एक जमाना था जब इमारतों में एस्बेस्टस का खूब इस्तेमाल किया जाता था. हालांकि सांस के साथ एस्बेस्टस के कण अंदर जाने के कारण फेफड़े खराब हो जाते हैं, कैंसर होता है. ये समझ आने के बाद एस्बेस्टस का इस्तेमाल बंद हो गया, आज इस पर बैन है लेकिन जो इमारतें बन गई, उनका क्या करें?