एक सेकंड के लिए रुक जाए घड़ी
30 जून 2015 साल के बाकी दिनों से अलग रहा क्योंकि यह दिन एक सेकंड लंबा था. आपके कंप्यूटर और स्मार्टफोन की घड़ी में यह एक सेकंड अपने आप ही जुड़ गया और आपको पता भी नहीं चला.
क्या है लीप सेकंड?
जिस तरह से चार साल में एक बार एक दिन जोड़ दिया जाता है, उसी तरह कभी कभी एक सेकंड जोड़ने की जरूरत भी पड़ती है. लीप ईयर की ही तरह इसे लीप सेकंड कहा जाता है.
कितना लंबा है एक दिन?
धरती 24 घंटे में अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा करती है. इसी को एक दिन कहा जाता है. यानि 86,400 सेकंड. लेकिन अगर इस समय को सटीक रूप से नापा जाए तो दरअसल यह 86,400.002 सेकंड के बराबर है.
क्या है गणित?
हर दिन ये 0.002 सेकंड जमा होते रहते हैं और एक साल में करीब 2 मिलीसेकंड जुड़ जाते हैं. इस तरह से करीब तीन साल में एक पूरा सेकंड बन जाता है. हालांकि यह इतना छोटा वक्त है कि कई बार इसे पूरा होने में काफी लंबा वक्त लगता है.
अजीब समस्या
वैज्ञानिकों के लिए समस्या यह है कि यह एक सेकंड पूरा कब होगा, इसका पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता. इसकी वजह यह है कि धरती के परिक्रमण की गति धीमी होती जा रही है.
26वीं बार
ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है. 1972 से ही वैज्ञानिक एक एक सेकंड जोड़ते रहे हैं. इस बार इतिहास में 26वीं बार घड़ियों के साथ फेर बदल किया जाएगा. पिछली बार 30 जून 2012 में एक सेकंड जोड़ा गया था.
23:59:60
घड़ियों को रोकने का काम या तो 31 दिसंबर को किया जाता है या 30 जून को. रात को बारह बजने से ठीक पहले ऐसा किया जाएगा, यानि 23:59:59 के बाद 00:00:00 नहीं, बल्कि 23:59:60 देखने को मिलेगा.
गड़बड़ाया सॉफ्टवेयर
2012 में जब लीप सेकंड जोड़ा गया तो मोजिला, लिंक्डइन और स्टंबल अपोन जैसी कई साइटें क्रैश हो गईं क्योंकि उनके सॉफ्टवेयर इस बदलाव के लिए तैयार नहीं थे.
कौन करेगा?
फ्रांस स्थित इंटरनेशनल अर्थ रोटेशन सर्विस लीप सेकंड को जोड़ने का काम करेगी. जिस तरह से गर्मियों और सर्दियों में पश्चिमी देशों में घड़ियां एक घंटा आगे और पीछे कर दी जाती हैं, उसी तरह दुनिया भर की घड़ियों में यह बदलाव होगा.