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ऑस्ट्रेलिया में आग से 171 की मौत

(रॉयटर्स)९ फ़रवरी २००९

ऑस्ट्रेलिया में लगी आग की गंभीरता बढ़ती जा रही है और इस वजह से मरने वालों की संख्या बढ़ कर 171 तक पहुंच गई है. राहत बचाव का काम पूरा नहीं पड़ रहा है. पुलिस ने आग वाली कुछ जगहों को अपराध स्थल घोषित कर दिया है.

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आग से जूझते कर्मचारीतस्वीर: AP

विक्टोरिया प्रांत के व्हिटलसी शहर में आग से भस्म हो चुकी इमारतों के मलबे हटाने पर कुछ और लाशें निकल रही हैं. ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी आग ने अब तक 171 लोगों को लील लिया है और आशंका है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है.

Zerstörte Kirche nach Bränden in Australien
चर्च भी आग से जल कर राखतस्वीर: AP

शहर के किंगलेक इलाक़े में आग ने क़हर बरपाया और लोगों और मकानों को निगल लिया. यहां किसी तरह जान बचाने वाले शख़्स क्रिस्टोफ़र हार्वे ने कहा, "सब लोग चले गए. सब लोग चले गए. उनके घर भी चले गए. वो सभी अपने घरों में मारे गए. सब कोई मर गया."

पुलिस का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के दूसरे सबसे बड़े शहर मेलबर्न के आस पास के छोटे शहरों में कुछ जगहों पर जान बूझ कर आग लगाई गई है और इन इलाक़ों को अपराध स्थल घोषित कर दिया गया है.

प्रधानमंत्री केविन रड ने सरकारी टेलीविज़न पर कहा, "इस काम को नरसंहार के अलावा और कोई शब्द नहीं दिया जा सकता. मरने वालों की संख्या व्यथित कर रही हैं और मुझे डर है कि यह बढ़ भी सकती है."

Buschbrände in Australien
आग से हाहाकारतस्वीर: AP

जंगलों की यह आग सौ साल के इतिहास में ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा है और समझा जाता है कि इसके बाद प्रधानमंत्री रड को नई जलवायु नीति घोषित करनी पड़ सकती है.

विक्टोरिया प्रांत के एक छोटे शहर में लगी आग रात भर में बहुत ज़्यादा फैल गई और रास्ते में जो कुछ भी आया, उसे राख में बदलती चली गई. कार से भागने की कोशिश कर रहे कई लोग भी मारे गए और अपने घरों में टिके लोग आग में भस्म हो गए. कुछ लोगों ने स्वीमिंग पूल में छलांग लगा कर जान बचाई. कुछ जगहों पर आग की लपटें चारमंज़िला इमारतों से भी ऊंची थीं और इन्हें 40 किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता था.

आग से किसी तरह बचे हार्वे ने कहा, "यह हीरोशीमा की तरह लग रहा है. मैं आपको बता रहा हूं. यह किसी परमाणु बम की तरह लग रहा था. सड़कों के किनारे जानवर मरे पड़े हैं."

Trümmer nach starken Bränden in King Lake Australien
कई मकान आग में भस्मतस्वीर: AP

यहां लगभग 750 घर जल कर स्वाहा हो गए हैं और गंभीर रूप से जले हुए 78 से ज़्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हैं. इमरजेंसी विभाग के एक डॉक्टर ने बताया कि कई मरीज़ 30 फ़ीसदी तक जल चुके हैं और कइयों की हालत तो बहुत ही ज़्यादा गंभीर है.

ऑस्ट्रेलिया में आम तौर पर हर साल दावानल यानी जंगलों की आग लगती है. लेकिन इस बार अकाल, ख़राब मौसम और सूखे पेड़ पौधों की वजह से यह बेहद गंभीर हो गया. आग और क्वीन्सलैंड में बाढ़ की वजह से रड पर नई जलवायु नीति के एलान का दबाव बढ़ सकता है. उन्हें मई में इसका एलान करना है. ग्रीन पार्टी के नेताओं का कहना है कि ख़राब मौसम के बाद देश में कड़े जलवायु नियम बनाए जाने चाहिए.

वैज्ञानिकों का कहना है कि ख़तरनाक मौसम के साथ ऑस्ट्रेलिया में मौसम की विडंबनाओं का ख़तरा बढ़ गया है. कॉमनवेल्थ साइंटिफ़िट ऐंड इंडस्ट्रीयल सेंटर के केविन हेनीसे ने कहा, "ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा लगातार बढ़ रही है और इससे दक्षिण ऑस्ट्रेलिया का जलवायु और गर्म होगा. इसलिए आग लगने के ख़तरे और बढ़ सकते हैं."

पिछले 110 साल के इतिहास में विक्टोरिया में लगी आग सबसे भयंकर है. इससे पहले 1899 में लगी आग में 400 से ज़्यादा लोग मारे गए थे.

ऑस्ट्रेलिया के फ़ायर ब्रिगेड के हज़ारों कर्मचारी सोमवार को विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स प्रांतों में लगी आग से जूझने की कोशिश करते रहे. ठंडी और कम तेज़ रफ़्तार हवाओं ने उन्हें मदद की. लेकिन 10 जगहों पर लगी बड़ी आग पर क़ाबू नहीं पाया जा सका है. हालांकि ऑस्ट्रेलिया में तेज़ तापमान का दौर गुज़र गया है और वहां का मौसम पिछले हफ़्ते से थोड़ा ठंडा हुआ है.

आग की वजह से 3,30,000 हेक्टेयर ज़मीन जल कर काली पड़ गई है. ऑस्ट्रेलिया की बीमा कंपनियों ने कहा है कि आग से हुए नुक़सान का अंदाज़ा लगाना जल्दबाज़ी होगा. छोटे से शहर मारिसविले को पुलिस ने चारों तरफ़ से सीलबंद कर दिया है और आग लगने की वजहों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.

व्हिटलसी शहर में किंगलेक के पास तड़के सदमे में लोग सड़कों पर बेतहाशा भागते दिखे और अपनों की तलाश करते दिखे. यहां के निवासी सैन जेन्ट्स को अपनी पत्नी टीना और तीन बच्चों के बारे में कुछ नहीं पता. उन्होंने कहा, "आख़िरी बार उन्हें घर के अंदर भागते हुए देखा गया था. इसके बाद वे घर में ही फंस गए."

प्रधानमंत्री रड का कहना है कि आग से हुए नुक़सान की भरपाई करने में कई साल लगेंगे. उन्होंने एक करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर की राहत पैकेज का एलान किया है. इससे पहले 1983 में भी ऑस्ट्रेलिया में ज़बरदस्त आग लगी थी, जिसमें 75 लोग मारे गए थे.