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समाज

करोड़ों का है बर्मा में बालों का कारोबार

५ नवम्बर २०१८

जा जा लिन अपने बालों से घर का किराया चुकाती हैं. यंगून के बाजार की बाल बेचने वाली एक दुकान में जब उनके बालों को कंघी कर, संवारते हुए कुशल हाथों ने उन पर कैंची चलाई तो उनकी आंखों से आंसू निकल आए.

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Frau mit rotem langem Haar
तस्वीर: Fotolia/Subbotina Anna

15 साल की जा जा लिन कहती हैं, "थोड़ा दुख होता है." उनके बाल खरीदने वाले जिन मार ने लिन के 20 इंच लंबे बालों के बदले 13 अमेरिकी डॉलर के बराबर की रकम दी. यह रकम म्यांमार में लगभग एक हफ्ते की मजदूरी के बराबर है. दुनिया के एक दूसरे हिस्से में इन बालों को "रॉ बर्मीज हेयर" के नाम से सैकड़ों डॉलर की कीमत लेकर बेच दिया जाता है. खरीदार हैं विग के ग्राहक जिन्हें सिर सजाने के लिए खास इन्हीं बालों की तलाश रहती है. लंबे बाल बहुत से लोगों के लिए खूबसूरती का पैमाना तो हैं ही, बौद्ध बहुल म्यांमार में इसका धार्मिक महत्व भी बहुत है. यहां बौद्ध भिक्षु और भिक्षुणी अपने सिर विनम्रता के प्रतीक के रूप में मुंडवा लेते हैं.

दुकान में बाल खरीदने आए 23 साल के विन को ने बताया, "दुनिया भर के लोग हमारे यहां के बाल चाहते हैं क्योंकि जब आप इन्हें शैंपू से धोते और ठीक से रखते हैं तो यह मोतियों की तरह चमकते हैं." इंसान के बालों का कारोबार तो सदियों पुरान है लेकिन बीते एक दशक में म्यांमार के बाहरी दुनिया के लिए खुलने के बाद यह एक आर्थिक मौके के रूप में सामने आया है.

कभी बर्मा पुकारे जाते रहे म्यांमार में अब बाल लाखों डॉलर का कारोबार बन गए हैं. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि 2010 से लेकर अब तक हर साल यहां से होने वाले बालों का निर्यात करीब चार गुना बढ़ गया है. केवल 2017 में ही म्यांमार ने बालों के निर्यात से करीब 62 लाख डॉलर कमाए. इस साल जितने बाल बर्मा से बाहर भेजा गए, उनका वजन करीब 1160 मध्यम आकार की गाड़ियों के बराबर होगा.

बालों के इस कारोबार में बाल मुहैया कराने वाले, उसकी प्रोसेसिंग करने और निर्यात करने वाले लोग बड़ी संख्या में आए हैं. एक बार बाल इकट्ठा हो जाएं तो फिर इन्हें धोया, सुखाया और संवारा जाता है. इसके बाद दोबारा पैकिंग कर इन्हें दूसरे देशों के लिए रवाना कर दिया जाता है. सबसे बड़ा हिस्सा चीन जाता है जहां इनसे विग और दूसरी चीजें बनाई जाती हैं. इस काम में कितनी कंपनियां लगी हैं यह तो बता पाना मुश्किल है क्योंकि सरकार का इसमें बहुत नियंत्रण नहीं है.

दुनिया का गंजापन ढकते भारत के बाल

कोई 10-12 साल पहले यह कारोबार शुरू हुआ. तब ज्यादातर ब्रिटेन, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका की अश्वेत औरतों के लिए ये बाल बेचे जाते थे. यूट्यूब में "बर्मीज हेयर" खोजिए तो हजारों वीडियो मिलेंगे जिनमें महिलाएं विग और बालों का मुआयना करती नजर आएंगी. एक ब्यूटी ब्लॉगर ने बताया, "यह भारत के बालों जितना रेशमी नहीं है, ना ही ब्राजील के बालों जितना सख्त, यह उनके बीच में है."

बालों की मांग इतनी ज्यादा है कि सप्लाई पूरी नहीं पड़ रही. आधुनिक फैशन के कारण लंबे सीधे बाल जुटा पाना मुश्किल हो रहा है. इन दिनों ज्यातर लोग बालों को रंगते और उन्हें तरह तरह के स्टाइल में काटते छांटते रहते हैं. बालों के खरीदार बताते हैं कि अप्रैल का महीना उनके लिए अच्छा होता है. म्यांमार में यह नए साल का वक्त होता है और बहुत सी औरतें जो भिक्षुणी बनना चाहती हैं, वो धार्मिक रीती से बाल कटाने के पहले अपने बाल बेच देती हैं.

बाल बेचने वाली एक महिला दुकानदार ने बताया कि वह ज्यादातर बाल कंघियों से जमा करता हैं जो काटे हुए नहीं, बल्कि प्राकृतिक रूप से झड़कर आए होते हैं. वह बीस ग्राम बाल के लिए 55 सेंट यानी करीब 40 रुपये देती हैं. बहुत लोग उनके यहां प्लास्टिक की थैलियों में रख कर बाल दे जातें हैं. वो इन्हें धो, संवार कर आगे बेच देती हैं.

एनआर/आईबी (रॉयटर्स)

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