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एक चोर, जो अब चोरी से दूसरों को रोकता है...

११ दिसम्बर २०१७

जुआ खेलना एक लत है जो एक बार किसी को लग जाये तो छूटे नहीं छूटती. ऐसी ही लत लग गयी थी ब्रिटेन के पॉल बुक को, जिसने 17 साल तक उन्हें परेशान किया. ऐसा परेशान कि पॉल चोरी करने लगे लेकिन आज लोगों को इससे रोक रहे हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/Sputnik/N. Zotina

ब्रिटेन में बतौर संपत्ति प्रबंधक (वैल्थ मैनेजर) कार्यरत पॉल बुक एक साल पहले तक जेल में बंद थे. न सिर्फ जेल में, बल्कि इसके पहले वह धोखाधड़ी, चोरी, धांधली भी कर चुके थे. एक मौके पर आत्महत्या की कोशिश की. लेकिन उसमें बच गये. पत्नी को लगने लगा था कि कोई अफेयर है. जिसकी जिंदगी में ये सब हो रहा है उसके बारे में अकसर सोचा जाता है कि वह व्यक्ति इंसान कितना परेशान होगा. कितना दबाव में होगा. लेकिन ब्रिटेन के पॉल बुक ने इन सब बातों को दरकिनार करते हुए अपने अनुभव दूसरों के साथ साझा करने की एक मुहिम छेड़ी है. मकसद है कि जो गलतियां उन्होंने की वह और कोई न कर सके. पॉल आज एक कंपनी चलाते हैं और जिंदगी के जिन 17 सालों को उन्होंने जुआ और सट्टा खेलते हुए बिता दिया, उसका सबक लोगों के बीच बांट रहे हैं.

जेल में रहते हुए उन्हें अहसास हुआ कि अब तक जो हुआ, हुआ लेकिन अब वह कुछ बेहतर करेंगे.

बातचीत में 41 साल के पॉल अक्टूबर, 1994 की एक शाम को याद करते हैं जब उन्होंने पहली बाजी खेली थी. ऐसी बाजी जिसने जुआ और बैटिंग से दूर रहने वाले इंसान को इसका गुलाम बना दिया. इसके बाद अगले 17 साल तक वे बिना जुआ खेले या सट्टा लगाये नहीं रह सके. सामाजिक उद्यम ऐपिक रिस्क मैनेजमेंट कंपनी चला रहे पॉल लोगों को जुआ खेलने के खतरे से आज लोगों को आगाह करते हैं. साथ ही अपनी कहानी और अनुभव को जेल में बंद कैदियों, छात्रों, सैनिकों, और खिलाड़ियों को सुनाते हैं. इसमें वे जोखिमों पर खुलकर बात करते हैं. पॉल कहते हैं कि जुऐ की लत में आत्महत्या और दिवालियेपन की दर, अन्य किसी भी लत से बहुत ज्यादा है. साथ ही गरीबी, घरेलू हिंसा और बच्चों के साथ गाली गलौच की घटना भी आम बात है. गैमब्लिंग कमीशन के मुताबिक, ऑनलाइन गैमब्लिंग के चलते लोगों में जुआ खेलने की लत तेजी से बढ़ रही है. यह ब्रिटेन में जुआ खेलने का तीसरा बड़ा तरीका है. नियामक के मुताबिक कंप्यूटर, मोबाइल फोन और टैबलेट से होने वाले नुकसान की दर साल 2015 से 2016 के दौरान 10 फीसदी तक बढ़ी है. पॉल कहते हैं, "इलाज से बेहतर बचाव है, क्योंकि एक बार इसमें पड़ कर वापस आना बहुत ही लंबा है."

कैसी पड़ी आदत

पॉल बताते हैं कि उन्होंने सट्टा लगाना और जुआ खेलना अपने कॉलेज के दिनों से शुरू किया था. वह एक फुटबॉल टीम में शामिल हुए जिसमें काफी लोग जुआ खेलते थे. पॉल कहते हैं पहले तो बहुत मजा आता था जब आप बाजी जीत जायें. वह एक दम अलग ही अहसास होता था. 

