरी करने के आरोप में पांच लोगों की पीट पीटकर हत्या की थी. उस अफवाह को फैलाने के लिए जिस वीडियो का सहारा लिया गया था वो सीरिया का था. मई में झारखंड में भी ऐसी अफवाहों के चलते सात लोगों की हत्या कर दी गई. अब तक ऐसे 21 मामले सामने आए हैं. ज्यादातर मामलों में मारपीट का शिकार होने वाले लोग दूसरे शहरों या इलाके के थे.
साइबर पुलिसिंग में लचर भारत सरकार ने व्हट्सऐप से कहा है कि वह झूठी जानकारी के प्रसार को काबू में करे. व्हट्सऐप ने फॉरवर्ड किए जाने वाले मैसेज में फॉरवर्डेड का निशान लगाना शुरू कर दिया है. लेकिन व्हट्सऐप ने प्राइवेसी प्रोटेक्शन का हवाला देते हुए यूजर्स के कंटेंट की निगरानी करने से इनकार किया है. भारत व्हट्सऐप का सबसे बड़ा बाजार है, देश के 20 करोड़ व्हट्सऐप यूजर्स हर दिन करीब एक अरब मैसेज भेजते हैं.
(कई देशों में "फेक न्यूज" का नाम नेताओं के मुंह से सुना जाने लगा है. आलोचकों को डर है कि इसका इस्तेमाल सरकार विरोधी खबरों को दबाने के लिए भी किया जा सकता है. एक नजर एशियाई देशों में "फेक न्यूज" के खिलाफ उठाए गए कदमों पर.)
ओएसजे/एनआर (एएफपी)