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एच-1बी वीजा विस्तार नीति में बदलाव नहीं

१० जनवरी २०१८

अमेरिका में रह रहे हजारों भारतीय पेशेवर अब राहत की सांस ले सकते हैं. ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि वह नियमों में ऐसे किसी भी बदलाव पर विचार नहीं कर रहा है जो एच1-बी वीजाधारकों को देश छोड़ने पर मजबूर करता हो.

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Symbolbild Visa USA
तस्वीर: icholakov/Fotolia

बीते सप्ताह ऐसी अटकलें लगती रहीं कि वॉशिंगटन एच-1बी वीजा के विस्तार को रोकने के लिए नए नियमों पर विचार कर रहा है. इस निर्णय का सीधा असर अमेरिका में रह रहे लाखों भारतीय पेशेवरों पर पड़ने की संभावना थी. अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा यूएससीआईएस के मीडिया संपर्क के प्रमुख जोनाथन विथिंगटन ने कहा, "यूएससीआईएस अपने नियामक बदलावों पर विचार नहीं कर रही है जो एच1-बी वीजा धारकों को अमेरिका छोड़ने पर मजबूर करता हो. हम अपने एसी-21 की धारा 104(सी) की भाषा में कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं, जिसके अंतर्गत इसकी अवधि छह वर्ष से भी ज्यादा बढ़ाई जा सकती है." उन्होंने आगे कहा, "अगर ऐसा होता, तो भी इस बदलाव के बाद एच1बी वीजाधारकों को अमेरिका छोड़ने पर मजबूर नहीं होना पड़ता क्योंकि कर्मचारी एसी-21 की धारा 106(ए)-(बी) के तहत इसमें एक साल के विस्तार का अनुरोध कर सकते थे."

इससे पहले इस संबंध में रिपोर्ट आई थी कि ट्रंप प्रशासन एच-1बी वीजा नियमों को कड़ा करने पर विचार कर रहा है जिससे वहां रह रहे साढ़े लाख भारतीयों को अमेरिका छोड़ने को मजबूर होना पड़ता. विथिंगटन ने कहा, "यूएससीआईसी ने कभी भी ऐसे नीतिगत बदलाव पर विचार नहीं किया और यह सोचना पूरी तरह गलत है कि किसी भी दबाव की वजह से यूएससीआईसी ने अपनी स्थिति बदली है."

केन्सास रिपब्लिकन पार्टी के प्रतिनिधि केविन योडर और हवाई से डेमोक्रेट प्रतिनिधि तुलसी गबार्ड ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को पत्र लिखकर "स्थायी तौर पर बसने का इंतजार कर रहे एच-1बी वीजाधारकों को यहां से नहीं भेजे जाने" का आग्रह किया था. दोनों नेताओं ने अपने पत्र में लिखा था, "हमें पूरा विश्वास है कि यह कार्रवाई अमेरिकी अर्थव्यवस्था, विश्वसनियता और भारत के साथ संबंध और भारत-अमेरिकी समुदाय के लिए हानिकारक है."

यूएस चेंबर्स ऑफ कॉमर्स ने भी चेतावनी देते हुए इसे "बहुत ही खराब नीति" करार दिया था "जिसके तहत अमेरिका में रह रहे उच्च प्रशिक्षित लोगों को कहा जाएगा कि यहां आपका स्वागत नहीं है".

आईएएनएस/आईबी