पैसे सूंघने वाला जर्मन शेपर्ड लूक
१ मार्च २०१९अभी लूक को इस भूमिका में तीन महीने भी नहीं हुए थे कि इस जर्मन शेपर्ड कुत्ते ने सूंघ के 745,000 यूरो (यानी लगभग छह करोड़ रुपये) की रकम का पता लगा लिया. लूक जर्मनी के पश्चिमी शहर डुसेलडॉर्फ के एयरपोर्ट पर सुरक्षा गश्त में तैनात था. इस बारे में जर्मन कस्टम विभाग ने जानकारी दी है.
लूक दो साल का था जब फरवरी 2018 में उसे एक खास प्रोग्राम के लिए रिक्रूट किया गया था. फिर लंबे चले ट्रेनिंग प्रोग्राम में उसे अलग अलग देशों के नोटों की गंध के आधार पर उनकी बड़ी खेप का पता लगाना सिखाया गया. दिसंबर 2018 में इस ट्रेनिंग से ग्रेजुएट होकर निकले लूक ने तीन महीने से कम समय की अवधि में ही नोटों की 12 ऐसी खेपों का पता लगाने में सफलता पाई है.
कस्टम विभाग के प्रवक्ता मिषाएल वाल्क ने बताया, "लूक कैश की तस्करी रोकने में बेहद मददगार साबित हुआ है." वे कहते हैं, "इसकी शुरुआत इतनी धमाकेदार हुई है कि हम यह देखने को उत्सुक हैं कि भविष्य में उसकी सफलता दर कैसी होगी."
जर्मन कानून में 10,000 यूरो से अधिक कैश लेकर देश के भीतर प्रवेश करने पर रोक है. यूरोपीय संघ के बाहर से जर्मनी में इससे बड़ी रकम लेकर आने वाले यात्रियों को इसका ब्यौरा लिखित में देना होता है. वहीं ईयू के भीतर भी अधिकाररियों के पूछने पर यात्रियों को मौखिक रूप से इसकी जानकारी देना अनिवार्य है.
लेकिन पिछले कई बार से तो लूक की नाक ही इसके लिए काफी रही है. कई बार उसने 10,000 यूरो से कम रकम को भी सफलता से सूंघ लिया है. लूक की विशेष योग्यता यूरो, डॉलर और पाउंड सूंघने की है. इन सभी नोटों में अपनी अलग गंध होती है, जो खास कागज और स्याही के कारण आती है.
लूक जैसे कुछ अन्य स्निफर डॉग जर्मन प्रशासन की अवैध धन तस्करी को रोकने के प्रयासों से जुड़कर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे कैश का इस्तेमाल कभी ड्रग्स की तस्करी तो कभी आतंकी गुटों को मदद पहुंचाने के लिए भी हो सकता है.
डार्को यानयेविच/आरपी