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कराची में फिर हिंसा भड़की, 22 मौतें

१८ अगस्त २०११

पाकिस्तान के कराची शहर में हिंसा की ताजा लहर में कम से कम 22 लोग मारे गए हैं और दर्जन भर घायल हो गए हैं. यह हिंसा बुधवार को सत्ताधारी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के एक पूर्व सांसद की हत्या के बाद शुरू हुई.

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People condemn target killing in Karachi, Pakistan on Friday, July 22, 2011. Authorities say a fresh wave of shootings has killed 11 people and wounded 18 in Pakistan's largest city. (Foto:Fareed Khan/AP/dapd)
तस्वीर: dapd

पुलिस ने बताया कि अज्ञात बंदूकधारियों ने बुधवार को एक होटल में पूर्व सांसद अहमद करीमदाद उर्फ वजा करीमदाद की हत्या कर दी. वह इस होटल में इफ्तार के लिए गए थे. अभी तक किसी ने इस हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन इसे कराची के ल्यारी इलाके में प्रतिद्वंद्वी गुटों की प्रतिद्वंद्विता का नतीजा माना जा रहा है. हिंसा के लिए बदनाम इस इलाके में हाल के सालों में बहुत से लोगों की जानें गई हैं.

निजी राहत सेवा एधी फाउंडेशन के सूचना अधिकारी अजान शेखानी ने बताया कि उनकी टीम ने 22 शवों और दर्जन भर घायलों को अस्पताल पहुंचाया है. शहर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सउद मिर्जा ने बताया कि ताजा हत्याओं के पीछे विभिन्न आपराधिक गुटों का हाथ है. उनके मुताबिक, "इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. शहर में ऐसे आपराधिक गुट हैं जो अपने प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बना रहे हैं. दशहत फैलाने के लिए वे आम लोगों को भी मार रहे हैं."

KARACHI, July 25, 2011 (Xinhua) -- People attend the funeral ceremony of a victim killed in ethnic violence in southern Pakistani port city of Karachi on July 25, 2011. According to pakistani media, another 24 people fell prey to the unabated violence in Karachi on Sunday, bringing the three-day toll in the latest wave of bloodshed to 45. (Xinhua/Masroor) (srb) XINHUA /LANDOV
काफी समय से जारी है हिंसातस्वीर: picture alliance/landov

जलता कराची

कराची की आबादी 1.8 करोड़ है और वहां देश के हर हिस्से के लोग रहते हैं. यह शहर लगातार जातीय गुटों, राजनीतिक पार्टियों और आपराधिक गुटों की हिंसा का शिकार बनता रहा है. अपहरण, जमीन हथियाना और फिरौती वसूल किया जाना शहर के लोगों के लिए आम बातें बन गई हैं.

इससे पहले हुई हिंसा की ज्यादातर हिंसक वारदातों में उर्दू भाषी मुत्तेहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) और पश्तो भाषी आवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के पठान समर्थकों के बीच टकराव होता रहा है. इन दोनों पार्टियों का ही कराची में दबदबा है. हाल के महीनों में इनकी तनातनी में हजारों लोगों की जानें चली गई हैं. पाकिस्तान के डॉन अखबार का कहना है कि जुलाई में कराची की हिंसा में 318 लोग मारे गए. इस हिंसा के चलते शहर की आर्थिक गतिविधियों को भी खमियाजा उठाना पड़ता है. बंदरगाह शहर कराची को पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कहा जाता है.

कब रुकेगी हिंसा

पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक का कहना है कि कराची में शांति बहाल की जाएगी और उग्रवादी और आपराधिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पिछले महीने हालात को बेहतर बनाने के लिए शहर में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के हजारों अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया. पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठन का कहना है कि इस साल के शुरुआती सात महीनों में कराची में जातीय और राजनीतिक हिंसा में 800 लोग मारे गए हैं.

कराची में अशांति सरकार के लिए बड़ी चुनौती है क्योंकि देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद में इस शहर की हिस्सेदारी 20 फीसदी है. इसके अलावा अफगानिस्तान में लड़ रहे विदेशी सैनिकों की जरूरत का सारा सामान भी इसी शहर से होकर जाता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम

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