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तस्वीर: Getty Images/P. Macdiarmid

जब वह 20-25 साल की उम्र में थे, उनके बैंकिंग करियर ने उड़ान भरी. अपने कुशल वित्तीय प्रबंधन और सलाहकारी सेवाओं के चलते उन्हें तरक्की मिलती गयी और वेतन भी जल्द ही छह अंकों में पहुंच गया. लेकिन जो तरक्की पॉल को मिल रही थी उससे वह दबाव महसूस करने लगे. उस वक्त उन्हें जुआ और सट्टा खेलना ही इकलौता रास्ता नजर आया और वह इस पर चल पड़े. पॉल कहते हैं, "जुआ खेलना मेरे लिए बेहद ही सुखद अनुभव था, जिसमें मुझे बिना किसी तनाव के सुकून महसूस होता था और मेरे पर कोई दबाव भी नहीं था. लेकिन असलियत में वह चीज मुझे बर्बाद कर रही थी." उन्होंने बताया जब यह सब हो रहा था वह अपना लंबा वक्त कंप्यूटर और फोन में बाजी लगाते हुए बिता देते थे. नतीजन, पत्नी को शक होने लगा कि पॉल का कोई अफेयर चल रहा है. हालांकि जीत-हार उस वक्त उनके लिए मायने नहीं रखती थी, ये तो बस आदत थी जिससे पॉल बंधते जा रहे थे. पॉल ने बताया कि इसमें आप हर 20 सेंकड में 1,000 पाउंड लगा सकते हो.

पॉल एक प्रॉब्लम गैमब्लर बन गये थे. इसका अर्थ होता है, वह व्यक्ति जिसका जुए पर दिये जा रहे समय पर नियंत्रण न हो. या तो वह इस दौरान पैसा लगाते हैं या उसके बारे में ही सोचते रहते हैं. चैरिटी गैम्बल अवेयर के मुख्य कार्यकारी मार्क एचेंस के मुताबिक प्रॉब्ल्म गैमलिंग एक मानसिक अवस्था है. संस्था के मुताबिक ब्रिटेन में तकरीबन 4.30 लाख प्रॉबल्म गैमब्लर हैं. 

आत्महत्या की कोशिश

झूठ और कर्ज के बोझ में दबने के बाद, पॉल को एक बार साल 2011 में अपनी जीवनलीली समाप्त करने का भी ख्याल आया. पॉल बताते हैं कि दफ्तर में एक मीटिंग के दौरान वह बाहर गये और स्टोर में जाकर फांसी लगाने की कोशिश करने लगे. उसके बाद उन्हें बस इतना पता है कि वे कुछ वक्त तक बेहोश रहे. होश आते-आते उन्हें समझ आ गया था कि अब उन्हें मदद की जरूरत है. जिसके बाद अपनी मां और अपनी पत्नी के सामने पॉल ने स्वीकार किया कि अब तक वह तकरीबन 48 लाख पाउंड जुए में लगा चुका है. पिछले आठ साल से वह इसमें शामिल है और कई बार उसने कंपनी से भी सट्टा लगाने के लिए पैसे चुराये. इस पूरी घटना के बाद पॉल को चोरी और धोखाधड़ी के मामले में दोषी करार दिया गया और उन्हें दो साल, आठ महीने की सजा काटने जेल भेज दिया गया. जेल में मिले अनुभव पॉल अपने जेहन से अब तक निकाल नहीं पाये हैं. जेल से बाहर आये उन्हें बमुश्किल एक साल ही हुआ है लेकिन जल्द ही उन्होंने अपनी एपिक रिस्क मैनेजमेंट खड़ी की. कंपनी उच्च जोखिम वाली इंडस्ट्रीज को सेवायें देती हैं ताकि गैमलिंग के खतरनाक प्रभावों कर्मचारियों और कारोबार को बचाया जा सके.

एए/ओएसजे (रॉयटर्स)