ऐसा करेंगे तो पर्यावरण करेगा आपका शुक्रिया
छोटी मोटी दूरी के लिए गाड़ी निकालने की बजाए पैदल या साइकिल लेना और अपने नेताओं पर पर्यावरण को बचाने के कदम उठाने का दबाव डालने जैसे आपके प्रयास बहुत बड़ा असर डाल सकते हैं.
जिम्मेदारी से करें यात्रा
पैदल चलना या साइकिल चलाना आपके कार्बन फुटप्रिंट घटाने में काफी मदद करेगा. इसके साथ साथ आपकी सेहत भी सुधरेगी. अगर कम विमान यात्राएं करें तो हानिकारक गैसों का उत्सर्जन घटाने में भी मदद कर सकेंगे. यानि हो सके तो ट्रेन से यात्रा करें या आसपास की किसी जगह का आनंद लें.
खरीदारी में समझदारी
केवल जरूरत की चीजें खरीदना और नई नई चीजों के लालच में ना पड़ना आपके ग्रह के लिए भी बहुत अच्छा है. ऐसी चीजें खरीदें जो पर्यावरण सम्मत तरीके से बनाई गई हों और जहां तक हो सके सैकेंड हैंड चीजों को भी मौका दें. जब आप कुल मिलाकर कम चीजों का उपभोग करेंगे तो उससे पृथ्वी के संसाधन बचेंगे और वह अमीर होगी.
खाने की बर्बादी से तौबा
हर साल उगाया जाने वाला करीब एक तिहाई खाना बर्बाद हो जाता है. कम से कम अपने स्तर पर तो आप खाने की और बर्बादी को रोक ही सकते हैं. कुछ बच जाए तो अगली बार खा लें, बाकी बचे जैविक कचरे को डालकर कम्पोस्ट बना लें. इसे अपने लिए सब्जियां और फल उगाने में इस्तेमाल करेंगे तो खाने में रसायनों से भी बचेंगे.
बत्ती बुझाएं, बिजली बचाएं
बिजली का इस्तेमाल बचत के साथ करें. कमरे से निकलते समय लाइट, पंखा ऑफ करना, काम के बाद कंप्यूटर या कोई और स्क्रीन ऑफ करना - ऐसे छोटे छोटे कदम दूरगामी बचत करते हैं. धीरे धीरे यह आदत बन जाती है और आप अपने पर्यावरण को बचाने के लिए अनजाने में ही योगदान कर रहे होते हैं.
चुप्पी तोड़िए!
अगर अब तक नहीं तोड़ी है तो इस साल तो तय कर ही लीजिए कि जहां कहीं भी संभव हो वहां जलवायु परिवर्तन के कारकों को रोकने के लिए आवाज उठाएंगे. इसके लिए हर किसी को सड़क पर उतरने की जरूरत नहीं है लेकिन आप अपने स्थानीय नेता पर इसका दबाव बना सकते हैं. इस बारे में अपने जानने वालों से बात कर सकते हैं. याद रखिए, बात करने से ही बात बनती है.
खानपान में थोड़ा बदलाव करें
जो लोग मांसाहारी हैं वे भी अपने खान पान में ज्यादा से ज्यादा पौधों से मिलने वाली चीजों को जगह देकर पर्यावरण को बचाने में मदद कर सकते हैं. मीट कभी कभी खाएं और डेयरी उत्पादों का सीमित उपयोग करें तो जंगलों को कटने से बचा सकेंगे, जिसके कारण कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा. निजी तौर पर शाकाहारी लोगों का कार्बन फुटप्रिंट कम होता है.
रिसाइकिल, रिसाइकिल और रिसाइकिल
प्लास्टिक के कारण होते प्रदूषण और जीव जंतुओं पर उसके दुष्प्रभाव की जितनी बात की जाए कम है. समुद्र प्लास्टिकों से अट गए हैं. अगर आप चीजें ज्यादा से ज्यादा रिसाइकिल करेंगे तो कम प्लास्टिक इस्तेमाल में आएगा. अगर चाहें तो अपसाइकिल के विकल्प को भी आजमा सकते हैं. सोचिए, रचनात्मक बनिए और एक ही चीज का पूरा इस्तेमाल कीजिए.
बाहर निकलिए, प्रकृति से मिलिए
जितना हो सके और जब जब मौका निकाल सकें, कमरों से बाहर निकलिए और प्रकृति के नजारों का आनंद उठाइए. बाहर निकल कर अपने इस खूबसूरत ग्रह को सराहिए और नए जोश के साथ जलवायु परिवर्तन के बुरे असर से इसे बचाने में जुट जाइए. (रिपोर्ट: इनेके म्यूल्स/आरपी)