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ऐतिहासिक हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी

४ फ़रवरी २०१३

पुरानी, सम्मानजनक और मशहूर, दुनिया में हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी जितनी मशहूर कोई दूसरी जर्मन यूनिवर्सिटी नहीं है. इसका एक कारण यहां होने वाले उच्चस्तरीय शोध भी हैं जिसमें मानव जीवन के गंभीर सवालों के जवाब ढूंढे जाते हैं.

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1386 में स्थापना के साल से ही हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी उदारवादी और बहस के लिए खुली यूनिवर्सिटी के तौर पर मशहूर रही है. कोई आश्चर्य नहीं कि 26 अप्रैल 1518 को जब मार्टिन लूथर ने नए धर्म शास्त्र के बारे में क्रांतिकारी भाषण दिया तो लेक्चर हॉल खचाखच भरा हुआ था. लेकिन बहुत से प्रोफेसरों को शंका भी थी. इसलिए 40 साल बाद यूनिवर्सिटी सुधार के कदमों की ओर बढ़ी.

छात्रों के लिए इसी के साथ नए दौर की शुरुआत हुई. अब उन्हें लंबे चौड़े यूनिफॉर्म पहनने की जरूरत नहीं थी. वह अब आम लोगों जैसे कपड़े पहन सकते थे. नहीं तो पुरानी यूनिफॉर्म वाली यूनिवर्सिटी के छात्र तुरंत पहचान में आ जाते. कई छात्रों को इस बात का बहुत घमंड हुआ करता था कि उन्हें जर्मनी की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में पढ़ने का मौका मिला है. क्योंकि मध्ययुग में पढ़ने पढ़ाने वाले लोग इसी यूनिवर्सिटी से आते थे, चाहे वो डॉक्टर, धर्मशास्त्री, वकील या फिर शिक्षक हों. 19वीं सदी तक यहां धर्मशास्त्र, कानून, चिकित्सा और दर्शनशास्त्र की पढ़ाई होती थी. 

Universität in Heidelberg Deutschland
हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटीतस्वीर: picture-alliance/Bildagentur Huber

पुरानी परंपरा वाली यूनिवर्सिटी

आज लैटिन में रुपेर्टो कारोला नाम से परिचित इस विश्वविद्यालय में कई विषयों की पढ़ाई होती है. यहां 12 विभिन्न फैकल्टी हैं, 100 विषय हैं और 30 हजार छात्र. कई नए विषयों को शामिल करने के बाद 2007 में यह यूनिवर्सिटी पहली बार जर्मनी के उत्कृष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल हो गई. इसमें सिर्फ उनका लंबा इतिहास और शोध की परंपरा ही एक कारण नहीं था. बल्कि यहां मशहूर शिक्षकों का भी जमावड़ा था. यहां के शिक्षकों में मशहूर समाजशास्त्री माक्स वेबर, मशहूर रसायनविज्ञानी रॉबर्ट बुन्सेन, दर्शनशास्त्री कार्ल यास्पर्स शामिल रहे हैं.

अब यहां मॉलिक्यूलर और सेल बायोलॉजी में शोध किए जा रहे हैं, ताकि बीमारियों का प्रभावी इलाज मिल सके. इसके अलावा विश्व भर के धार्मिक और सामाजिक विवादों पर भी यहां पढ़ाई होती है. इतना ही नहीं मनोविज्ञान के भी राज यहां के शोधार्थी ढूंढने में लगे हैं. इस विश्वविद्यालय की खासियत यह भी है कि यहां विषय और देश की सीमा से परे शोधार्थी एक साथ मिल कर शोध में जुटे रहते हैं. इस आधार पर 2012 में इसे फिर से एलीट यूनिवर्सिटी का खिताब दिया गया.

Deutschland Karl Jaspers Philosoph
दर्शनशास्त्री कार्ल जास्पर्सतस्वीर: ullstein bild - Fritz Eschen

जूनियर प्रोफसरों को बढ़ावा

हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी अपने यहां के प्रतिभावान छात्रों का पूरा ख्याल रखती है. यहां युवा और जूनियर प्रोफेसरों को सिर्फ बढ़ावा ही नहीं दिया जाता बल्कि उनके लिए विशेष सेमिनार भी कराये जाते हैं जिनसे उन्हें काम और शोध में आसानी हो और वह एक साथ अध्यापन और शोध कर सकें. भौतिकी, गणित सहित मॉलिक्यूलर और सेल बायोलॉजी के स्नातक कोर्सों में कई विषयों के पीएचडी शोधार्थी एक साथ काम कर रहे हैं.

हाइडेलबर्ग के पुराने शहर में छात्र रहते हैं. यहां के कई पुराने बारोक काल की इमारतों में यूनिवर्सिटी की पढ़ाई होती है. शहर की यूनिवर्सिटी में दूरियां ज्यादा नहीं और नेकर नदी के किनारे आराम करने का आनंद तो कुछ और ही है. तकनीकी और चिकित्सा विभाग थोड़ी दूरी पर हैं. इन्हें नॉयहाइमर फेल्ड इलाके में बनाया गया है जो शहर के बाहरी इलाके में है.

Bildergalerie Stadtbilder Heidelberg
हाइडेलबर्ग शहरतस्वीर: DW/A.Gassen

हाइडेलबर्ग में पढ़ने वाला हर पांचवां छात्र विदेशी है. यह भी परंपरा का एक हिस्सा है. कई दशकों से विदेशी छात्र कुछ सेमिस्टर के लिए यहां मेहमान छात्र के तौर पर आते हैं. और यहां आने वाले छात्रों को जर्मनी में पढ़ाई और रहने के बारे में हर संभव जानकारी दी जाती है, उन्हें किसी कीमत पर अकेला नहीं रहने दिया जाता. रुपरेष्ट कार्ल्स यूनिवर्सिटी के अंतरराष्ट्रीय थिएटर ग्रुप को 2008 में विदेशी छात्रों को बढ़िया मदद देने के लिए खास खिताब दिया गया था. यूनिवर्सिटी के सेंट्रल मेस में इन्फो कैफे इंटरनेशनल में बाहर से आए छात्रों के लिए कमरों या अपार्टमेंट्स के बारे में भी अक्सर जानकारी मिल जाती है.

रिपोर्टः साबीने दामाश्के/आभा एम

संपादनः महेश झा

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