एकीकरण की विरासत पर बंटे हुए है जर्मन
८ नवम्बर २०१९एक सर्वे में यह बात उभर कर सामने आई है जो शनिवार को बर्लिन दीवार गिरने की 30वीं वर्षगांठ से पहले प्रकाशित हुआ है. जश्न की तैयारियों के बीच यह सर्वे दिखाता है कि जर्मनी में एकीकरण की विरासत को लेकर जर्मनी के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में लोगों की राय कितनी अलग अलग है.
एक राजनीतिक शोध संस्थान इंफ्राटेस्ट डिमैप ने अपनी ताजा डॉयचलांडट्रेंड रिपोर्ट जारी की है. उसके सर्वे में हिस्सा लेने वाले दोनों तरफ के ज्यादातर जर्मन लोगों ने कहा है कि जर्मन एकीकरण व्यक्तिगत फायदे लेकर आया, हालांकि पूर्वी हिस्से में इसे लेकर नकारात्मक राय में इजाफा हुआ है.
जर्मनी के पूर्वी हिस्से में एकीकरण को सकारात्मक बदलाव बताने वाले लोगों की संख्या सर्वे में 60 प्रतिशत बताई गई है. यह आंकड़ा दस साल पहले के मुकाबले सात प्रतिशत कम है. वहीं एकीकरण के बारे में अच्छी राय रखने वाले जर्मन लोगों की तादाद पश्चिमी हिस्से में दस साल पहले के मुकाबले पांच अंकों की बढोतरी के साथ 56 प्रतिशत तक जा पहुंची है.
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डॉयचलांडट्रेंड सर्वे में हिस्सा लेने वालों से यह भी पूछा गया कि क्या जर्मन लोकतांत्रिक गणराज्य (जीडीआर) यानी पूर्वी जर्मनी के मुकाबले आज जिंदगी बेहतर है या बुरी. दोनों ही हिस्सों के लोग इस बात पर लगभग एकमत थे कि पहले के मुकाबले यात्रा की संभावनाएं बहुत बेहतर हैं. वहीं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मामले में, पूर्वी हिस्से के 69 प्रतिशत और पश्चिमी हिस्से के 83 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अब हालात बेहतर हुए हैं.
शिक्षा व्यवस्था और बच्चों की देखभाल के मुद्दे पर लोगों की राय बंटी हुई दिखी. पूर्वी जर्मनों का कहना है कि अब स्थिति बदतर हुई है. पूर्वी हिस्से के 76 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सामाजिक मेलमिलाप पहले ज्यादा अच्छा था. 46 प्रतिशत पश्चिमी जर्मनों ने भी इस बात से सहमति जताई.
सर्वे में यह भी पता चला कि चांसलर अंगेला मैर्केल की सीडीयू और उसकी सहयोगी सीएसयू पार्टी के लिए समर्थन लगातार घट रहा है. हालिया विधानसभा चुनाव के बाद इसमें दो प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. ग्रीन पार्टी की लोकप्रियता भी घटी है. हालांकि 22 प्रतिशत समर्थन के साथ वह अब भी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. धुर दक्षिणपंथी एएफडी पार्टी को 14 प्रतिशत लोगों का समर्थन प्राप्त है. तीसरी सबसे लोकप्रिय पार्टी का पायदान एएफडी को सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) के साथ साझा करना पड़ रहा है.
सर्वे कराने वाली एक अन्य संस्था इप्सोस ने भी एक सर्वे जारी किया है जिसमें जर्मन एकीकरण के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव को समझने की कोशिश की गई है. इसमें 16 देशों के 12 हजार लोगों ने हिस्सा लिया. जब उनसे पूछा गया कि क्या जर्मनी यूरोप में कुछ ज्यादा ही ताकतवर हो रहा है. तुर्की और स्पेन में 60 प्रतिशत लोगों ने इसका जवाब 'हां' में दिया. जर्मनी के अलावा नीदरलैंड्स, पोलैंड और ब्रिटेन के ज्यादातर लोगों ने इस सवाल का जवाब 'नहीं' में दिया.
पोलैंड से सर्वे में हिस्सा लेने वाले 55 प्रतिशत लोगों ने कहा कि बर्लिन दीवार गिरने और साम्यवाद के पतन से उनके देश में हालात बेहतर हुए हैं. वहीं रोमानिया में 52 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनकी जिंदगी बदतर हुई है.
रेबेका शटाउडेनमायर/एके
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