कई सिरों और हाथ-पैर वाले जीव
सोचिए जब एक सिर और दो जोड़ी हाथ पैरों से इंसान इतना कुछ कर सकता है तो अगर किसी जीव के आठ या दस हाथ हों और तेज दिमाग वाला सिर तो वह क्या नहीं कर सकता. जी हां, शरीर का रंग बदलने से लेकर कई खास कारनामे भी.
ढेर सारे सिर और हाथ-पैर
आपको ऑक्टोपस पॉल याद होगा. वही जिसने 2008 और 2010 के फुटबॉल विश्व कप के सही विजेता चुने थे. सिफेलोपॉड्स के परिवार के इस जीव को काफी बुद्धिमान माना जाता है. ये कोई भी काम जल्दी सीख जाते हैं और चूहों जितने तेज दिमाग होते हैं.
अद्भुत सक्शन पावर
ऑक्टोपस आठ-हाथों वाले स्क्विड होते हैं. हर हाथ पर अनगिनत सोखने वाले चूषक होते हैं. वैसे तो उनका हर हाथ सारे काम करने में बराबर रूप से निपुण होता है. लेकिन हर ऑक्टोपस का एक पसंदीदा हाथ होता है जिसे वो अक्सर आगे बढ़ाता है.
हमारी आंखों के लेंस सा
ऑक्टोपस की आंखें इंसान की आंखों के लेंस की तरह ही विकसित होती हैं. असल में आसपास के माहौल का जायजा लेने के लिए वर्टिब्रेट्स (इंसान) और सिफेलोपॉड्स (ऑक्टोपस) की आंखों में बस इतना अंतर होता है कि स्क्विड्स पानी में भी आंखें खोल सकते हैं. एक और अंतर ये होता है कि ऑक्टोपस रंगों में अंतर नहीं कर सकते.
छलावे में माहिर
ऑक्टोपस के शरीर में कोई कंकाल नहीं होता. इस कारण वे आसानी से कितनी भी संकरी जगह से पिचक कर निकल सकते हैं. खतरा हो तो ये अपने शरीर का रंग बदल कर आसपास के माहौल में मिल जाते हैं. हिन्द और प्रशांत महासागर में पाए जाने वाले ये ऑक्टोपस अपने आपको कभी समुद्री सांप तो कभी स्टिंग रे के रूप में बदल लेते हैं.
आठ नहीं दस हाथ
ऑक्टोपस के आठ हाथ होते हैं लेकिन स्क्विड्स के दस. दोनों शरीर का रंग बदलने में माहिर होते हैं. और दोनों एक खास तरह की स्याही छोड़ते हैं जिनसे पानी में धुंधला कर ये शिकारी से जान बचाकर भाग सकते हैं. खुद स्क्विड्स भी दूसरे जीवों का शिकार करते हैं.
विशालकाय
स्क्विड्स बहुत बड़े आकार के भी होते हैं. हाथों की लंबाई को छोड़ कर भी कई फीट लंबे. और अगर बाहों की लंबाई मिलाकर नापें तो 20 मीटर लंबे तक हो सकते हैं. हालांकि ये जीव ज्यादा लंबा जीवन नहीं जीते. इनकी अधिकतम आयु पांच साल होती है.
"असली" स्क्विड
यह एक कटलफिश है, जिसे अपने आदर्श फीचर्स के कारण "असली" स्क्विड कहा जाता है. इसके दस हाथ और शरीर को नियमित आकार देने वाला एक सख्त खोल होता है. यह तली के पास ही रहते हैं और जरूरत पड़ने पर तल को खोदकर उसमें घुस जाते हैं और अपना रंग बदल देते हैं.
किसी फर्न प्लांट जैसा
इन अजीबोगरीब प्राणियों में 100 से भी अधिक 100 स्पर्शक हो सकते हैं. जब वे मुंह के आसपास होते हैं तो किसी फर्न प्लांट जैसे लगते हैं. इनसे चिपकाने वाला स्राव होता है और कड़े होने के कारण शिकारी मछलियों को इन्हें निगलने में मुश्किल होती है.