ऋतुपर्णो घोष का निधन
३० मई २०१३उनकी जानी मानी फिल्मों में चोखेर बाली और उनिशे एप्रिल शामिल हैं. उन्हें उनकी शानदार फिल्मों के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान दिए गए हैं. हाल ही में उन्होंने सत्यान्वेषी नाम की फिल्म पूरी की. उनके लिए यह फिल्म "उदास दोपहर की पिघली चमक में क्राइम थ्रिलर " थी. घोष पैनक्रिएटाइटिस से पीड़ित थे और गुरुवार सुबह उनकी अपने घर में मृत्यु हुई.
ऋतुपर्णो घोष की अधिकतर फिल्में बंगला में थी और आखिरी तीन फिल्में रवीन्द्रनाथ टैगोर की रचनाओं पर आधारित थीं. उन्होंने अपने 20 साल के करियर में कुछ फिल्मों में अभिनय भी किया. जस्ट अनअदर लव स्टोरी नाम की बॉलीवुड फिल्म में उन्होंने एक बायसेक्शुअल व्यक्ति की भूमिका निभाई थी.
साल 2000 में उन्हें बर्लिन के अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में नेटवर्क फॉर प्रमोशन ऑफ एशियन सिनेमा अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. यह अवॉर्ड उन्हें बाड़ीवाली फिल्म के लिए दिया गया था.
भारत के सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने घोष के निधन पर शोक जताते हुए कहा, "मैं उनकी दुखद और वक्त से पहले हुई मौत से हतप्रभ हूं. वह प्रतिभाशाली और रचनात्मक जीनियस वाले फिल्मकार थे." गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित बॉलीवुड के अभिनेताओं, फिल्म निर्माताओं ने उन्हें प्रतिभाशाली फिल्मकार बताते हुए उनकी असामयिक मृत्यु पर शोक जताया है. फिल्मकार मीरा नायर ने ट्वीट किया है, "ऋतुपर्णो घोष की मृत्यु का दुखद समाचार. इतने युवा, बहुत बढ़िया, सिनेमा और जीवन में प्रयोगधर्मी, एक ज्योति बुझ गई."
रिपोर्टः आभा मोंढे (एएफपी, डीपीए)
संपादनः महेश झा